मुंबई : महाराष्ट्र के मुंबई में कांदिवली (Kandivli ) स्थित एक हाउसिंग सोसाइटी ( housing society) के निवासियों द्वारा कथित टीकाकरण घोटाले (vaccination scam) में ठगे जाने का दावा करने के बाद पुलिस ने इस मामले में दो लोगों को हिरासत में लिया है.
मुंबई पुलिस (Mumbai Police) के सूत्रों ने बुधवार को कहा कि टीकाकरण के लाभार्थियों को उनके प्रमाण पत्र (certificates) तो प्राप्त हुए, लेकिन टीकाकरण की अलग-अलग तिथियों और स्थानों के साथ. फिलहाल मामले की जांच चल रही है.
सोसायटी के एक निवासी ने कहा कि लाभार्थियों को विभिन्न अस्पताल नामों के साथ टीकाकरण प्रमाण पत्र जारी किए गए थे, जिससे उन्हें बड़े टीकाकरण धोखाधड़ी का संदेह है.
बता दें कि टीकाकरण अभियान (vaccination drive) के तहत बीते 30 मई को लगभग 390 लोगों को टीका लगाया गया था. टीकाकरण के बाद किसी में कोई साइड एफेक्ट नहीं मिला.
हीरानंदानी एस्टेट सोसाइटी (Hiranandani Estate Society) के निवासी हिरेन वोहरा (Hiren Vohra) ने कहा कि हमें अलग-अलग अस्पतालों के नाम से सर्टिफिकेट मिले वो भी बिना किसी प्रमाण के, जिससे हमें धोखाधड़ी का संदेह हुआ. उन्होंने कहा कि यहां टीकाकरण को लेकर बड़ी धोखाधड़ी की प्रबल संभावना है.
अस्पतालों से प्रमाणीकरण (authentication) के बिना प्रमाण पत्र कैसे जारी किया जा सकता है? सोसायटी के निवासियों द्वारा दर्ज एक शिकायत के अनुसार, 30 मई को हीरानंदानी हेरिटेज (management committee of Hiranandani Heritage) की प्रबंधन समिति ने अपने निवासियों और उनके इन-हाउस कर्मचारियों के लिए एक कोविड टीकाकरण अभियान की व्यवस्था की थी, जिसमें सुरक्षा गार्ड, ड्राइवर और घरेलू नौकर शामिल थे.
पढ़ें - कोविशील्ड की खुराकों के बीच अंतराल को लेकर चल रहा विचार-विमर्श : अरोड़ा
बता दें कि सोसाइटी में 435 फ्लैट हैं, जिसमें तीन आवासीय टावर शामिल हैं. यहां लगभग 390 निवासियों ने इस अभियान में भाग लिया था. निवासियों ने अपनी शिकायत में कहा था कि कोकिलाबेन अस्पताल के बिक्री प्रतिनिधि होने का दावा करने वाले एक सूत्रधार राजेश पांडे (Rajesh Pandey) ने उनके सोसायटी परिसर में 400 वैक्सीन खुराक उपलब्ध कराने के लिए उनके साथ बातचीत की.
उन्होंने आगे कहा कि प्रत्येक खुराक की कीमत 1,260 रुपये थी और सुविधाकर्ता को उन्होंने लगभग 5 लाख रुपये का भुगतान किया था.