भोपाल : मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने अपने बयान पर सफाई दी है कि वह ब्यूरोक्रसी के बचाव में ही बोल रही थीं. उन्होंने कहा कि भोपाल में मेरे निवास पर पिछड़े वर्ग का एक प्रतिनिधि मण्डल मुझसे मिला. यह मुलाक़ात औपचारिक नहीं थी. उस पूरी बातचीत का वीडियो वायरल हुआ है.
उन्होंने कहा कि मैं मीडिया की आभारी हूं की उन्होंने मेरा पूरा ही वीडियो दिखा दिया क्यूंकि मैं तो ब्यूरोक्रसी के बचाव में ही बोल रही थी. हम नेताओं में से कुछ सत्ता में बैठे निक्कमे नेता अपने निकम्मेपन से बचने के लिये ब्यूरोक्रसी की आड़ ले लेते हैं कि हम तो बहुत अच्छे हैं, लेकिन ब्यूरोक्रसी हमारे अच्छे काम नहीं होने देती. जबकि सच्चाई यह है की ईमानदार ब्यूरोक्रसी, सत्ता में बैठे हुए मजबूत, सच्चे एवं नेक इरादे वाले नेता का साथ देती है. यही मेरा अनुभव है.
पूर्व मंत्री ने आगे कहा कि मुझे रंज है मैंने आज से यह सबक सीखा है कि सीमित लोगों के बीच अनौपचारिक बातचीत में भी सही भाषा का प्रयोग करना चाहिये. मैंने इस संबंध में रेल विभाग को झांसी रेलवे स्टेशन के अधिकारियों के माध्यम से खबर दी है कि सारी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करिए अन्यथा आपको भारी जन आक्रोश का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि लोग बहुत परेशान हैं.
बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने ब्यूरोक्रेसी को मानने से ही इनकार करते हुए कहा था कि ब्यूरोक्रेसी कुछ नहीं होती है, ये तो नेताओं की चप्पल उठाने के लिए होती है. वहीं ब्यूरोक्रेसी द्वारा नेताओं को घुमाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ये फालतू बात है ब्यूरोक्रेसी की औकात क्या है, ब्यूरोक्रेसी नेता को घुमाती नहीं, अकेले में बात हो जाती है फिर ब्यूरोक्रेसी फाइल बनाकर लाती है.
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वहीं प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण दिये जाने को लेकर चल रही खींचतान पर उन्होंने दो टूक कहा कि सरकारी नौकरियों में आरक्षण लेकर भी क्या करोगे, जब सरकारी में कुछ बच ही नहीं रहा है, सबकुछ प्राइवेट किया जा रहा है तो ऐसे में आप सबको निजी क्षेत्रों में आरक्षण की मांग करनी चाहिए, तभी कुछ भला होगा. साथ ही एक ही देवता और एक ही पूजा पद्धति के अलावा बेटी-रोटी से ही आपकी ताकत बढ़ेगी.