गुवाहाटी: असम में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेनडेंट) ने दो युवकों की जान ले ली. उल्फा का दावा है कि मारे गए दोनों युवक भारतीय सेना के लिए उनके कैंप में मुखबिरी कर रहे थे. उन्हें भारतीय सेना ने जासूसी के उद्देश्य से ट्रेनिंग देकर भेजा था. उल्फा ने दोनों युवाओं को मौत के घाट उतारने के बाद उनका शव परिजनों को भी नहीं सौंपा. बताया जाता है कि हत्या के बाद शवों का उल्फा कैंप में ही अंतिम संस्कार कर दिया गया.
उग्रवादी संगठन उल्फा (इंडिपेनडेंट) ने शनिवार को एक बयान जारी कर दोनों युवकों की हत्या की जिम्मेदारी ली. बयान में दावा किया गया है कि संगठन के सर्वोच्च नेतृत्व के फैसले के बाद दोनों की हत्या की गई. कुछ दिन पहले दोनों युवक उल्फा में शामिल हुए थे. जहां उन्हें कैंप से भागने के दौरान पकड़ा गया. उल्फा ने दावा किया कि दोनों ने पूछताछ में जासूसी करना कबूल किया था. उग्रवादी संगठन के स्वघोषित कमांडर रिंजू असोम ने कहा कि संजीब शर्मा और धनजीत दास ने यहां ऐसी डिवाइस लगाने की कोशिश की थी, जिससे संगठन की लोकेशन पुलिस तक पहुंच सके.
कुछ दिन पहले यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम (इंडिपेनडेंट) ने इन दोनों युवाओं को जासूसी करते हुए पकड़ा था. इसके बाद उल्फा की ओर से एक वीडियो जारी किया गया, जिसमें असम पुलिस और भारतीय सेना पर संगीन आरोप लगाए गए थे. इस वीडियो में दावा किया गया था कि दोनों युवकों संजीब शर्मा और धनजीत दास को असम पुलिस ने उल्फा में शामिल होने के लिए भेजा था ताकि, उल्फा के शिविर की गुप्त सूचनाएं पुलिस तक पहुंचाई जा सकें. उल्फा ने दोनों युवकों का कबूलनामे का वीडियो भी जारी किया था. अभी तक इस मामले में पुलिस और राज्य सरकार की ओर से कोई बयान जारी नहीं किया गया है.