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अमानवीय : बेंगलुरू के ESI अस्पताल में एक साल से सड़ रहा है दो कोरोना संक्रमितों का शव

COVID-19 पीड़ित दो व्यक्ति जिनकी जुलाई 2020 में मृत्यु हो गई थी, उनका शव एक वर्ष से अस्पताल में सड़ रहा (Dead body rotting in hospital for a year) है. यह मामला कर्मचारी राज्य बीमा निगम अस्पताल (Employees State Insurance Corporation Hospital rajajinagar) के मुर्दाघर का है जो बेंगलुरू के राजाजीनगर में स्थित है.

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Published : Nov 29, 2021, 6:46 PM IST

बेंगलुरू : ESI अस्पताल की मोर्चरी में दो कोरोना संक्रमितों का शव (Dead body of two corona infected) पिछले एक वर्ष से सड़-गल रहा है. अस्पताल सूत्रों के अनुसार यह एक 40 वर्षीय महिला और एक 50 वर्षाय पुरुष का शव है. जिनकी मृत्यु जुलाई 2020 में हो गई थी.

जानकारी के अनुसार उन्हें जून 2020 में राजाजीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अगले कुछ दिनों बाद उनकी मृत्यु हो गई. तब से उनके शरीर को मुर्दाघर में रखा गया है क्योंकि अज्ञात कारणों से अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका है.

इस संबंध में राजाजीनगर के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री एस सुरेश कुमार (Former Minister S Suresh Kumar) ने कर्नाटक के श्रम मंत्री ए शिवराम हेब्बार (Karnataka Labor Minister A Shivaram Hebbar) को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने और अमानवीय घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने का अनुरोध किया है.

अपने पत्र में, जिसकी प्रति उन्होंने पत्रकारों के साथ साझा की, कुमार ने कहा कि COVID-19 की पहली लहर के दौरान जुलाई 2020 में ईएसआई अस्पताल में दो लोगों की मौत हो गई और उनके शव अभी भी अस्पताल के मुर्दाघर में सड़ रहे हैं.

कुमार ने लिखा कि ब्रुहत बेंगलुरू महानारा पालिक और ईएसआई अधिकारियों की भूमिका गंभीर है. इस संबंध में मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि एक उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दें, विस्तृत जांच रिपोर्ट प्राप्त करें और इस अमानवीय कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करें.

यह भी पढ़ें - Omicron in chandigarh : साउथ अफ्रीका से चंडीगढ़ लौटे एक व्यक्ति में मिला कोरोना वायरस, परिवार के सभी सदस्य पॉजिटिव

कुमार ने भावनात्मक रूप से लिखे पत्र में कहा कि ऐसी घटनाएं कहीं भी नहीं होनी चाहिए. कुमार ने लिखा कि कोविड-19 के चरम के दौरान हमने दिल दहला देने वाली घटनाओं के बारे में जाना लेकिन ईएसआई अस्पताल की जो घटना सामने आई है वह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. यह गैरजिम्मेदार और अमानवीय व्यवहार की पराकाष्ठा है.

बेंगलुरू : ESI अस्पताल की मोर्चरी में दो कोरोना संक्रमितों का शव (Dead body of two corona infected) पिछले एक वर्ष से सड़-गल रहा है. अस्पताल सूत्रों के अनुसार यह एक 40 वर्षीय महिला और एक 50 वर्षाय पुरुष का शव है. जिनकी मृत्यु जुलाई 2020 में हो गई थी.

जानकारी के अनुसार उन्हें जून 2020 में राजाजीनगर के अस्पताल में भर्ती कराया गया था और अगले कुछ दिनों बाद उनकी मृत्यु हो गई. तब से उनके शरीर को मुर्दाघर में रखा गया है क्योंकि अज्ञात कारणों से अंतिम संस्कार नहीं किया जा सका है.

इस संबंध में राजाजीनगर के भाजपा विधायक और पूर्व मंत्री एस सुरेश कुमार (Former Minister S Suresh Kumar) ने कर्नाटक के श्रम मंत्री ए शिवराम हेब्बार (Karnataka Labor Minister A Shivaram Hebbar) को पत्र लिखकर मामले की जांच कराने और अमानवीय घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने का अनुरोध किया है.

अपने पत्र में, जिसकी प्रति उन्होंने पत्रकारों के साथ साझा की, कुमार ने कहा कि COVID-19 की पहली लहर के दौरान जुलाई 2020 में ईएसआई अस्पताल में दो लोगों की मौत हो गई और उनके शव अभी भी अस्पताल के मुर्दाघर में सड़ रहे हैं.

कुमार ने लिखा कि ब्रुहत बेंगलुरू महानारा पालिक और ईएसआई अधिकारियों की भूमिका गंभीर है. इस संबंध में मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि एक उच्च-स्तरीय जांच का आदेश दें, विस्तृत जांच रिपोर्ट प्राप्त करें और इस अमानवीय कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू करें.

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कुमार ने भावनात्मक रूप से लिखे पत्र में कहा कि ऐसी घटनाएं कहीं भी नहीं होनी चाहिए. कुमार ने लिखा कि कोविड-19 के चरम के दौरान हमने दिल दहला देने वाली घटनाओं के बारे में जाना लेकिन ईएसआई अस्पताल की जो घटना सामने आई है वह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है. यह गैरजिम्मेदार और अमानवीय व्यवहार की पराकाष्ठा है.

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