बोलपुर: नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) एक धोखा है. अमर्त्य सेन ने बुधवार को अपने प्रतीची आवास पर छात्रों से बात करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) में धोखा है. इसका निश्चित रूप से हिंदू राष्ट्र का मार्ग प्रशस्त करने से कुछ लेना-देना है. हम हजारों वर्षों से यूसीसी के साथ हैं, यह कोई नई बात नहीं है. बुधवार को विश्वभारती के छात्रों ने प्रोफेसर अमर्त्य सेन से उनके आवास पर मुलाकात की.
यहां सेन ने विश्वभारती की मौजूदा स्थिति पर चिंता व्यक्त की. विश्व भारती के कुलपति विद्युत चक्रवर्ती के कार्यकाल के दौरान, पारंपरिक पौष मेला, बसंतोत्सव को निलंबित कर दिया गया था. एक दीवार बन गयी है. विरोध करते ही छात्रों, प्रोफेसरों, कर्मचारियों और अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया. दूसरी ओर, हाल के वर्षों में विश्वभारती की एनआईआरएफ रैंकिंग में गिरावट आई है.
इसके अलावा विश्वभारती के कुलपति नोबेल विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन को जमीन हड़पने वाला कहकर भी विवादों में घिर गए हैं. विश्वभारती के छात्र बुधवार को शांतिनिकेतन स्थित उनके आवास प्रतिची पर पहुंचे और प्रोफेसर सेन से मुलाकात की. छात्रों ने कहा कि जमीन विवाद में वे प्रोफेसर सेन के साथ हैं. इसके अलावा छात्र विश्वभारती की मौजूदा स्थिति से निजात पाने के लिए अमर्त्य सेन की सलाह चाहते हैं. प्रोफेसर सेन ने करीब 40 मिनट तक छात्रों से बात की.
सेन ने कहा कि हमारे बीच कई तरह के मतभेद हैं, धार्मिक मतभेद भी हो सकते हैं. नियम-कायदों का पालन करने में मतभेद हो सकता है. इसके अलावा, हम सभी को एकजुट होने की जरूरत है. मैंने एक अखबार में देखा कि समान नागरिक संहिता के बारे में लिखा था. ऐसी बकवास कहां से आ गई. नोबेल पुरस्कार विजेता ने आगे कहा कि हम हजारों वर्षों से समान नागरिक संहिता के साथ हैं. अब कहा जा सकता है कि समान नागरिक संहिता लागू होने की दिशा में एक कदम आगे बढ़ गया है.
उन्होंने कहा कि हमें यह सोचना होगा कि इसे शुरू करने से किसे फायदा होगा. भारत रत्न अमर्त्य सेन का मानना है कि समान नागरिक संहिता हिंदू राष्ट्र के लिए मार्ग प्रशस्त करने का एक तरीका है. उन्होंने कहा कि हिंदू राष्ट्र ही एकमात्र रास्ता नहीं है. हिंदू धर्म का दुरुपयोग किया जा रहा है.