बेंलगुरु : शीर्ष आईटी कंपनी इंफोसिस के पूर्व मुख्य वित्त अधिकारी ने साथ ही कहा कि सरकार को कानूनी नियम लागू करते हुए ट्विटर को आईटी नियमों का पालन न करने के लिए दंडित करना चाहिए तथा सरकार को 'अनुपालन के लिए अनुरोध' करने की जरूरत नहीं है.
निष्पक्ष मंच नहीं रही ट्विटर
पई ने कहा, 'लगभग सभी कंपनियों ने अनुपालन किया और ट्विटर या कोई भी दूसरी कंपनी खास नहीं है. भारत की संप्रभुता (sovereignty of india) और कानून किसी भी बहुराष्ट्रीय कंपनी (multinational company) से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं.' उन्होंने कहा कि ट्विटर को नियमों के पालन के लिए काफी समय दिया गया और कंपनी 'बहुत वैचारिक एवं पक्षपातपूर्ण बन गयी है तथा यह वह निष्पक्ष मंच नहीं रही जो यह पहले हुआ करती थी, जिसकी बहुत सारे लोग सराहना करते थे.'
पई ने कहा कि सरकार को प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर और ग्राहकों की सुरक्षा के लिए उचित नियम लाकर यह सुनिश्चित करना चाहिए कि भारत अब और वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के एकाधिकार का मोहताज न हो. उन्होंने कहा, 'इस समय सभी नागरिक इन वैश्विक प्रौद्योगिकी कंपनियों के एकाधिकार के निरंकुश एक तरफा रवैये के मोहताज हैं.' पई ने कहा, 'जब भारतीय कंपनियां दुनिया भर में काम करती हैं, वे उन देशों के कानूनों का पालन करती हैं और इस बात का औचित्य नहीं है कि भारत अपने कानूनों का पालन न करने वाली इन बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ नरमी बरते. कानून के तहत सब बराबर हैं.'
क्या ट्विटर संरक्षण प्रावधान का हकदार है
इससे पहले बुधवार को सूचना प्रौद्योगिकी (Information Technology) मंत्री रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने कहा कि ट्विटर मध्यस्थ नियमों का पालन करने में विफल रहा और उसने कई अवसर मिलने के बावजूद 'जानबूझकर' इनका पालन नहीं करने का रास्ता चुना. नियमों का पालन ना करने को लेकर सोशल मीडिया प्लेटफार्म (social media platform) पर निशाना साधते हुए प्रसाद ने कहा कि यह 'आश्चर्यजनक' है कि स्वयं को स्वतंत्र अभिव्यक्ति के समर्थक के रूप में पेश करने वाला ट्विटर, जब मध्यस्थ दिशानिर्देशों की बात आती है तो जानबूझ कर अवज्ञा का रास्ता चुनता है. प्रसाद ने स्वेदशी सोशल मीडिया मंच 'कू' पर सिलसिलेवार पोस्ट में कहा, ' इस बात को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं कि क्या ट्विटर संरक्षण प्रावधान का हकदार है.
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इस मामले का सामान्य तथ्य यह है कि ट्विटर 26 मई से लागू हुए मध्यस्थ दिशानिर्देशों का पालन करने में विफल रहा है.'
(पीटीआई-भाषा)