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हिमाचल प्रदेश: हाटी समुदाय को ST का दर्जा, 3 लाख की आबादी को मोदी कैबिनेट का तोहफा

hati community in himachal: केंद्रीय कैबिनेट ने हिमाचल के सिरमौर जिले के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को हरी झंडी दे दी है. मोदी कैबिनेट के इस फैसले के बाद हाटी समुदाय की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई है.

hati community in himachal
हिमाचल प्रदेश: हाटी समुदाय को ST का दर्जा
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Published : Sep 14, 2022, 5:08 PM IST

Updated : Sep 14, 2022, 5:15 PM IST

दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने हिमाचल के सिरमौर जिले के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को हरी झंडी दे दी है. मोदी कैबिनेट के इस फैसले के बाद हाटी समुदाय की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. अनुराग ठाकुर ने कहा कि सिरमौर के हाटी समुदाय की ये मांग 50 सालों से भी अधिक पुरानी है. सिरमौर के साथ लगते उत्तराखंड के जौनसार इलाके में एक जैसी संस्कृति, बोली होने पर वहां के लोगों को जनजातीय दर्जा हासिल है. हाटी समुदाय के लोगों की भी लंबे समय से मांग थी कि उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए. आज केंद्रीय कैबिनेट ने इस मांग को मान लिया है और ये एक ऐतिहासिक (hati community in himachal) फैसला है.

वहीं, हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर हाटी समुदाय को बधाई दी है. उन्होंने लिखा कि 'केंद्रीय कैबिनेट द्वारा हिमाचल के जिला सिरमौर के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मंजूरी प्रदान करने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी माननीय गृहमंत्री श्री Amit Shah जी माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष J.P.Nadda जी का बहुत बहुत धन्यवाद' हाटी समुदाय के लोगों को हार्दिक बधाई'.

वीडियो.

दरअसल हिमाचल के सिरमौर जिले का गिरिपार इलाका (Hati community Fighting for Tribal status) और उत्तराखंड का जौनसार बावर क्षेत्र भौगलिक परिस्थितियां एक समान है. उत्तराखंड के जौसार बावर इलाके को 60 के दशक में ही जनजातीय इलाके का दर्जा मिल गया था लेकिन हिमाचल के हाटी समुदाय की ये मांग पिछले करीब 6 दशक से अधूरी थी. जनजातीय दर्जे की मांग को लेकर हाटी समुदाय लंबे वक्त से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहा है. अब फैसला हाटियों के पक्ष में आते ही सिरमौर में लोग नाटियों पर झूम रहे हैं.

वीडियो.

करीब 3 लाख की आबादी होगी लाभान्वित- करीब 60 साल बाद हाटी समुदाय की ये मांग पूरी हुई है. ऐसे में इस फैसले को ऐतिहासिक बताया जा रहा है. दरअसल इस फैसले से गिरिपार की करीब 3 लाख की आबादी लाभान्वित होगी. अनुसूचित जाति का दर्जा मिलने के बाद इस क्षेत्र को आरक्षण से लेकर केंद्रीय योजनाओं का फंड, नौकरियों में आरक्षण जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी. कुल मिलाकर दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इलाके का कायाकल्प करने के लिहाज से ये बड़ा फैसला साबित हो सकता है.

hati community in himachal
हाटी समुदाय को ST का दर्जा

चुनाव साल में मास्टरस्ट्रोक- इस फैसले से (hati community in himachal) गिरिपार के लोगों को तो फायदा होगा ही, लेकिन इस फैसले का सियासी फायदा बीजेपी को भी मिल सकता है. केंद्र और राज्य में इस वक्त बीजेपी की सरकार है. पिछले करीब 60 साल से लंबित पड़ी मांग को बीजेपी ने चुनावी साल में अंजाम तक पहुंचा दिया है. सिरमौर जिले की सभी 5 सीटों पर हाटी समुदाय के लोग रहते हैं. इस समय हाटी समुदाय की करीब 3 लाख की आबादी सिरमौर जिले में रहती है. ऐसे में सियासी जानकार चुनावी साल में केंद्र सरकार के इस फैसले को मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं.

