नई दिल्ली : भारत सरकार (Government Of India) की तरफ से उठाए जा रहे तमाम कदमों के बावजूद यूक्रेन (Ukraine Crisis) में फंसे भारतीयों की समस्या खत्म नहीं हो पायीं हैं. रूस के हमले में मंगलवार को मारे गए एक भारतीय छात्र की मौत (Indian Student Died) के बाद सरकार की मुश्किल बढ़ गई है. हालांकि 'ऑपरेशन गंगा' (Operation Ganga ) के तहत तो भारतीयों को वापस लाया जा रहा है. 'ऑपरेशन गंगा' की मॉनिटरिंग सोमवार से प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने खुद कर रहे है. भारत संभवतः अकेला ऐसा देश है जिसने 4 केंद्रीय मंत्रियों को चेकोस्लोवाकिया, हंगरी, रोमानिया और पोलैंड के बॉर्डर पर भेजा है. उन्हें जिम्मेदारी दी गई कि वह खुद अपनी निगरानी में छात्रों को इन बॉर्डर से निकालकर भारत लाएं. इधर, विपक्ष ने सीधे-सीधे तौर पर भारत सरकार पर लापरवाही बरतने और देर से निकासी के कार्यक्रम की शुरू करने का आरोप लगाया है.
अब उत्तर प्रदेश के चुनाव में भी यूक्रेन की एंट्री हो गई है. मंगलवार को प्रियंका गांधी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव समेत विपक्ष के तमाम नेताओं ने ट्वीट और बयान के माध्यम से सरकार पर हमला बोला. सरकार को इवेक्युएशन के कार्य में तेजी लाने की अपील की. मंगलवार को भारतीय छात्र की मौत के बाद सरकार बैकफुट पर आ गई है. प्रधानमंत्री 2 दिनों के अंदर लगभग 6 से भी ज्यादा हाई लेवल बैठक कर चुके हैं.
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यूक्रेन पर रूस के हमले को लेकर भारत पर विपक्षी पार्टियां भी दबाव बनाने लग गई हैं. मामले में भारत ने आधिकारिक तौर पर ना तो रूस की निंदा की है और ना ही यूक्रेन की संप्रभुता पर कोई सवाल उठाया है. मगर रूस को लेकर अमेरिका के सामने उठाए गए सवाल पर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन के जवाब में, जिसमें उन्होंने यह कहा कि अमेरिका भारत से बात करेगा इसका फिलहाल कोई निष्कर्ष निकलता नजर नहीं आ रहा है. रूस और भारत के ऐतिहासिक संबंध है. लेकिन हाल में अमेरिका के साथ बढ़े, संबंधों को लेकर भारत की स्थिति असमंजस भरी रही है. हालांकि रूस के साथ भारत के रक्षा उपकरणों की आपूर्ति अभी भी होती रही है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से लड़ाई खत्म करने की अपील भी की थी.
यही वजह है कि एक तरफ ऐतिहासिक दोस्ती और दूसरी तरफ अमेरिका से संबंधों के बीच भारत की स्थिति पूरी तरह से पशोपेश में बनी हुई है. बीजेपी के ओबीसी मोर्चा के अध्यक्ष लक्ष्मण का कहना है कि कर्नाटक के छात्र की मौत को लेकर सरकार काफी संवेदनशील है. प्रधानमंत्री ने खुद परिवार से बात की. जहां तक भारतीय छात्रों के यूक्रेन से निकालने की बात है उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खुद अपनी मॉनिटरिंग में केंद्रीय मंत्रियों को भेजा है. यदि इसके बावजूद विपक्ष सवाल उठा रहा है तो उन्हें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए.