उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के ताला वन परिक्षेत्र में एक बाघिन ने वन अधिकारी पर हमला कर दिया है. इतना ही नहीं बाघिन ने अधिकारी की जांघ को अपने जबड़े में दबा लिया और खींचने का प्रयास करने लगी. गनीमत यह रही कि घटना के समय उनके साथ बड़ी संख्या में विभागीय कर्मचारी मौजूद थे, जिनके तेज-तेज चिल्लाने पर बाघिन उन्हे छोड़ कर चली गयी और उनकी जान बच गई. घायल हालत में सहायक परिक्षेत्र को जिला अस्पताल उमरिया में भर्ती कराया गया है. जहां उनका इलाज किया जा रहा है.
वार्षिक गणना के दौरान हुआ हादसा: इन दिनों बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में वन्यजीवों की वार्षिक गणना का कार्य चल रहा है. विभागीय अमला इसी को लेकर ताला वन परिक्षेत्र की महामन बीट के गोहड़ी सर्किल में पहुंचे थे. इस बीच कार्रवाई के दौरान झाडियों में छिपी बाघिन ने अचानक डिप्टी रेंजर जितेंद्र सिंह पर हमला कर दिया. सूत्रों के मुताबिक बाघिन इतनी नाराज थी कि उसने डिप्टी रेंजर के पैर का ऊपरी हिस्सा अपने जबड़े से पकड़ लिया और उन्हें खींचने लगी. साथ में मौजूद लोगों के हो-हल्ला करने के बाद अधिकारी को छोड़ कर बाघिन वापस जंगल में चली गई. ये घटना तब हुई जब मादा अपने शावकों के साथ बैठी हुई थी. अक्सर जब बाघिन को लगता है कि उनके शावकों को किसी तरह का खतरा है, तो वह सामने वाले पर हमला कर देती है.
अभियान में लगे 550 कर्मचारी: बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में विगत 20 जनवरी से वन्यजीवों की गणना का कार्य शुरू हुआ है. पहले 3 दिन यानी 22 जनवरी तक मांसाहारी वन्य प्राणियों की गिनती की जानी है, जबकि 23 से 25 जनवरी तक शाकाहारी वन्य जीवों और 1 दिन गिद्धों की गणना की जाएगी. इस अभियान में टाइगर रिजर्व के 500 कर्मचारियों के साथ ही बिहार प्रदेश वन विभाग के 50 प्रशिक्षु वनरक्षक और वनपाल भी लगे हुए है.
बाघ के हमले से 1 की मौत और 1 घायल, अलग-अलग जिले में घटी घटना
किशोर को उतारा था मौत के घाट: 2023 के जनवरी 8 तारीख को बांधवगढ़ नेशनल पार्क के मानपुर बफर अंतर्गत ग्राम खिचकिड़ी में बाघ ने 16 साल के किशोर को मौत के घाट उतार दिया था. अपने खेत जा रहे मुकेश पर हमला करने वाले टाईगर को 7 दिन की कड़ी मेहनत के बाद 15 जनवरी को गढरोला गांव के पास से रेस्क्यू किया गया था, जिसे वहां से हटाकर कोर क्षेत्र के घने जंगलों में छोड़ दिया गया था.