रांची: आजादी के महापर्व के ठीक पहले झारखंड से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है. झारखंड के चाईबासा जिले में देर रात पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में झारखंड जगुआर के दो जांबाज शहीद हो गए हैं. मिसिर बेसरा के दस्ते के साथ हुई इस मुठभेड़ में सब इंस्पेक्टर अमित तिवारी और हवलदार गौतम कुमार शहीद हो गए हैं. शहीद अमित तिवारी 2012 बैच के सब इंपेक्टर थे. वह पलामू के रहने वाले थे.
चाईबासा पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार झारखंड जगुआर की एक टीम नक्सलियों के खिलाफ सर्च ऑपरेशन कर वापस लौट रही थी. इसी दौरान घात लगाकर नक्सलियों ने टीम के ऊपर बर्स्ट फायरिंग कर दी. इस फायरिंग में इंस्पेक्टर अमित तिवारी और गौतम कुमार को गोली लग गई. नक्सलियों का हमला इतना घातक था कि दोनों मौके पर ही शहीद हो गए. पुलिस ने जवाबी फायरिंग शुरू की तब नक्सली जंगल का फायदा उठाकर फरार हो गए.
नक्सलियों के हाथों शहीद हुए इंस्पेक्टर अमित तिवारी पलामू के रहने वाले थे. 3 दिन पूर्व ही उनके बेटे का जन्म हुआ था. अभियान खत्म कर अमित तिवारी घर लौटने वाले थे, ताकि अपने बेटे को देख सकें. लेकिन नक्सलियों के द्वारा किए गए कायरतापूर्ण हमले में वह शहीद हो गए. अमित तिवारी के परिवार का अधिकांश सदस्य पुलिस विभाग में ही कार्यरत है. वहीं सूचना मिल रही है कि शहीद हुए हवलदार गौतम कुमार को भी अपने पिता के मौत के बाद अनुकंपा पर नौकरी मिली थी.
झारखंड के चाईबासा में नक्सलियों का तांडव लगातार जारी है. इससे पहले 11 अगस्त 2023 को चाईबासा के ही टोंटो थाना इलाके में भी नक्सलियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई थी. घने जंगल में एक करोड़ के इनामी नक्सली मिसिर बेसरा के बंकर को सुरक्षाबलों ने ढूंढ निकाला था और उसपर कब्जा कर लिया था. एसपी आशुतोष शेखर के नेतृत्व में बंकर में मौजूद सामान वापस लाने के लिए सुरक्षाबल जा रहे थे. तभी एंबुश लगाकर माओवादियों ने फायरिंग शुरू कर दी थी. जिसमें सीआरपीएफ के हवलदार सुशांत कुमार खुंटिया शहीद हो गए थे.