ये भी पढे़ं- हिंदी दिवस पर HPU का बड़ा फैसला, विश्वविद्यालय के सभी आधिकारिक काम हिंदी में करेगा विवि प्रशासन

दिल्ली: केंद्रीय कैबिनेट ने हिमाचल के सिरमौर जिले के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने को हरी झंडी दे दी है. मोदी कैबिनेट के इस फैसले के बाद हाटी समुदाय की दशकों पुरानी मांग पूरी हुई है. बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. अनुराग ठाकुर ने कहा कि सिरमौर के हाटी समुदाय की ये मांग 50 सालों से भी अधिक पुरानी है. सिरमौर के साथ लगते उत्तराखंड के जौनसार इलाके में एक जैसी संस्कृति, बोली होने पर वहां के लोगों को जनजातीय दर्जा हासिल है. हाटी समुदाय के लोगों की भी लंबे समय से मांग थी कि उन्हें अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया जाए. आज केंद्रीय कैबिनेट ने इस मांग को मान लिया है और ये एक ऐतिहासिक (hati community in himachal) फैसला है.

वहीं, हिमाचल भाजपा के अध्यक्ष सुरेश कश्यप ने भी सोशल मीडिया पर पोस्ट डाल कर हाटी समुदाय को बधाई दी है. उन्होंने लिखा कि 'केंद्रीय कैबिनेट द्वारा हिमाचल के जिला सिरमौर के हाटी समुदाय को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने की मंजूरी प्रदान करने के लिए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री Narendra Modi जी माननीय गृहमंत्री श्री Amit Shah जी माननीय राष्ट्रीय अध्यक्ष J.P.Nadda जी का बहुत बहुत धन्यवाद' हाटी समुदाय के लोगों को हार्दिक बधाई'.

वीडियो.

दरअसल हिमाचल के सिरमौर जिले का गिरिपार इलाका (Hati community Fighting for Tribal status) और उत्तराखंड का जौनसार बावर क्षेत्र भौगलिक परिस्थितियां एक समान है. उत्तराखंड के जौसार बावर इलाके को 60 के दशक में ही जनजातीय इलाके का दर्जा मिल गया था लेकिन हिमाचल के हाटी समुदाय की ये मांग पिछले करीब 6 दशक से अधूरी थी. जनजातीय दर्जे की मांग को लेकर हाटी समुदाय लंबे वक्त से शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहा है. अब फैसला हाटियों के पक्ष में आते ही सिरमौर में लोग नाटियों पर झूम रहे हैं.

वीडियो.

करीब 3 लाख की आबादी होगी लाभान्वित- करीब 60 साल बाद हाटी समुदाय की ये मांग पूरी हुई है. ऐसे में इस फैसले को ऐतिहासिक बताया जा रहा है. दरअसल इस फैसले से गिरिपार की करीब 3 लाख की आबादी लाभान्वित होगी. अनुसूचित जाति का दर्जा मिलने के बाद इस क्षेत्र को आरक्षण से लेकर केंद्रीय योजनाओं का फंड, नौकरियों में आरक्षण जैसी सुविधाएं मिल सकेंगी. कुल मिलाकर दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों वाले इलाके का कायाकल्प करने के लिहाज से ये बड़ा फैसला साबित हो सकता है.

hati community in himachal
हाटी समुदाय को ST का दर्जा

चुनाव साल में मास्टरस्ट्रोक- इस फैसले से (hati community in himachal) गिरिपार के लोगों को तो फायदा होगा ही, लेकिन इस फैसले का सियासी फायदा बीजेपी को भी मिल सकता है. केंद्र और राज्य में इस वक्त बीजेपी की सरकार है. पिछले करीब 60 साल से लंबित पड़ी मांग को बीजेपी ने चुनावी साल में अंजाम तक पहुंचा दिया है. सिरमौर जिले की सभी 5 सीटों पर हाटी समुदाय के लोग रहते हैं. इस समय हाटी समुदाय की करीब 3 लाख की आबादी सिरमौर जिले में रहती है. ऐसे में सियासी जानकार चुनावी साल में केंद्र सरकार के इस फैसले को मास्टरस्ट्रोक बता रहे हैं.

ये भी पढे़ं- हिंदी दिवस पर HPU का बड़ा फैसला, विश्वविद्यालय के सभी आधिकारिक काम हिंदी में करेगा विवि प्रशासन

Last Updated : Sep 14, 2022, 5:15 PM IST
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