मुंबई : शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर निशाना साधते हुए अपने समर्थकों से कहा कि पार्टी का 'धनुष-बाण' चिह्न चुरा लिया गया है. चोर को सबक सिखाने की जरूरत है. मैं चोर को धनुष-बाण के साथ मैदान में आने की चुनौती देता हूं और हम इसका मुकाबला मशाल से करेंगे. उद्धव पार्टी के नेताओं के साथ एक बैठक की अध्यक्षता करने से पहले यहां बांद्रा स्थित अपने आवास 'मातोश्री' के बाहर समर्थकों को संबोधित कर रहे थे.
चुनाव आयोग (EC) द्वारा एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता देने के एक दिन बाद प्रतिद्वंद्वी खेमे के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भविष्य के कदम पर चर्चा करने के लिए अपनी पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों की शनिवार को बैठक बुलाई है. जानकारी के मुताबिक अब से थोड़ी देर में यह बैठक शुरू होने वाली है. सभी सांसद और विधायक मातोश्री पहुंच चुके हैं. ठाकरे के एक सहयोगी ने कहा कि शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेताओं, उप नेताओं, निर्वाचित प्रतिनिधियों और प्रवक्ताओं की बैठक दोपहर में उपनगरीय बांद्रा स्थित ठाकरे के आवास 'मातोश्री' में दोपहर बाद होगी. इससे पहले उद्धव ने कहा, "धनुष-बाण (चिह्न) चुरा लिया गया है. चोर को सबक सिखाने की जरूरत है. वे पकड़े गये हैं."
ठाकरे को बड़ा झटका देते हुए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को 'शिवसेना' नाम और उसका चुनाव चिन्ह 'धनुष और तीर' आवंटित किया. यह पहली बार है जब ठाकरे परिवार ने 1966 में बालासाहेब ठाकरे बनायी गई पार्टी से नियंत्रण खो दिया है. तीन सदस्यीय आयोग ने शिंदे द्वारा दायर छह महीने पहले दायर याचिका पर एक सर्वसम्मत आदेश में कहा कि उसने फैसला लेते समय विधायक दल में पार्टी के संख्या बल पर गौर किया जिसमें मुख्यमंत्री को 55 विधायकों में से 40 विधायक और 18 सांसदों में से 13 का समर्थन प्राप्त है.
शिंदे ने पिछले साल जून में ठाकरे से नाता तोड़ लिया था और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में सरकार बना ली थी. आयोग ने अपने आदेश में कहा कि शिंदे गुट का समर्थन करने वाले 40 विधायकों ने कुल 47,82,440 मतों में से 36,57,327 मत प्राप्त किए, जो 55 विजयी विधायकों के पक्ष में डाले गए मतों का लगभग 76 प्रतिशत है. यह 15 विधायकों द्वारा प्राप्त 11,25,113 मतों के मुकाबले था, जिनके समर्थन का दावा ठाकरे गुट द्वारा किया जाता है.
ठाकरे ने शुक्रवार को निर्वाचन आयोग के फैसले को 'लोकतंत्र के लिए खतरनाक' करार दिया था और कहा था कि वह इसे उच्चतम न्यायालय में चुनौती देंगे, जबकि मुख्यमंत्री शिंदे ने इस घटनाक्रम को 'सच्चाई और लोगों की जीत' बताया. बता दें कि चुनाव आयोग ने पिछले साल उद्धव नीत खेमे को मशाल चिह्न आवंटित किया गया था. काफी संख्या में उद्धव के समर्थक मातोश्री के बाहर एकत्र हुए और शिंदे के विरोध में तथा अपने नेता (उद्धव के) समर्थन में नारे लगाये. एक सूत्र ने बताया कि उद्धव ने अपनी पार्टी के नेताओं से राज्य का दौरा करने और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने को कहा.
(पीटीआई-भाषा)