नई दिल्ली: भारतीय सेना ने असम राइफल्स के जवानों के साथ मिलकर शुक्रवार देर रात असम में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (Oil and Natural Gas Corporation) के अगवा किए गए दो कर्मचारियों को प्रतिबंधित समूह, यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट ऑफ असम- इंडिपेंडेंट (यूएलएफए-आई ) की गिरफ्त से बाहर निकाल लिया है.
प्रतिबंधित समूह यूएलएफए-आई (United Liberation Front of Assam-Independent) के पास अभी भी एक ओएनजीसी (ONGC) कर्मचारी है. जिसको लेकर भारतीय सेना ने कहा कि ऑपरेशन अभी भी जारी रहेगा.
21 अप्रैल को असम-नागालैंड सीमा के पास शिवसागर जिले के लकवा तेल क्षेत्र से यूएलएफए-आई के संदिग्ध उग्रवादियों द्वारा ओएनजीसी के तीन कर्मचारियों का अपहरण कर लिया गया था. कर्मचारियों का अपहरण शिवसागर में सरकारी कंपनी के लकवा मैदान से एक कंपनी के स्वामित्व वाले वाहन में किया गया था, जहां अन्वेषण कंपनी लगभग छह दशकों से काम कर रही है.
पढ़े: जस्टिस एनवी रमना ने भारत के 48वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली
अगवा किए गए तीन कर्मचारियों में दो जूनियर टेक्नीशियन (प्रोडक्शन) मोहिनी मोहन गोगोई (35), रितुल सैकिया (33) और एक जूनियर इंजीनियरिंग असिस्टेंट (प्रोडक्शन) अलकेश सैकिया (28) शामिल हैं. जिसमें से अलकेश सैकिया और मोहिनी मोहन गोगोई को बचा लिया गया हैं. भारतीय सेना ने मौके से एक एके 47 बरामद करने की भी बात कही है.
बता दें, अपहरण की घटना के बाद असम सरकार ने जिला पुलिस अधिकारियों को पूर्वी असम में ओआईएल और ओएनजीसी के इन्फ्रास्ट्रक्च पर सुरक्षा व्यवस्था तेज करने को कहा था.