मुंबई : संयुक्त अरब अमीरात को उम्मीद है कि व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते से अगले दो-तीन वर्षों में भारत के साथ व्यापार 100 अरब डॉलर के स्तर को पार कर जाएगा. वित्त वर्ष 2022 में भारत-यूएई व्यापार 73 बिलियन अमेरिकी डॉलर है, जिसे 1 मई, 2022 को व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर करने के बाद से बड़ा प्रोत्साहन मिला.
वित्त वर्ष 2021-2022 के बीच कुल व्यापार 68 प्रतिशत बढ़ गया. 2022 के पहले छह महीनों में गैर-तेल व्यापार के कुल मूल्य 29.5 बिलियन अमरीकी डालर के साथ द्विपक्षीय व्यापार में उल्लेखनीय रूप से वृद्धि हुई है, जो 2021 में इसी अवधि में 22 प्रतिशत बढ़ा है. गैर-तेल निर्यात भी मई और जून के बीच कुल मूल्य के साथ 31 प्रतिशत बढ़कर 2.7 बिलियन अमरीकी डालर तक पहुंच गया है.
संयुक्त अरब अमीरात के कनिष्ठ विदेश व्यापार मंत्री, थानी बिन अहमद अल ज़ायौदी (junior foreign trade minister of the UAE Thani Bin Ahmed Al Zeyoudi) ने यहां उद्योग लॉबी सीआईआई द्वारा आयोजित भारत-यूएई आर्थिक मंच को बताया, 'यद्यपि हमने संयुक्त अरब अमीरात-भारत द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान से 100 बिलियन अमरीकी डालर तक ले जाने के लिए पांच साल की समय सीमा निर्धारित की है, सीईपीए पर हस्ताक्षर करने के बाद से व्यापार बढ़ रहा है, मुझे विश्वास है कि हम अगले दो-तीन वर्षों में लक्ष्य को हासिल कर लेंगे.'
मंत्री ने कहा कि व्यापार में अभी भी तेल का वर्चस्व है, जो कुल व्यापार मूल्य का 62 प्रतिशत है. गैर-तेल व्यापार का प्रतिशत केवल 38 प्रतिशत है. उन्होंने उम्मीद जताई कि सीईपीए के कारण इसमें बदलाव आएगा. मंत्री ने यह भी कहा कि गैर-तेल व्यापार संतुलन अभी भी भारत के पक्ष में है, वित्त वर्ष 22 में कुल मिलाकर भारत में 17 बिलियन अमरीकी डालर का व्यापार घाटा है, जो बड़े पैमाने पर तेल आयात के कारण है.
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(PTI)