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यूक्रेन में नवीन की मौत : भाजपा विधायक बोले, शव की जगह जिंदा छात्रों को लाया जा सकता है - यूक्रेन रूस युद्ध

युद्धग्रस्त यूक्रेन के खारकीव में गोलाबारी में जान गंवाने वाले भारतीय छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर के परिजन जहां बेटे के शव के वापस आने का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच कर्नाटक के भाजपा विधायक अरविंद बेलाड ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध चल रहा है. जो जिंदा हैं, उन्हें तो वापस लाना मुश्किल हो रहा है, शव को लाना तो बहुत मुश्किल है.

Naveen death case
नवीन शेखरप्पा
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Published : Mar 3, 2022, 8:03 PM IST

धारवाड़ (कर्नाटक): यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर (Karnataka student Naveen Shekarappa) के शव को वापस लाने के सवाल पर कर्नाटक के भाजपा विधायक अरविंद बेलाड (Karnataka BJP MLA Arvind Bellad) ने गुरुवार को कहा कि शव की जगह और छात्रों को वापस लाया जा सकता है. बेलाड ने कहा, 'विमान में एक शव के लिए जरूरी जगह में आठ लोगों को समायोजित किया जा सकता है और उन्हें वापस लाया जा सकता है.'

पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि सरकार मृतक नवीन के शव को यूक्रेन से वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. वहां युद्ध चल रहा है. जो जिंदा हैं, उन्हें तो वापस लाना मुश्किल हो रहा है, शव को लाना तो बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा कि तमाम मुश्किलों के बावजूद विदेश मंत्रालय एमबीबीएस छात्र नवीन के शव को वापस लाने की कोशिश कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस मामले का विशेष ध्यान रख रहे हैं.

बेलाड ने कहा कि जो लोग यूक्रेन में हैं, वे काफी दबाव में हैं. यदि वे रोमानिया चले जाएं, तो वहां सुरक्षित रहेंगे. हमारे देश की सरकार ने वहां छात्रों के लिए खाने और रहने की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि वहां से लोगों को जल्द ही भारत वापस लाया जाएगा. उन्होंने सवाल किया कि भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने बड़ी संख्या में यूक्रेन क्यों जा रहे हैं? इसका कारण यहां पर होने वाला भारी भरकम खर्च है. उन्होंने कहा, 'हमारे पास भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) है, जो एक निजी संस्थान है. वे एमबीबीएस सीटों के लिए कृत्रिम मांग पैदा कर रहे हैं.'

बेलाड ने कहा कि अतिरिक्त सीटें आवंटित करना निषेध है, क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार का एक तत्व मौजूद है. एमसीआई के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. भारतीय छात्रों को यहां सस्ती चिकित्सा शिक्षा क्यों नहीं मिल सकती?

यह भी पढ़ें- नवीन का शव पहुंचने को लेकर अनिश्चितता, जानें क्या हैं अंतरराष्ट्रीय कानून

नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर यूक्रेन के खारकीव में एक मार्च को गोलाबारी का शिकार होने वाले पहले भारतीय छात्र थे. नवीन के माता-पिता और भाई भारत सरकार से उनके शव को वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पीड़ित परिवार से बात की है और आश्वासन दिया है कि वे नवीन के शव को वापस लाने के लिए सभी प्रयास करेंगे. उसके पिता शेखरप्पा ने पीएम मोदी से बात करते हुए यूक्रेन में फंसे हजारों छात्रों को वापस लाने की अपील की. हालांकि अभी तक परिजनों को शव मिलने की कोई जानकारी नहीं मिली है.

धारवाड़ (कर्नाटक): यूक्रेन में गोलाबारी में मारे गए मेडिकल छात्र नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर (Karnataka student Naveen Shekarappa) के शव को वापस लाने के सवाल पर कर्नाटक के भाजपा विधायक अरविंद बेलाड (Karnataka BJP MLA Arvind Bellad) ने गुरुवार को कहा कि शव की जगह और छात्रों को वापस लाया जा सकता है. बेलाड ने कहा, 'विमान में एक शव के लिए जरूरी जगह में आठ लोगों को समायोजित किया जा सकता है और उन्हें वापस लाया जा सकता है.'

पत्रकारों से बात करते हुए भाजपा विधायक ने कहा कि सरकार मृतक नवीन के शव को यूक्रेन से वापस लाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. वहां युद्ध चल रहा है. जो जिंदा हैं, उन्हें तो वापस लाना मुश्किल हो रहा है, शव को लाना तो बहुत मुश्किल है. उन्होंने कहा कि तमाम मुश्किलों के बावजूद विदेश मंत्रालय एमबीबीएस छात्र नवीन के शव को वापस लाने की कोशिश कर रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद इस मामले का विशेष ध्यान रख रहे हैं.

बेलाड ने कहा कि जो लोग यूक्रेन में हैं, वे काफी दबाव में हैं. यदि वे रोमानिया चले जाएं, तो वहां सुरक्षित रहेंगे. हमारे देश की सरकार ने वहां छात्रों के लिए खाने और रहने की व्यवस्था की है. उन्होंने कहा कि वहां से लोगों को जल्द ही भारत वापस लाया जाएगा. उन्होंने सवाल किया कि भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई करने बड़ी संख्या में यूक्रेन क्यों जा रहे हैं? इसका कारण यहां पर होने वाला भारी भरकम खर्च है. उन्होंने कहा, 'हमारे पास भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) है, जो एक निजी संस्थान है. वे एमबीबीएस सीटों के लिए कृत्रिम मांग पैदा कर रहे हैं.'

बेलाड ने कहा कि अतिरिक्त सीटें आवंटित करना निषेध है, क्योंकि इसमें भ्रष्टाचार का एक तत्व मौजूद है. एमसीआई के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. भारतीय छात्रों को यहां सस्ती चिकित्सा शिक्षा क्यों नहीं मिल सकती?

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नवीन शेखरप्पा ज्ञानगौदर यूक्रेन के खारकीव में एक मार्च को गोलाबारी का शिकार होने वाले पहले भारतीय छात्र थे. नवीन के माता-पिता और भाई भारत सरकार से उनके शव को वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी और कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पीड़ित परिवार से बात की है और आश्वासन दिया है कि वे नवीन के शव को वापस लाने के लिए सभी प्रयास करेंगे. उसके पिता शेखरप्पा ने पीएम मोदी से बात करते हुए यूक्रेन में फंसे हजारों छात्रों को वापस लाने की अपील की. हालांकि अभी तक परिजनों को शव मिलने की कोई जानकारी नहीं मिली है.

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