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मुख्यमंत्रियों की पीएम से अपील- यूक्रेन से लौटे छात्रों का मेडिकल कोर्स पूरा कराए केंद्र सरकार - यूक्रेन से लौटे छात्रों का मेडिकल कोर्स

यूक्रेन से स्वदेश लौटे मेडिकल छात्रों के भविष्य को लेकर भारी अनिश्चितता के बीच तमिलनाडु और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में उनकी शिक्षा को जारी रखने में मदद करने का आग्रह किया है.

Stalin writes PM
स्टानिल मोदी
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Published : Mar 7, 2022, 4:27 PM IST

Updated : Mar 7, 2022, 9:45 PM IST

चेन्नई : युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्र अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं. मेडिकल छात्रों ने सरकार से उनके भविष्य को लेकर उचित फैसले लेने की अपील की है. अब कुछ राज्य सरकारों ने भी इन छात्रों की मांगों का समर्थन किया है. तमिलनाडु और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में उनकी शिक्षा को जारी रखने में मदद करने का आग्रह किया है.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि यूक्रेन से वापस आए मेडिकल के छात्रों की देश में पढ़ाई जारी रखने के लिए कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए. स्टालिन ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत होने के बाद से अब तक मेडिकल के 1,200 छात्र तमिलनाडु लौट चुके हैं और आने वाले दिनों में बाकी छात्रों के वापस आने की भी उम्मीद है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थिति के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हुई है और भविष्य भी खतरे में पड़ गया है. स्टालिन ने रूस और यूक्रेन के बीच जंग के कारण फंसे हजारों छात्रों को घर वापस लाने में केंद्र की भूमिका की सराहना की और इसके साथ ही उनके भविष्य की अनिश्चितता का निराकरण करने की जरूरत पर बल दिया. पत्र में कहा गया कि यूक्रेन में वर्तमान स्थिति को देखते हुए छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कॉलेज नहीं लौट सकते. स्टालिन ने मोदी से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और संबंधित मंत्रालयों के साथ पर चर्चा करने पर तत्काल हस्तक्षेप किया जाए.

ओडिशा सीएम ने पीएम को लिखा पत्र
वहीं, यूक्रेन से स्वदेश लौटे मेडिकल छात्रों के भविष्य को लेकर भारी अनिश्चितता के बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में उनकी शिक्षा को जारी रखने में मदद करने का आग्रह किया. यूक्रेन में युद्ध की स्थिति को देखते हुए ओडिशा और देश के अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में छात्रों को लौटना पड़ा. पटनायक ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा, 'अध्ययन में व्यवधान युद्ध की समाप्ति और पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र में सामान्य स्थिति की बहाली तक जारी रहने की संभावना है.'

उन्होंने कहा, 'यह एक अभूतपूर्व संकट है जो हजारों युवा पुरुषों और महिलाओं के करियर को बाधित कर सकता है जो पहले से ही युद्ध क्षेत्र में होने की पीड़ा से गुजर चुके हैं. इसलिए, मैं राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और संबंधित मंत्रालयों के साथ आपसे तत्काल हस्तक्षेप के लिए अनुरोध करता हूं, ताकि यूक्रेन में उनकी पढ़ाई बाधित हुई है, भारत में मेडिकल कॉलेजों में उनकी पढ़ाई को उस स्तर से जारी रखना सुनिश्चित किया जा सके और सुविधाजनक बनाया जा सके.' मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अपनी सरकार के पूर्ण समर्थन का भी आश्वासन दिया.

'यूक्रेन से वापस लाए गए छात्रों का भविष्य तय करना केंद्र की जिम्मेदारी'
वहीं, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को केंद्र सरकार से युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटने वाले छात्रों की भविष्य की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया और कहा, 'यह अच्छा है कि केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को बचाया है. लेकिन उनका भविष्य क्या है? इन छात्रों के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए यूक्रेन लौटना असंभव है. मीडिया दिखा रहा है कि रूसी सेना ने शैक्षणिक संस्थानों को नष्ट कर दिया है, जिनमें कई विश्वविद्यालय शामिल हैं.'

