नई दिल्ली : कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक बार फिर केंद्र पर ट्विटर हमला बोला है. उन्होंने लिखा कि मित्रिकरण की सुनामी चल रही है. उन्होंने यह भी कहा कि जब देश में रोजगार ही नहीं बचेगा, तब आरक्षण का क्या मतलब रह जाएगा.
इससे पहले राहुल गांधी ने संपत्तियों की बिक्री पर भी केंद्र को आड़े हाथों लिया. कांग्रेस नेता ने कहा था कि नरेंद्र मोदी और भाजपा का एक नारा था कि 70 साल में कुछ नहीं हुआ और कल वित्त मंत्री ने जो भी 70 साल में इस देश की पूंजी बनी थी, उसे बेचने का फैसला ले लिया है. मतलब प्रधानमंत्री ने सब कुछ बेच दिया. उन्होंने कहा था कि हम निजीकरण के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमारी निजीकरण योजना का तर्क था.
हमने रणनीतिक उद्योगों का निजीकरण नहीं किया और हम रेलवे को रणनीतिक उद्योग मानते हैं क्योंकि यह लाखों और करोड़ लोगों को ट्रांसपोर्ट करता है और बहुत से लोगों को रोजगार भी देता है. राहुल गांधी ने कहा कि हमने लंबे समय से घाटे में चल रहे उद्योगों का निजीकरण किया.
राहुल गांधी ने कहा था कि हमने उन कंपनियों का निजीकरण किया जिनकी बाजार हिस्सेदारी न्यूनतम थी. हमने किसी विशेष क्षेत्र में निजी क्षेत्र के एकाधिकार को रोकने की क्षमता वाले सरकारी उद्यमों का निजीकरण नहीं किया.