मुंबई : लंबे समय बाद उद्धव ठाकरे और देवेंद्र फडणवीस एक साथ दिखे हैं. विधान भवन में उन्हें साथ-साथ देखा गया. इन दोनों नेताओं की तस्वीर जैसे ही सामने आई, इसको लेकर फिर से राजनीतिक अटकलें लगने लगी हैं.
शिवसेना में विद्रोह के बाद उद्धव ठाकरे गुट के साथ बहुत कम विधायक बच गए. अधिकांश विधायक एकनाथ शिंदे गुट में चले गए. चुनाव आयोग ने शिंदे गुट को ही असली शिवसेना ठहरा दिया. देवेंद्र फडणवीस शिंदे सरकार में उप मुख्यंत्री हैं. वह भाजपा से हैं.
फडणवीस और उद्धव को देर तक विधान भवन में साथ-साथ देखा गया. दोनों नेताओं के बीच अच्छी बॉंडिंग भी दिखी. दरअसल, जब से भाजपा और शिवसेना के बीच तल्खी बढ़ी है, तब से दोनों नेताओं को साथ-साथ नहीं देखा गया. उसके बाद उद्धव की सरकार चली गई. इस प्रकरण ने दोनों नेताओं के बीच रिश्ते और तल्ख कर दिए. इस परिप्रेक्ष्य में आज की इस तस्वीर के बहुत अधिक मायने निकाले जा रहे हैं. यहां तक कि विधान भवन के अंदर भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार भी उद्धव ठाकरे से बहुत ही अलग अंदाज में मिलते नजर आए.
सुधीर मुनगंटीवार ने तो यहां तक कह दिया कि अभी भी उद्धव ठाकरे जी, बहुत कुछ नहीं बिगड़ा है, आप शांति से विचार करें. माना जा रहा है कि उन्होंने इस बयान के जरिए ठाकरे को संदेश देने की कोशिश की है. वैसे, मुनगंटीवार वृक्ष संरक्षण अभियान की बात कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इस योजना की शुरुआत मैंने 2016 में की थी. ठाकरे ने कहा कि लेकिन आपके पेड़ में फल नहीं लगे हैं. इस पर मुनगंटीवार ने कहा कि आपने तो पेड़ से ही नाता तोड़ लिया, हम क्या करें, हम तो आपको यही कहते आए हैं कि पेड़ में फल लगेगा.
बाद में जब उद्धव ठाकरे से पूछा गया कि क्या आपकी मुलाकात के राजनीतिक मायने निकाले जा सकते हैं, ठाकरे ने कहा कि यह तो एक संयोग था, और कुछ नहीं, आपलोग इसका कोई और अर्थ नहीं निकालें.
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