मुंबई : देश में जारी कोरोना वायरस टीकाकरण अभियान (corona virus vaccination campaign) के बीच मुंबई में वैक्सीन से जुड़ा एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. मुंबई के कांदिवली इलाके में स्थित हीरानंदानी एस्टेट सोसायटी (Hiranandani Estate Society) के लोगों ने आरोप लगाया है कि उन्हें कोरोना वायरस वैक्सीन की फर्जी डोज (fake dose of corona virus vaccine) दी गई है.
दरअसल, इस सोसाइटी में बीते 30 मई को टीकाकरण कैंप लगाया गया था, जिसमें करीब 390 लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन की डोज दी गई. सोसाइटी के लोगों का आरोप है कि उनके साथ टीकाकरण में फर्जीवाड़ा किया गया है.
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Around 390 people were vaccinated on May 30, as part of vaccination drive. Post vaccination, there were no symptoms in anyone.We got certificates under different hospitals' names, who denied having issued any certification.This is when we suspected foul play:Resident Hiren Vohra pic.twitter.com/jpTg52JtNf
— ANI (@ANI) June 16, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) June 16, 2021Around 390 people were vaccinated on May 30, as part of vaccination drive. Post vaccination, there were no symptoms in anyone.We got certificates under different hospitals' names, who denied having issued any certification.This is when we suspected foul play:Resident Hiren Vohra pic.twitter.com/jpTg52JtNf
— ANI (@ANI) June 16, 2021
मुंबई पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, हीरानंदानी एस्टेट सोसायटी के टीकाकरण मामले (Hiranandani Estate Society vaccination matter) की जांच जारी है. शुरुआती निष्कर्ष बताते हैं कि टीकाकरण के लाभार्थियों को अलग-अलग तारीख और स्थान के साथ अपने प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं.
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#UPDATE: Two people detained in Mumbai's Hiranandani Estate Society vaccination matter. Details awaited.
— ANI (@ANI) June 16, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया गया है.
हीरानंदानी एस्टेट सोसाइटी (Hiranandani Estate Society) के निवासी हिरेन वोहरा (Hiren Vohra) ने कहा, टीकाकरण में बड़ी धोखाधड़ी की प्रबल संभावना है. अस्पतालों से सत्यता के बिना प्रमाण पत्र (certificates be issued without authentication from hospitals) कैसे जारी किया जा सकता है. टीकाकरण अभियान के तहत 30 मई को लगभग 390 लोगों को टीका (390 people were vaccinated on May 30) लगाया गया. टीकाकरण (vaccination) के बाद, किसी में कोई लक्षण नहीं थे. हमें अलग-अलग अस्पतालों के नाम से प्रमाण पत्र मिले.
हीरानंदानी हेरिटेज रेजिडेंट्स वेलफेयर एसोसिएशन नामक सोसाइटी ने मामले की जांच की मांग की है. शिकायत में कहा गया है कि 30 मई को आवासीय परिसर द्वारा एक टीकाकरण शिविर का आयोजन किया गया था, लेकिन बाद में पाया गया कि को-विन पोर्टल पर पंजीकरण कराने वाले लोगों का कोई रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं है और उन्हें विभिन्न अस्पतालों के नाम पर प्रमाण पत्र प्राप्त हुए हैं.
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शिकायत में कहा गया है, अगर टीका नकली पाया जाता है, तो जिन लोगों को टीका लगाया गया है, उन्हें इससे निपटने के लिए एक चिकित्सा आपात स्थिति का सामना करना पड़ेगा. इसलिए, पूरे प्रकरण की तत्काल जांच कराने की आवश्यकता है ताकि इस तरह की धोखाधड़ी की गतिविधियों को अन्य स्थानों पर दोहराया न जाए.
एचएचआरडब्ल्यूए ने पांडे नाम के एक व्यक्ति के माध्यम से शिविर का आयोजन किया था, जिसने अंधेरी के एक प्रतिष्ठित निजी अस्पताल का सेल्स प्रतिनिधि होने का दावा किया था. शिकायत में कहा गया है कि शिविर में 390 सदस्यों को 1,260 रुपये प्रति व्यक्ति की दर से टीके लगाए गए. शिकायत में कहा गया है, अब हमें लगता है कि कुछ बेईमान तत्वों ने हमें गुमराह किया है.
शिकायत में कहा गया है कि नानावती अस्पताल, लाइफलाइन अस्पताल और नेस्को कोविड शिविर के नाम पर टीकाकरण प्रमाण पत्र प्राप्त करने से वे चौंक गए.
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परिसर की निवासी नेहा अलशी ने ट्विटर पर कहा, नानावती अस्पताल से संपर्क करने पर, उन्होंने किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया और कहा कि वे भी इस स्थिति के शिकार हैं.
नानावती अस्पताल ने एक बयान में कहा कि उसने ऐसा कोई टीकाकरण शिविर नहीं लगाया. मंगलवार को इसके प्रवक्ता ने कहा, हमने अधिकारियों को सूचित कर दिया है और औपचारिक शिकायत दर्ज कराई जा रही है.
एचएचआरडब्ल्यूए ने यह भी कहा कि जिन लोगों को टीका लगाया गया, उनमें से किसी को भी बुखार या शरीर में दर्द जैसे सामान्य प्रभाव नहीं थे.
अलशी ने ट्वीट किया, इस बात को लेकर संदेह है कि क्या हमें वास्तव में कोविशील्ड की खुराक दी गई या फिर यह सिर्फ ग्लूकोज या एक्सपायर्ड / वेस्ट वैक्सीन था.
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शिकायत के अनुसार, एक संजय गुप्ता शिविर के संयोजक थे, लेकिन उन्होंने टीकों के भुगतान की रसीद नहीं दी. उन्होंने एसोसिएशन से महेंद्र सिंह नाम के एक व्यक्ति को भुगतान करने को कहा था.
स्थानीय भाजपा विधायक योगेश सागर ने कहा कि धोखाधड़ी का संदेह होने के बाद निवासियों ने उनसे संपर्क किया. उन्होंने कहा, पुलिस को विस्तृत जांच करनी चाहिए क्योंकि इस तरह की धोखाधड़ी से लोगों की जान को खतरा है.
इस बीच, बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने इस सप्ताह से ऐसे शिविर आयोजित करने को लेकर निजी टीकाकरण प्रदाताओं और हाउसिंग सोसाइटियों के बीच एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य कर दिया है. एमओयू में सभी प्रासंगिक विवरण होने चाहिए. बीएमसी के अनुसार, मुंबई में अब तक 41,11,880 लोगों को टीका लगाया जा चुका है, जिनमें 8,24,428 वे लोग शामिल हैं, जिन्हें दोनों खुराक मिल चुकी हैं.