कुमारस्वामी ने कहा कि यूक्रेन से लौटे इन छात्रों का भविष्य बनाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, 'कर्नाटक में लगभग 50 से 60 मेडिकल कॉलेज हैं. अगर जरूरत पड़ी तो इन छात्रों को दाखिला देने के लिए एक प्रवेश परीक्षा होनी चाहिए. प्रत्येक कॉलेज में कम से कम 10 ऐसे छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी जाए.' उन्होंने कहा, राज्य के 2,65,720 करोड़ रुपये के बजट के साथ क्या कर्नाटक सरकार पर 50-100 करोड़ रुपये खर्च करने का बोझ होगा? केंद्र सरकार को लागत का 50 प्रतिशत वहन करने दें.

यूक्रेन में पढ़ाई करने गए छात्रों का ऋण माफ करे केंद्र : सीपीआईएम
भारतीय मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) ने यूक्रेन से भारत लौट रहे छात्रों के लिए केंद्र की मोदी सरकार से शिक्षा ऋणों का उदारतापूर्वक पुनर्गठन करने की मांग की है. पार्टी के अनुसार यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय छात्रों में से एक तिहाई छात्रों ने शिक्षा ऋण लिया था और अब वे ब्याज व पुनर्भुगतान के बोझ से दबे हैं. सीपीआईएम नेता व पूर्व सांसद सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय छात्रों में से कई ने शिक्षा ऋण लिया था और अब वे ब्याज व पुनर्भुगतान के बोझ से दबे हैं. पिछले 7 वर्षों में मोदी सरकार ने अपने साथियों द्वारा लिए गए 10.72 लाख करोड़ ऋण को बट्टे खाते में डाल दिया है. प्रधानमंत्री मोदी को इन शिक्षा ऋणों का उदारतापूर्वक पुनर्गठन करना चाहिए या उन्हें माफ करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन में 11 दिनों की जंग के बाद रूसी फौज का यूक्रेन में सीजफायर की घोषणा

चेन्नई : युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटे भारतीय छात्र अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं. मेडिकल छात्रों ने सरकार से उनके भविष्य को लेकर उचित फैसले लेने की अपील की है. अब कुछ राज्य सरकारों ने भी इन छात्रों की मांगों का समर्थन किया है. तमिलनाडु और ओडिशा के मुख्यमंत्रियों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रभावित छात्रों को भारत के मेडिकल कॉलेजों में उनकी शिक्षा को जारी रखने में मदद करने का आग्रह किया है.

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध किया कि यूक्रेन से वापस आए मेडिकल के छात्रों की देश में पढ़ाई जारी रखने के लिए कोई रास्ता निकाला जाना चाहिए. स्टालिन ने मोदी को लिखे पत्र में कहा कि यूक्रेन में युद्ध की शुरुआत होने के बाद से अब तक मेडिकल के 1,200 छात्र तमिलनाडु लौट चुके हैं और आने वाले दिनों में बाकी छात्रों के वापस आने की भी उम्मीद है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान स्थिति के कारण उनकी पढ़ाई बाधित हुई है और भविष्य भी खतरे में पड़ गया है. स्टालिन ने रूस और यूक्रेन के बीच जंग के कारण फंसे हजारों छात्रों को घर वापस लाने में केंद्र की भूमिका की सराहना की और इसके साथ ही उनके भविष्य की अनिश्चितता का निराकरण करने की जरूरत पर बल दिया. पत्र में कहा गया कि यूक्रेन में वर्तमान स्थिति को देखते हुए छात्र अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए कॉलेज नहीं लौट सकते. स्टालिन ने मोदी से आग्रह किया कि इस मुद्दे पर राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और संबंधित मंत्रालयों के साथ पर चर्चा करने पर तत्काल हस्तक्षेप किया जाए.

