नई दिल्लीः भारत ने यूक्रेन संघर्ष फिर (russia ukraine war) भड़कने पर सोमवार को गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि युद्ध किसी के भी हित में नहीं है और सभी पक्षों को शत्रुता त्याग कर तत्काल कूटनीति एवं संवाद का रास्ता अपनाना चाहिए. पिछले कुछ समय से अपेक्षाकृत शांति के बाद सोमवार को फिर यूक्रेन के कुछ क्षेत्रों में रूस के मिसाइल हमलों पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची (Arindam bagchi) ने यह बात कही. बागची ने कहा, 'हम सभी पक्षों से तत्काल शत्रुता छोड़ने तथा कूटनीति एवं संवाद के मार्ग पर लौटने की अपील करते हैं.
भारत स्थिति सामान्य बनाने की दिशा में ऐसे सभी प्रयासों का समर्थन करने को तैयार है.' उन्होंने कहा कि यूक्रेन में संघर्ष के भड़कने से भारत काफी चिंतित है जिसमें आधारभूत ढांचे को निशाना बनाया गया और नागरिकों की मौत हुई. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि संघर्ष की शुरूआत के बाद से भारत ने सतत रूप से कहा है कि वैश्विक व्यवस्था संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों, अंतरराष्ट्रीय कानून एवं सभी देशों की सम्प्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता के आधार पर चलती है.
गौरतलब है कि रूस ने सोमवार को यूक्रेन की राजधानी कीव (Ukraine capital Kyiv) समेत उसके कई शहरों पर हमला किया जिसमें नागरिक ठिकानों को निशाना बनाया गया. राजधानी कीव में हमलों में आठ लोगों की मौत की खबर है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Vladimir putin) ने कहा कि यूक्रेन पर हमले मास्को नियंत्रित क्रीमिया प्रायद्वीप के एक पुल पर हमले कीव की 'आतंकवादी' कार्रवाई के जवाब में किए गए. कई घंटों तक चलने वाले भीषण हमले ने मास्को द्वारा अचानक सैन्य हमलों को तेज किए जाने को परिलक्षित किया है.
पुतिन ने शनिवार को रूस को क्रीमिया के कब्जे वाले क्षेत्र से जोड़ने वाले विशाल पुल पर विस्फोट को यूक्रेनी विशेष सेवाओं द्वारा नियोजित एवं अंजाम दिया गया एक 'आतंकवादी कृत्य' कहा था. ज्ञात हो कि पिछले महीने समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक से इतर प्रधनमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन के साथ बैठक में कहा था कि कि आज का युग युद्ध का युग नहीं है और संवाद एवं कूटनीति ऐसे विषय है जो दुनिया को स्पर्श करते हैं. इस दौरान पुतिन ने अपनी ओर से कहा था कि वह यूक्रेन संकट पर भारत की चिंताओं से अवगत हैं और वह जल्द इसे समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं.
(पीटीआई-भाषा)