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Maharashtra News : मुंबई को अलग करने के आरोपों पर पवार ने किताब में किया बड़ा खुलासा, मुश्किल में घिरा उद्धव गुट - Uddhav Thackeray group

राकांपा के वरिष्ठ नेता शरद पवार की किताब से रोज नए खुलासे हो रहे हैं. पवार ने महाराष्ट्र से मुंबई को अलग करने के उद्धव ठाकरे गुट के आरोपों पर खुलकर अपनी किताब में लिखा है जिसके बाद ठाकरे गुट की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं.

Uddhav Sharad Pawar
उद्धव शरद पवार
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Published : May 4, 2023, 4:51 PM IST

मुंबई : उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी ने महाराष्ट्र से मुंबई को अलग करने की साजिश रची है और वे बार-बार ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं. राकांपा अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray group) के महाराष्ट्र से मुंबई के अलग होने के आरोप को खारिज किया. शरद पवार की आत्मकथा 'लोक माजे संगति' (Lok Maje Sangati) के संशोधित संस्करण के मंगलवार को जारी होने के बाद किताब के कई पहलू सामने आए हैं.

इस बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे लगातार आरोप लगा रहे हैं कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने के लिए दिल्ली में साजिश रची जा रही है.

इस मुद्दे पर बोलते हुए शरद पवार ने एक तरह से उद्धव ठाकरे के आरोपों की हवा निकाल दी है. उन्होंने लिखा कि 'मैं जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं कि दिल्ली में पार्टी के किसी नेता के मन में मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने का विचार नहीं था.' किताब के पेज नंबर 417 पर लिखा गया है कि 'मुंबई के केंद्रीकरण की बात अब बंद होनी चाहिए. दिल्ली में पार्टी का कोई भी नेता मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं करना चाहता है और मैं यह बात जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं.'

उद्धव ठाकरे और उनके नेताओं ने अक्सर आरोप लगाया था कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की भाजपा की साजिश है कि वे बार-बार इसके लिए प्रयास कर रहे हैं. इतना ही नहीं उद्धव ठाकरे ने 1 मई को महाराष्ट्र दिवस पर मुंबई में हुई वज्रमूठ सभा में एक बार फिर इस आरोप को दोहराया था कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश रची जा रही है.

साथ ही इस मुद्दे को शिवसेना पिछले कई सालों से अपने प्रचार अभियान में उठाती रही है, लेकिन अब शरद पवार के रुख के बाद भले ही शिवसेना की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हो, लेकिन शिवसेना को इस मुद्दे को उठाते समय कई बार सोचना पड़ेगा. वहीं, शरद पवार द्वारा इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही उद्धव ठाकरे पर पलटवार करने के लिए बीजेपी अब बैठक कर रही है.

किताब के पेज नंबर 318 पर शरद पवार ने शिवसेना के कट्टर हिंदुत्व का भी जिक्र किया है. कुछ लोगों ने यह आशंका जताई थी कि जब महाविकास अघाड़ी आकार ले रही होगी तो शिवसेना का कट्टर हिंदुत्ववाद घातक साबित होगा.

इसमें पवार ने लिखा है, अगर आप शिवसेना के बारे में मेरी राय सुनेंगे तो यह पार्टी समय-समय पर कितना भी मजबूती से अपना पक्ष रखे, उसका वैचारिक आधार उतना मजबूत नहीं है. शिवसेना के पिछले इतिहास पर नजर डालें तो उन्होंने समय-समय पर राजनीति के लिए जरूरी लचीलापन दिखाया है.

साथ ही, पवार ने आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी को शिवसेना के समर्थन के इतिहास को भी याद किया. उन्होंने चुनाव में समर्थन देकर विधान परिषद में दो विधायक पदों पर रहने के इतिहास को याद किया है. साथ ही, पवार ने यह भी उल्लेख किया है कि यह हमारा अवलोकन था कि मुसलमानों और दलितों का विरोध शिवसेना की भूमिका का एक पहलू है और यह उतना उग्र नहीं है जितना लगता है.

