नई दिल्ली : कोविड-19 को महामारी घोषित किए जाने के एक साल बाद, बच्चों के लिए काम करने वाली एजेंसी यूनिसेफ ने एक डाटा रिलीज की है, जिसमें उपलब्ध आंकड़े दुनियाभर में बच्चों के लिए चौंकाने वाले तथ्यों को उजागर किया है. यह आंकड़ा काफी चिंताजनक और निराश करने वाला है. कोविड-19 महामारी, दुनियाभर में बच्चों के उन्नति और विकास के लिए उठाए गए कदम पर असर डाल सकता है.
यूनिसेफ के आंकड़े
- यूनिसेफ के नए आंकड़ों के मुताबिक, मार्च 2021 तक 107 देशों में 71 मिलियन कोविड-19 संक्रमणों का 13 प्रतिशत (कुल वैश्विक संक्रमण का 62 प्रतिशत) 20 वर्ष से कम आयु के बच्चों और किशोरों के बीच का है.
- विकासशील देशों में, बाल गरीबी में लगभग 15 प्रतिशत वृद्धि होने की उम्मीद है. इन देशों में अतिरिक्त 140 मिलियन बच्चों को पहले से ही गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले घरों में रहने का अनुमान है.
- वैश्विक स्तर पर 168 मिलियन से अधिक स्कूली बच्चों के स्कूल लगभग एक साल से बंद कर दिये गए हैं. जबकि पूर्ण या आंशिक रूप से बंद होने वाले दो-तिहाई देश लैटिन अमेरिका और कैरेबियन में हैं.
- कम से कम 3 में से 1 स्कूली बच्चें लॉकडाउन के दौरान स्कूल बंद हो जाने के बाद से ऑन लाइन शिक्षा प्राप्त करने में असमर्थ रहे हैं.
- आंकड़ों के मुताबिक दशक के अंत से पहले लगभग 10 मिलियन अतिरिक्त बाल विवाह हो सकते हैं, जो कि बाल विवाह को रोकने के लिए अब तक किए गये सार्थक प्रयासों को कम कर सकता है.
- कम से कम 7 में से 1 बच्चें और युवा पिछले साल के अधिकांश समय तक घर में ही रहना पड़ा, जिसकी वजह से वें चिंता, अवसाद और अलगाव की भावनाओं से ग्रसित हो सकते हैं.
- नवंबर 2020 तक, 5 वर्ष से कम आयु के 6 से 7 मिलियन अतिरिक्त बच्चे बर्बाद या तीव्र कुपोषण से पीड़ित हो सकते हैं. जोकि परिणामस्वरुप 14 प्रतिशत (लगभग 54 मिलियन) ज्यादातर उप-सहारा अफ्रीका और दक्षिण एशिया में प्रति माह 10,000 से अधिक अतिरिक्त बच्चों की मृत्यु में बदल सकती है. बच्चों और महिलाओं के लिए पोषण सेवाओं में 40 प्रतिशत की गिरावट के साथ, कई अन्य पोषण परिणाम खराब हो सकते हैं.
- नवंबर 2020 तक, 95 मिलियन से अधिक लोगों पर 26 देशों में मीजल्स का वैक्सीन रोक देने की वजह से अभी भी खतरे में हैं. (मीजल्स, जिसे खसरा, शीतला रोग भी कहते हैं, अब तक ज्ञात सबसे संक्रामक रोगों में से एक है)
- नवंबर 2020 तक, उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक बॉर्डर बंद होने की वजह से 59 देशों में दूसरे देशों के शरणार्थी या शरण चाहने वालें अन्य लोग कोविड-19 से संबंधित सामाजिक सुरक्षा की सहायता प्राप्त करने से वंचित हैं.
- दुनिया भर में लगभग 3 बिलियन लोगों को घर पर साबुन और पानी के साथ बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. कम से कम विकसित देशों में, तीन चौथाई लोग, दो-तिहाई से अधिक स्कूल और स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं के एक चौथाई हिस्से में कोविड-19 के संक्रमण को फैलने से कम करने के लिए आवश्यक बुनियादी स्वच्छता सेवाओं का अभाव है.
- पानी, स्वच्छता और स्वच्छता की कमी से होने वाली बीमारियों से हर दिन औसतन 5 साल से कम उम्र वाले 700 बच्चें मर रहे हैं.
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