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lockdown में नौकरी जाने पर भाइयों ने शुरू किया आइसक्रीम का स्टार्टअप, श्रीअन्न योजना से बनाई बाजरे की कुल्फी - कोरोना लॉकडाउन में शुरू किया आइसक्रीम का कारोबार

कोरोना के दौरान लगे लॉकडाउन के कारण आगरा के दो भाइयों की नौकरी चली गई थी. इसके बाद दोनों ने आइसक्रीम और कुल्फी का कारोबार शुरू किया. उनका यह कारोबार आज 45 लाख रुपये तक पहुंच गया है.

आगरा में भाइयों ने शुरू किया आइसक्रीम का स्टार्टअप
आगरा में भाइयों ने शुरू किया आइसक्रीम का स्टार्टअप
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Published : Mar 15, 2023, 2:30 PM IST

आगरा में भाइयों ने शुरू किया आइसक्रीम का स्टार्टअप

आगरा: कोरोना महामारी में लगे लॉकडाउन से आगरा के दो युवा भाइयों की नौकरी चली गई. इस पर फूड प्रोसेसिंग और डेयरी टेक्नोलॉजी में डिग्री धारक दोनों भाइयों ने खुद का स्टार्टअप शुरू कर दिया. दोनों की मेहनत और लगन से कारोबार अब चल निकला है. पीएम मोदी ने जब मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए 'श्रीअन्न' नाम दिया तो युवा भाइयों ने बाजरे की कुल्फी तैयार की. जो लोगों को खूब पसंद आ रही है. युवा भाइयों का कहना है कि कुल्फी में बाजरे का एक्सपेरिमेंट लोगों को पसंद आ रहा है. इसलिए, अब कुल्फी में रागी और अन्य मोटे अनाज का एक्सपेरिमेंट करेंगे, जिससे लोगों को हम सस्ती और अच्छी आइसक्रीम और कुल्फी खिला सकें.

आगरा में फतेहबाद रोड स्थित गांव कुंडौल निवासी विवेक उपाध्याय और गगन उपाध्याय सगे भाई हैं. दोनों भाइयों ने दयालबाग शिक्षण संस्थान से फूड प्रोसेसिंग और डेयरी टेक्नोलॉजी में पढ़ाई की. पिता सुरेश उपाध्याय किसान हैं. विवेक और गगन ने बताया कि हमारा प्रोजेक्ट आइसक्रीम था. इसलिए, पढ़ाई के बाद जॉब भी आइसक्रीम की कम्पनी में मिल गई. सब कुछ बढ़िया था. तभी सन 2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से पहली बार लॉकडाउन लग गया, जिससे विवेक और गगन की नौकरी चली गई. इसके बाद दोनों गांव आ गए. इसके बाद दोनों भाइयों ने सन 2020 के अंत में आइसक्रीम और कुल्फी का कारोबार शुरू किया. कारोबार शुरू करने के कुछ दिन बाद ही फिर दूसरी बार लॉकडाउन लग गया. इस पर भी दोनों ने हिम्मत और मेहनत के दम पर काम जारी रखा. धीरे-धीरे उनकी बनाई आइसक्रीम और कुल्फी का स्वाद लोगों की जुबान पर चढ़ने लगा.

35 लोगों को दिया रोजगार

विवेक उपाध्याय ने बताया कि कोरोना में लोगों ने आइसक्रीम से दूरी बना ली, जिससे कम वेतन पर नौकरी मिल रही थी. इसलिए, खुद का काम करने की प्लानिंग की. इस पर मार्केट रिसर्च किया. फिर, आइसक्रीम को लेकर स्टार्टअप शुरू किया. गगन उपाध्याय ने बताया कि दोनों खुद अपने पैर पर खड़े हुए हैं. इसके साथ ही 35 युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं.

45 लाख रुपये पहुंच गया टर्नओवर

विवेक उपाध्याय ने बताया कि जब पीएम मोदी ने बजट में श्री अन्न योजना शुरू की. इससे प्रेरित होकर हमने आइसक्रीम और कुल्फी में मोटे अनाज का एक्सपेरिमेंट्स किया. बाजरे की कुल्फी बनाई. इसमें बाजरे के साथ दूध और शुद्ध शहद मिलाया जाता है. बाजरे की कुल्फी लोगों को खूब पसंद आ रही है. क्योंकि, बाजरे की इस कुल्फी को बच्चा, बूढ़ा कोई भी खा सकता है. जो स्वाद के साथ-साथ सेहत में भी हिट है. विवेक और गगन ने बताया कि अभी बाजरे की कुल्फी प्रचार-प्रसार के लिए सिर्फ 10 रुपये की कीमत रखी है. इस गर्मी के मौसम में लोगों को कुल्फी में बाजरा के बाद अब रागी, जौ और फॉक्सटेल को लेकर काम कर रहे हैं. बताया कि 15 लाख रुपये से आइसक्रीम कारोबार शुरू किया था, जिसका अब टर्नओवर 45 लाख रुपये पहुंच गया है.