पढ़ें- NCP chief Issue : पवार पुनर्विचार करने तक राकांपा प्रमुख हैं, उत्तराधिकारी पर अभी कोई निर्णय नहीं, 5 मई को होगी बैठक: प्रफुल्ल पटेल

मुंबई : उद्धव ठाकरे ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी ने महाराष्ट्र से मुंबई को अलग करने की साजिश रची है और वे बार-बार ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं. राकांपा अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray group) के महाराष्ट्र से मुंबई के अलग होने के आरोप को खारिज किया. शरद पवार की आत्मकथा 'लोक माजे संगति' (Lok Maje Sangati) के संशोधित संस्करण के मंगलवार को जारी होने के बाद किताब के कई पहलू सामने आए हैं.

इस बीच, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे लगातार आरोप लगा रहे हैं कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने के लिए दिल्ली में साजिश रची जा रही है.

इस मुद्दे पर बोलते हुए शरद पवार ने एक तरह से उद्धव ठाकरे के आरोपों की हवा निकाल दी है. उन्होंने लिखा कि 'मैं जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं कि दिल्ली में पार्टी के किसी नेता के मन में मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने का विचार नहीं था.' किताब के पेज नंबर 417 पर लिखा गया है कि 'मुंबई के केंद्रीकरण की बात अब बंद होनी चाहिए. दिल्ली में पार्टी का कोई भी नेता मुंबई को महाराष्ट्र से अलग नहीं करना चाहता है और मैं यह बात जिम्मेदारी से कहना चाहता हूं.'

उद्धव ठाकरे और उनके नेताओं ने अक्सर आरोप लगाया था कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की भाजपा की साजिश है कि वे बार-बार इसके लिए प्रयास कर रहे हैं. इतना ही नहीं उद्धव ठाकरे ने 1 मई को महाराष्ट्र दिवस पर मुंबई में हुई वज्रमूठ सभा में एक बार फिर इस आरोप को दोहराया था कि मुंबई को महाराष्ट्र से अलग करने की साजिश रची जा रही है.

साथ ही इस मुद्दे को शिवसेना पिछले कई सालों से अपने प्रचार अभियान में उठाती रही है, लेकिन अब शरद पवार के रुख के बाद भले ही शिवसेना की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं आई हो, लेकिन शिवसेना को इस मुद्दे को उठाते समय कई बार सोचना पड़ेगा. वहीं, शरद पवार द्वारा इस मुद्दे पर अपनी स्थिति स्पष्ट करने के साथ ही उद्धव ठाकरे पर पलटवार करने के लिए बीजेपी अब बैठक कर रही है.

किताब के पेज नंबर 318 पर शरद पवार ने शिवसेना के कट्टर हिंदुत्व का भी जिक्र किया है. कुछ लोगों ने यह आशंका जताई थी कि जब महाविकास अघाड़ी आकार ले रही होगी तो शिवसेना का कट्टर हिंदुत्ववाद घातक साबित होगा.

इसमें पवार ने लिखा है, अगर आप शिवसेना के बारे में मेरी राय सुनेंगे तो यह पार्टी समय-समय पर कितना भी मजबूती से अपना पक्ष रखे, उसका वैचारिक आधार उतना मजबूत नहीं है. शिवसेना के पिछले इतिहास पर नजर डालें तो उन्होंने समय-समय पर राजनीति के लिए जरूरी लचीलापन दिखाया है.

साथ ही, पवार ने आपातकाल के दौरान इंदिरा गांधी को शिवसेना के समर्थन के इतिहास को भी याद किया. उन्होंने चुनाव में समर्थन देकर विधान परिषद में दो विधायक पदों पर रहने के इतिहास को याद किया है. साथ ही, पवार ने यह भी उल्लेख किया है कि यह हमारा अवलोकन था कि मुसलमानों और दलितों का विरोध शिवसेना की भूमिका का एक पहलू है और यह उतना उग्र नहीं है जितना लगता है.

पढ़ें- NCP chief Issue : पवार पुनर्विचार करने तक राकांपा प्रमुख हैं, उत्तराधिकारी पर अभी कोई निर्णय नहीं, 5 मई को होगी बैठक: प्रफुल्ल पटेल

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