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केएलओ के दो सदस्यों ने किया आत्मसमर्पण, कहानी किसी फिल्म से कम नहीं - two klo member surrendered west kolkata

पश्चिम बंगाल में कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन के दो सदस्यों ने गुरुवार को आत्मसमर्पण कर दिया. इस दौरान रिश्ते से पति पत्नी दोनों सदस्यों ने अपने मिलने और संबंधों के प्रगाढ़ होने की जो कहानी सुनाई, वह किसी फिल्म से कम नहीं है.

two klo member surrendered west kolkata
केएलओ दो सदस्य आत्मसमर्पण कोलकाता
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Published : Aug 19, 2022, 10:50 PM IST

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अलग कामतापुर राज्य की मांग कर कर रहे संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (Kamtapur Liberation Organisation) के महांमत्री कैलाश कोच उर्फ केशब बर्मन और उसकी पत्नी जुगली कोच ने गुरुवार को राज्य के पुलिस मुख्यालय में आत्मसमर्पण कर दिया. इस अवसर पर डीजीपी मनोज मालवीय ने कहा कि वह उन्हें मुख्यधारा में लाने का पूरा प्रयास करेंगे. इस दौरान जुगली के हाथ में उसका बच्चा भी था. वहीं दोनों के प्रेम की जो कहानी सामने आई, वह किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं.

जुगली ने बताया कि वह बचपन से ही पढ़ने में बहुत अच्छी थी लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उसे बीच में अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. इसके बाद वह कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन में शामिल हो गई. संगठन के लिए काम करते हुए उसने नर्सिंग में डिप्लोमा किया, जिसके बाद उसे अपने साथियों को चिकित्सा प्रदान करने का जिम्मा दिया गया. इसी दौरान कैलाश और जुगली की मुलाकात हुई और दोनों के बीच प्यार की शुरुआत हो गई.

यह भी पढ़ें- सीएम ममता का उत्तर बंगाल का दौरा, KLO ने दी खूनखराबे की धमकी

इसके बाद 2013 में असम राइफल्स के जवानों ने जुगली को हिरासत में ले लिया और उसे मणिपुर के एक कैंप में रखा गया. लेकिन 2014 में योजना बनाकर एक ऑपरेशन की अगुवाई करते हुए कैलाश ने जुगली को वहां से छुड़ा लिया. इसी साल दोनों ने शादी भी की और तब से बांग्लादेश हो, नेपाल हो या म्यांमार, दोनों साथ में ही रहे. गुरुवार को आत्मसमर्पण के दौरान दोनों ने अपने जगह जगह छुपने के बारे में बताया और समाज की मुख्यधारा में लौटने की प्रबल इच्छा भी जाहिर की. अब उनका मानना है कि उनके बच्चे का भविष्य उज्जवल हो और उसे वह सब न देखना पड़े जो उन्हें देखना पड़ा.

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में अलग कामतापुर राज्य की मांग कर कर रहे संगठन कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन (Kamtapur Liberation Organisation) के महांमत्री कैलाश कोच उर्फ केशब बर्मन और उसकी पत्नी जुगली कोच ने गुरुवार को राज्य के पुलिस मुख्यालय में आत्मसमर्पण कर दिया. इस अवसर पर डीजीपी मनोज मालवीय ने कहा कि वह उन्हें मुख्यधारा में लाने का पूरा प्रयास करेंगे. इस दौरान जुगली के हाथ में उसका बच्चा भी था. वहीं दोनों के प्रेम की जो कहानी सामने आई, वह किसी फिल्म की कहानी से कम नहीं.

जुगली ने बताया कि वह बचपन से ही पढ़ने में बहुत अच्छी थी लेकिन आर्थिक तंगी के चलते उसे बीच में अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी. इसके बाद वह कामतापुर लिबरेशन ऑर्गनाइजेशन में शामिल हो गई. संगठन के लिए काम करते हुए उसने नर्सिंग में डिप्लोमा किया, जिसके बाद उसे अपने साथियों को चिकित्सा प्रदान करने का जिम्मा दिया गया. इसी दौरान कैलाश और जुगली की मुलाकात हुई और दोनों के बीच प्यार की शुरुआत हो गई.

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इसके बाद 2013 में असम राइफल्स के जवानों ने जुगली को हिरासत में ले लिया और उसे मणिपुर के एक कैंप में रखा गया. लेकिन 2014 में योजना बनाकर एक ऑपरेशन की अगुवाई करते हुए कैलाश ने जुगली को वहां से छुड़ा लिया. इसी साल दोनों ने शादी भी की और तब से बांग्लादेश हो, नेपाल हो या म्यांमार, दोनों साथ में ही रहे. गुरुवार को आत्मसमर्पण के दौरान दोनों ने अपने जगह जगह छुपने के बारे में बताया और समाज की मुख्यधारा में लौटने की प्रबल इच्छा भी जाहिर की. अब उनका मानना है कि उनके बच्चे का भविष्य उज्जवल हो और उसे वह सब न देखना पड़े जो उन्हें देखना पड़ा.

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