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रिजिजू बोले, न्यायपालिका को नियंत्रण में नहीं ले रही सरकार, जज देश के प्रति प्रतिबद्ध हों

केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने विपक्ष के आरोपों का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान का पालन करने के बारे में कोई दो तरीके नहीं हैं. उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार न्यायपालिका को कमजोर नहीं कर रही है. उन्होंने कहा कि जब से मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है, जब देश चलाने की बात आती है तो संविधान को एक 'पवित्र पुस्तक' माना जाता है. मंत्री ने कहा कि न्यायाधीशों को देश के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए न कि कार्यपालिका के प्रति.

Kiren Rijiju
किरेन रिजिजू
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Published : Dec 27, 2022, 8:53 AM IST

नई दिल्ली: कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कई साल पहले यह चर्चा होती थी कि जो भी जज बने उसे सरकार के लिए काम करना चाहिए, लेकिन मौजूदा सरकार का मानना है कि जजों को राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष का कहना है कि सरकार न्यायपालिका को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सरकार को लगता है कि न्यायाधीशों को राष्ट्र के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए.

  • I addressed 16th All India Adhivakta Parishad Conference at Kurukshetra University, Haryana.
    Glad to share my thoughts on various challenges, & opportunities of Indian Judicial System. pic.twitter.com/43LmKzFAy7

    — Kiren Rijiju (@KirenRijiju) December 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कानून मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि लोग न्यायाधीशों के काम पर मतदान नहीं करेंगे, लेकिन जनता की राय में उनका काम जांच के लिए खुला है. अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के 16वें राष्ट्रीय सम्मेलन में 'भारतीय न्याय व्यवस्था के सामने नई चुनौतियां और अवसर' विषय पर विचार प्रकट करते हुए रिजिजू ने दावा किया कि कई साल पहले कुछ कदम उन लोगों द्वारा उठाए गए थे, जो सरकार में थे, ताकि इसे खत्म किया जा सके. न्यायाधीशों की वरिष्ठता, तब बहस और चर्चा हुई कि सरकार के लिए प्रतिबद्ध न्यायपालिका की जरूरत है.

पढ़ें: भारत को सफलता के शिखर पर ले जाना है तो अतीत के संकुचित नजरिये से आजाद होना होगा: प्रधानमंत्री

उन्होंने कहा कि लोग ऐसा सोचते हैं, जो भी जज बने, उसे सरकार के लिए काम करना चाहिए, मगर हमें लगता है कि जो भी जज बनता है, उसे देश के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए न कि सरकार के प्रति. हमारे लिए एक प्रतिबद्ध न्यायपालिका देश के लिए है, लेकिन सरकार देश के लिए है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हम न्यायपालिका पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे हैं. मगर हम इस तरह से नहीं सोच सकते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश संविधान की भावना से चलेगा और सरकार संविधान के अनुसार काम करेगी.

कानून मंत्री ने कहा कि उन्होंने विभिन्न मंचों पर कॉलेजियम प्रणाली पर सवाल उठाए थे और 1993 तक कोई बहस या चर्चा नहीं हुई थी, लेकिन 1993 के बाद क्या हुआ, सभी जानते हैं. उन्होंने बताया कि कुछ राजनीतिक दलों का दावा है कि कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच घर्षण है और सरकार न्यायपालिका पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रही है और कई बार समाचार आउटलेट समाचारों में मसाला रखने के लिए ऐसा करते हैं. रिजिजू ने कहा कि लेकिन प्रधानमंत्री ने हमेशा कहा है कि संविधान सबसे पवित्र किताब है और देश संविधान से चलेगा.

पढ़ें: अटल स्मारक पर राहुल गांधी द्वारा श्रद्धाजंलि केवल फोटो अपॉर्चुनिटी- बीजेपी

नई दिल्ली: कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने सोमवार को विपक्ष पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि कई साल पहले यह चर्चा होती थी कि जो भी जज बने उसे सरकार के लिए काम करना चाहिए, लेकिन मौजूदा सरकार का मानना है कि जजों को राष्ट्र के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए. उन्होंने कहा कि विपक्ष का कहना है कि सरकार न्यायपालिका को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है, लेकिन सरकार को लगता है कि न्यायाधीशों को राष्ट्र के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए.

  • I addressed 16th All India Adhivakta Parishad Conference at Kurukshetra University, Haryana.
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    — Kiren Rijiju (@KirenRijiju) December 26, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

कानून मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि लोग न्यायाधीशों के काम पर मतदान नहीं करेंगे, लेकिन जनता की राय में उनका काम जांच के लिए खुला है. अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के 16वें राष्ट्रीय सम्मेलन में 'भारतीय न्याय व्यवस्था के सामने नई चुनौतियां और अवसर' विषय पर विचार प्रकट करते हुए रिजिजू ने दावा किया कि कई साल पहले कुछ कदम उन लोगों द्वारा उठाए गए थे, जो सरकार में थे, ताकि इसे खत्म किया जा सके. न्यायाधीशों की वरिष्ठता, तब बहस और चर्चा हुई कि सरकार के लिए प्रतिबद्ध न्यायपालिका की जरूरत है.

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उन्होंने कहा कि लोग ऐसा सोचते हैं, जो भी जज बने, उसे सरकार के लिए काम करना चाहिए, मगर हमें लगता है कि जो भी जज बनता है, उसे देश के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए न कि सरकार के प्रति. हमारे लिए एक प्रतिबद्ध न्यायपालिका देश के लिए है, लेकिन सरकार देश के लिए है. उन्होंने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि हम न्यायपालिका पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहे हैं. मगर हम इस तरह से नहीं सोच सकते. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि देश संविधान की भावना से चलेगा और सरकार संविधान के अनुसार काम करेगी.

कानून मंत्री ने कहा कि उन्होंने विभिन्न मंचों पर कॉलेजियम प्रणाली पर सवाल उठाए थे और 1993 तक कोई बहस या चर्चा नहीं हुई थी, लेकिन 1993 के बाद क्या हुआ, सभी जानते हैं. उन्होंने बताया कि कुछ राजनीतिक दलों का दावा है कि कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच घर्षण है और सरकार न्यायपालिका पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रही है और कई बार समाचार आउटलेट समाचारों में मसाला रखने के लिए ऐसा करते हैं. रिजिजू ने कहा कि लेकिन प्रधानमंत्री ने हमेशा कहा है कि संविधान सबसे पवित्र किताब है और देश संविधान से चलेगा.

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