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बीजेपी विधायक के बल्ला कांड में आया ट्विस्ट, निगम अधिकारी बयान से पलटा - Twist in BJP MLAs bat case

मध्य प्रदेश के इंदौर से बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय (BJP MLA Akash Vijayvargiya) का बल्ला कांड सुर्खियों इन दिनों में है. अब इस केस में नया ट्विस्ट (new twist in the case) आ गया है. बल्ले से पिटने वाले निगम अधिकारी ने कोर्ट में दिए बयान में कहा है कि उन्हें नहीं पता है कि बैट से उन्हें किसने मारा. हालांकि इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया (video on social media) पर काफी वायरल है.

symbolic photo
प्रतीकात्मक फोटो
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Published : Feb 19, 2022, 7:07 PM IST

इंदौर: बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय (BJP MLA Akash Vijayvargiya) ने निगम अधिकारी की तकरीबन 3 साल पहले कांग्रेस शासनकाल में बल्ले से पिटाई कर दी थी. इस पूरे मामले में इंदौर की जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुनवाई में कोर्ट के समक्ष बयान देने पहुंचे निगम अधिकारी घटना को लेकर अपने बयान से पलट गए हैं. अब देखना होगा कि इस पूरे मामले में आने वाले दिनों में आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ कोर्ट की तरह से सुनवाई करती है, क्योंकि कईयों के बयान दर्ज होने बाकी हैं. वहीं मुख्य गवाह के बयान से पलट जाने से मामला फिर सुर्खियों में आ सकता है.

इंदौर का बल्ला कांड

कांग्रेस शासनकाल में बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई कर दी थी. उस समय आकाश विजयवर्गीय का बल्ला कांड काफी सुर्खियों में रहा और इस पूरे मामले में एमजी रोड पुलिस ने विधायक आकाश विजयवर्गीय पर शासकीय कार्य में बाधा सहित निगम अधिकारी की शिकायत पर कई धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था. चूंकि मामला विधायक से जुड़ा था, इसलिए पूरे मामले की सुनवाई भोपाल की विशेष कोर्ट में चल रही थी, लेकिन पिछले दिनों इस पूरे मामले को इंदौर की जिला कोर्ट में रेफर कर दिया गया.

बयान से पलटे निगम अधिकारी

पूरे मामले में इंदौर की जिला कोर्ट में सुनवाई हुई और सुनवाई के बाद जिस निगम अधिकारी को विधायक ने बल्ले से पीटा था, वह भी अपने बयान देने पहुंचे. बयान के दौरान अधिकारी ने बीजेपी विधायक को पहचानने से ही मुकर गए और कहा कि जिस व्यक्ति ने बल्ला मारा उसे वो नहीं पहचानते हैं. अब निगम अधिकारी के बयान के बाद इस पूरे मामले में कई और गवाहों के बयान होंगे और उसके बाद कोर्ट आगे की सुनवाई करेगी.

यह भी पढ़ें- झारखंड में गहराया भाषा विवाद, बीजेपी ने उर्दू को क्षेत्रीय भाषा बनाने पर जताई आपत्ति

मुझे नहीं पता किसने मारा!
बल्ले से पिटने वाले निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस ने कोर्ट के समक्ष बयान दिया कि जिस वक्त रिमूवल की कार्रवाई के लिए पहुंचे थे, उस वक्त वहां 100 से ज्यादा लोग जमे थे और आकाश विजयवर्गीय तकरीबन 15 मिनट बाद वहां पहुंचे थे. उस दौरान वो मोबाइल पर किसी से बात कर रहे थे कि किसी ने पीछे से उनके पैर पर बल्ला मार दिया. उन्होंने बल्ला मारने वाले का चेहरा नहीं देखा. जब उन्होंने देखा कि तीन-चार लोगों के हाथ में बल्ला है, विजयवर्गीय के हाथ में भी बल्ला था. इसी आधार पर उन्होंने उनका नाम लिखवा दिया. एडवोकेट सिरपुरकर ने बताया कि अब इस पूरे मामले में 25 फरवरी को कोर्ट में अन्य गवाहों के बयान होंगे.

इंदौर: बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय (BJP MLA Akash Vijayvargiya) ने निगम अधिकारी की तकरीबन 3 साल पहले कांग्रेस शासनकाल में बल्ले से पिटाई कर दी थी. इस पूरे मामले में इंदौर की जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही है. सुनवाई में कोर्ट के समक्ष बयान देने पहुंचे निगम अधिकारी घटना को लेकर अपने बयान से पलट गए हैं. अब देखना होगा कि इस पूरे मामले में आने वाले दिनों में आकाश विजयवर्गीय के खिलाफ कोर्ट की तरह से सुनवाई करती है, क्योंकि कईयों के बयान दर्ज होने बाकी हैं. वहीं मुख्य गवाह के बयान से पलट जाने से मामला फिर सुर्खियों में आ सकता है.

इंदौर का बल्ला कांड

कांग्रेस शासनकाल में बीजेपी विधायक आकाश विजयवर्गीय ने निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई कर दी थी. उस समय आकाश विजयवर्गीय का बल्ला कांड काफी सुर्खियों में रहा और इस पूरे मामले में एमजी रोड पुलिस ने विधायक आकाश विजयवर्गीय पर शासकीय कार्य में बाधा सहित निगम अधिकारी की शिकायत पर कई धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था. चूंकि मामला विधायक से जुड़ा था, इसलिए पूरे मामले की सुनवाई भोपाल की विशेष कोर्ट में चल रही थी, लेकिन पिछले दिनों इस पूरे मामले को इंदौर की जिला कोर्ट में रेफर कर दिया गया.

बयान से पलटे निगम अधिकारी

पूरे मामले में इंदौर की जिला कोर्ट में सुनवाई हुई और सुनवाई के बाद जिस निगम अधिकारी को विधायक ने बल्ले से पीटा था, वह भी अपने बयान देने पहुंचे. बयान के दौरान अधिकारी ने बीजेपी विधायक को पहचानने से ही मुकर गए और कहा कि जिस व्यक्ति ने बल्ला मारा उसे वो नहीं पहचानते हैं. अब निगम अधिकारी के बयान के बाद इस पूरे मामले में कई और गवाहों के बयान होंगे और उसके बाद कोर्ट आगे की सुनवाई करेगी.

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मुझे नहीं पता किसने मारा!
बल्ले से पिटने वाले निगम अधिकारी धीरेंद्र बायस ने कोर्ट के समक्ष बयान दिया कि जिस वक्त रिमूवल की कार्रवाई के लिए पहुंचे थे, उस वक्त वहां 100 से ज्यादा लोग जमे थे और आकाश विजयवर्गीय तकरीबन 15 मिनट बाद वहां पहुंचे थे. उस दौरान वो मोबाइल पर किसी से बात कर रहे थे कि किसी ने पीछे से उनके पैर पर बल्ला मार दिया. उन्होंने बल्ला मारने वाले का चेहरा नहीं देखा. जब उन्होंने देखा कि तीन-चार लोगों के हाथ में बल्ला है, विजयवर्गीय के हाथ में भी बल्ला था. इसी आधार पर उन्होंने उनका नाम लिखवा दिया. एडवोकेट सिरपुरकर ने बताया कि अब इस पूरे मामले में 25 फरवरी को कोर्ट में अन्य गवाहों के बयान होंगे.

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