ओडिशा सीएम ने पीएम को लिखा पत्र
वहीं, यूक्रेन से स्वदेश लौटे मेडिकल छात्रों के भविष्य को लेकर भारी अनिश्चितता के बीच ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश में उनकी शिक्षा को जारी रखने में मदद करने का आग्रह किया. यूक्रेन में युद्ध की स्थिति को देखते हुए ओडिशा और देश के अन्य हिस्सों से बड़ी संख्या में छात्रों को लौटना पड़ा. पटनायक ने प्रधानमंत्री को लिखे एक पत्र में कहा, 'अध्ययन में व्यवधान युद्ध की समाप्ति और पूर्वी यूरोपीय राष्ट्र में सामान्य स्थिति की बहाली तक जारी रहने की संभावना है.'

उन्होंने कहा, 'यह एक अभूतपूर्व संकट है जो हजारों युवा पुरुषों और महिलाओं के करियर को बाधित कर सकता है जो पहले से ही युद्ध क्षेत्र में होने की पीड़ा से गुजर चुके हैं. इसलिए, मैं राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग और संबंधित मंत्रालयों के साथ आपसे तत्काल हस्तक्षेप के लिए अनुरोध करता हूं, ताकि यूक्रेन में उनकी पढ़ाई बाधित हुई है, भारत में मेडिकल कॉलेजों में उनकी पढ़ाई को उस स्तर से जारी रखना सुनिश्चित किया जा सके और सुविधाजनक बनाया जा सके.' मुख्यमंत्री ने इस संबंध में अपनी सरकार के पूर्ण समर्थन का भी आश्वासन दिया.

'यूक्रेन से वापस लाए गए छात्रों का भविष्य तय करना केंद्र की जिम्मेदारी'
वहीं, कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने सोमवार को केंद्र सरकार से युद्धग्रस्त यूक्रेन से लौटने वाले छात्रों की भविष्य की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने का आग्रह किया और कहा, 'यह अच्छा है कि केंद्र सरकार ने यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को बचाया है. लेकिन उनका भविष्य क्या है? इन छात्रों के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखने के लिए यूक्रेन लौटना असंभव है. मीडिया दिखा रहा है कि रूसी सेना ने शैक्षणिक संस्थानों को नष्ट कर दिया है, जिनमें कई विश्वविद्यालय शामिल हैं.'

कुमारस्वामी ने कहा कि यूक्रेन से लौटे इन छात्रों का भविष्य बनाना केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा, 'कर्नाटक में लगभग 50 से 60 मेडिकल कॉलेज हैं. अगर जरूरत पड़ी तो इन छात्रों को दाखिला देने के लिए एक प्रवेश परीक्षा होनी चाहिए. प्रत्येक कॉलेज में कम से कम 10 ऐसे छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी जाए.' उन्होंने कहा, राज्य के 2,65,720 करोड़ रुपये के बजट के साथ क्या कर्नाटक सरकार पर 50-100 करोड़ रुपये खर्च करने का बोझ होगा? केंद्र सरकार को लागत का 50 प्रतिशत वहन करने दें.

यूक्रेन में पढ़ाई करने गए छात्रों का ऋण माफ करे केंद्र : सीपीआईएम
भारतीय मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआईएम) ने यूक्रेन से भारत लौट रहे छात्रों के लिए केंद्र की मोदी सरकार से शिक्षा ऋणों का उदारतापूर्वक पुनर्गठन करने की मांग की है. पार्टी के अनुसार यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय छात्रों में से एक तिहाई छात्रों ने शिक्षा ऋण लिया था और अब वे ब्याज व पुनर्भुगतान के बोझ से दबे हैं. सीपीआईएम नेता व पूर्व सांसद सीताराम येचुरी ने सोमवार को कहा कि यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय छात्रों में से कई ने शिक्षा ऋण लिया था और अब वे ब्याज व पुनर्भुगतान के बोझ से दबे हैं. पिछले 7 वर्षों में मोदी सरकार ने अपने साथियों द्वारा लिए गए 10.72 लाख करोड़ ऋण को बट्टे खाते में डाल दिया है. प्रधानमंत्री मोदी को इन शिक्षा ऋणों का उदारतापूर्वक पुनर्गठन करना चाहिए या उन्हें माफ करना चाहिए.

यह भी पढ़ें- यूक्रेन में 11 दिनों की जंग के बाद रूसी फौज का यूक्रेन में सीजफायर की घोषणा

Last Updated : Mar 7, 2022, 9:45 PM IST
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