बाजरे के साथ राबड़ी खाने को मिल रहा

आलोक ने बताया कि बाजरे की कुल्फी बहुत टेस्टी है. इसे खाकर ऐसा लगा कि जैसे बाजरे के साथ ही रबड़ी जैसा स्वाद खाने को मिला है. यह अच्छी है. जो हेल्दी भी है. संचित ने बताया कि बाजरे की कुल्फी भी नार्मल कुल्फी की तरह खाने में लगती है.

यह भी पढ़ें: Cyber Fraud से बचने के लिए बस याद रखें ये तीन चीजें, नहीं होंगे ठगी का शिकार


आगरा में भाइयों ने शुरू किया आइसक्रीम का स्टार्टअप

आगरा: कोरोना महामारी में लगे लॉकडाउन से आगरा के दो युवा भाइयों की नौकरी चली गई. इस पर फूड प्रोसेसिंग और डेयरी टेक्नोलॉजी में डिग्री धारक दोनों भाइयों ने खुद का स्टार्टअप शुरू कर दिया. दोनों की मेहनत और लगन से कारोबार अब चल निकला है. पीएम मोदी ने जब मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए 'श्रीअन्न' नाम दिया तो युवा भाइयों ने बाजरे की कुल्फी तैयार की. जो लोगों को खूब पसंद आ रही है. युवा भाइयों का कहना है कि कुल्फी में बाजरे का एक्सपेरिमेंट लोगों को पसंद आ रहा है. इसलिए, अब कुल्फी में रागी और अन्य मोटे अनाज का एक्सपेरिमेंट करेंगे, जिससे लोगों को हम सस्ती और अच्छी आइसक्रीम और कुल्फी खिला सकें.

आगरा में फतेहबाद रोड स्थित गांव कुंडौल निवासी विवेक उपाध्याय और गगन उपाध्याय सगे भाई हैं. दोनों भाइयों ने दयालबाग शिक्षण संस्थान से फूड प्रोसेसिंग और डेयरी टेक्नोलॉजी में पढ़ाई की. पिता सुरेश उपाध्याय किसान हैं. विवेक और गगन ने बताया कि हमारा प्रोजेक्ट आइसक्रीम था. इसलिए, पढ़ाई के बाद जॉब भी आइसक्रीम की कम्पनी में मिल गई. सब कुछ बढ़िया था. तभी सन 2020 में कोरोना संक्रमण की वजह से पहली बार लॉकडाउन लग गया, जिससे विवेक और गगन की नौकरी चली गई. इसके बाद दोनों गांव आ गए. इसके बाद दोनों भाइयों ने सन 2020 के अंत में आइसक्रीम और कुल्फी का कारोबार शुरू किया. कारोबार शुरू करने के कुछ दिन बाद ही फिर दूसरी बार लॉकडाउन लग गया. इस पर भी दोनों ने हिम्मत और मेहनत के दम पर काम जारी रखा. धीरे-धीरे उनकी बनाई आइसक्रीम और कुल्फी का स्वाद लोगों की जुबान पर चढ़ने लगा.

35 लोगों को दिया रोजगार

विवेक उपाध्याय ने बताया कि कोरोना में लोगों ने आइसक्रीम से दूरी बना ली, जिससे कम वेतन पर नौकरी मिल रही थी. इसलिए, खुद का काम करने की प्लानिंग की. इस पर मार्केट रिसर्च किया. फिर, आइसक्रीम को लेकर स्टार्टअप शुरू किया. गगन उपाध्याय ने बताया कि दोनों खुद अपने पैर पर खड़े हुए हैं. इसके साथ ही 35 युवाओं को रोजगार भी दे रहे हैं.

45 लाख रुपये पहुंच गया टर्नओवर

विवेक उपाध्याय ने बताया कि जब पीएम मोदी ने बजट में श्री अन्न योजना शुरू की. इससे प्रेरित होकर हमने आइसक्रीम और कुल्फी में मोटे अनाज का एक्सपेरिमेंट्स किया. बाजरे की कुल्फी बनाई. इसमें बाजरे के साथ दूध और शुद्ध शहद मिलाया जाता है. बाजरे की कुल्फी लोगों को खूब पसंद आ रही है. क्योंकि, बाजरे की इस कुल्फी को बच्चा, बूढ़ा कोई भी खा सकता है. जो स्वाद के साथ-साथ सेहत में भी हिट है. विवेक और गगन ने बताया कि अभी बाजरे की कुल्फी प्रचार-प्रसार के लिए सिर्फ 10 रुपये की कीमत रखी है. इस गर्मी के मौसम में लोगों को कुल्फी में बाजरा के बाद अब रागी, जौ और फॉक्सटेल को लेकर काम कर रहे हैं. बताया कि 15 लाख रुपये से आइसक्रीम कारोबार शुरू किया था, जिसका अब टर्नओवर 45 लाख रुपये पहुंच गया है.

बाजरे के साथ राबड़ी खाने को मिल रहा

आलोक ने बताया कि बाजरे की कुल्फी बहुत टेस्टी है. इसे खाकर ऐसा लगा कि जैसे बाजरे के साथ ही रबड़ी जैसा स्वाद खाने को मिला है. यह अच्छी है. जो हेल्दी भी है. संचित ने बताया कि बाजरे की कुल्फी भी नार्मल कुल्फी की तरह खाने में लगती है.

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