न्यूयॉर्क: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने रविवार को जी20 सदस्यों की नई दिल्ली घोषणा की सराहना करते हुए कहा कि यह निस्संदेह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत का प्रतिनिधित्व करता है. एक विशेष साक्षात्कार में थरूर ने कहा, 'दिल्ली घोषणा निस्संदेह भारत के लिए एक कूटनीतिक जीत है. यह एक अच्छी उपलब्धि है क्योंकि जब तक जी20 शिखर सम्मेलन आयोजित नहीं किया गया था, तब तक व्यापक उम्मीद थी कि कोई समझौता नहीं होगा.
शनिवार को जी20 शिखर सम्मेलन के उद्घाटन के दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि औपचारिक रूप से इसे अपनाने की घोषणा करने से पहले जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन घोषणा पर आम सहमति बनाई गई थी. प्रधानमंत्री मोदी ने दिन भर जी20 सत्र की अध्यक्षता की. शेरपाओं और मंत्रियों को जी20 सदस्यों और अन्य हितधारकों के बीच एक आम सहमति बनाने की दिशा में काम करने के लिए बधाई दी. थरूर ने नई दिल्ली घोषणा पर सभी सदस्य देशों को आम सहमति पर लाने के लिए भारत की सराहना की.
मुख्य कारण उन लोगों के बीच बड़ी खाई थी जो यूक्रेन में रूसी युद्ध की निंदा करना चाहते थे. रूस और चीन जैसे देश उस विषय का कोई उल्लेख नहीं करना चाहते थे. थरूर ने कहा, भारत उस अंतर को पाटने का फॉर्मूला ढूंढने में सक्षम रहा और यह एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक उपलब्धि है. क्योंकि जब बिना संयुक्त विज्ञप्ति के कोई शिखर सम्मेलन होता है, तो इसे हमेशा अध्यक्ष के लिए एक झटके के रूप में देखा जाता है.
थरूर ने कहा कि भारत की अध्यक्षता में जी20 शिखर सम्मेलन के आयोजन पर थरूर ने कहा कि सरकार ने वास्तव में इसे 'पीपुल्स जी20' बना दिया है. इसकी अध्यक्षता के बारे में जो बातें उल्लेखनीय थीं, वह यह थी कि उन्होंने कुछ ऐसा किया जो पिछले किसी भी जी20 की अध्यक्षता करने वाले देश ने नहीं किया था. उन्होंने वास्तव में इसे एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम बना दिया. 58 शहरों में व्यापक स्तर पर 200 बैठकों के साथ उन्होंने जी20 को एक प्रकार के लोगों के जी20 में बदल दिया. सार्वजनिक कार्यक्रमों के साथ, यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम, सिविल सोसायटी, ये सभी चीजें इनकी अध्यक्षता में हुईं.
यह कुछ मायनों में जी20 के संदेश को संपूर्ण लोगों तक पहुंचाने का श्रेय भारत को भी है. लेकिन यह सत्तारूढ़ दल द्वारा जी20 को एक ऐसी चीज के रूप में साधने का भी प्रयास था जो उनके लिए एक संपत्ति बन जाए. प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को जी20 शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा करते हुए अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग के लिए प्रमुख मंच पर दिए गए सुझावों और प्रस्तावों की समीक्षा के लिए नवंबर में एक आभासी जी20 सत्र आयोजित करने का प्रस्ताव रखा.
इस पर थरूर ने कहा, 'उन्हें ऐसा करने का पूरा अधिकार है, वे सत्ताधारी पार्टी हैं. कई देशों ने जी20 कार्यक्रम की मेजबानी की है, लेकिन कभी भी किसी सत्तारूढ़ दल ने अपने नेतृत्व का इस तरह से जश्न नहीं मनाया. ये पूरी विश्वगुरु अवधारणा, दिल्ली में हर 50 मीटर पर पीएम मोदी के पोस्टर. ये सभी जी20 का विज्ञापन इस तरह कर रहे हैं जैसे कि यह पीएम मोदी और भाजपा सरकार की व्यक्तिगत उपलब्धि हो और मुझे लगता है कि इसने कुछ लोगों की भौंहें चढ़ा दी हैं. शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा करने से पहले, पीएम मोदी ने ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज इनासियो लूला दा सिल्वा को समूह 20 की अध्यक्षता का औपचारिक उपहार सौंपा. भारत ने पिछले साल एक दिसंबर को G20 की अध्यक्षता संभाली थी और देश भर के 60 शहरों में जी20 से संबंधित लगभग 200 बैठकें आयोजित की गईं थीं.
(एएनआई)