मेरठ : देश में कोरोना महामारी के कारण कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया. मेरठ जिले से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां 24 साल की उम्र में जुड़वां भाइयों की मौत हो गई. पीड़ित परिजनों ने बताया कि जब एक बीमार होता तो दूसरा भी बीमार हो जाता था. परिजनों के मुताबिक कुछ दिन पहले एक बेटे का एक्सीडेंट हुआ था. इसके कुछ ही देर बाद दूसरे का भी एक्सीडेंट हो गया. कोरोना संक्रमित होने के बाद इलाज के दौरान जब एक की मौत हुई तो उसके अगले दिन दूसरे ने भी दम तोड़ दिया.
जिले के छावनी इलाके के रहने वाले ग्रेगरी रेमंड राफेल 23 अप्रैल का दिन जिंदगी भर नहीं भूल पाएंगे. एक 23 अप्रैल 1997 का वो दिन था जब उनकी पत्नी सोजा ने अस्पताल में जुड़वां बेटों को जन्म दिया था. इसके ठीक 24 साल बाद 23 अप्रैल 2021 को उनके दोनों बेटे बीमार पड़े. बुखार आने के बाद पहले तो उनका घर पर ही इलाज करने की कोशिश की गई, लेकिन जब आराम नहीं हुआ तो परिजनों ने दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया. जहां 13 और 14 मई को जुड़वां भाइयों की मौत हो गई. जुड़वां बेटों की मौत के बाद परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.
10 दिन पहले हुई थी कोविड संक्रमण की पुष्टि
ग्रेगरी ने बताया कि जुड़वां बेटों को उन्होंने 1 मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहां कोरोना टेस्ट कराने पर दोनों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई थी, लेकिन कुछ दिनों बाद उनकी आरटी-पीसीआर जांच कराई तो रिपोर्ट निगेटिव आई थी. बावजूद इसके उनकी तबियत में सुधार नहीं हुआ. जिसके चलते उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था. इसके बाद 13 और 14 मई को दोनों भाइयों की मौत हो गई.
जो भी करते एक साथ और एक जैसा करते
मृतकों के पिता ग्रेगरी रेमंड बताते हैं कि उनके जुड़वां बेटे जोफ्रेड वर्गीज ग्रेगरी और राल्फ्रेड जॉर्ज ग्रेगरी ने बीती 23 अप्रैल को अपना 24वां जन्मदिन मनाया था. जन्म से ही दोनों भाई हमेशा मिलजुल कर रहते थे. खाना-पीना तो साथ होता ही था, पढ़ाई लिखाई भी साथ-साथ करते थे. हर काम दोनों ने एक साथ किया. इतना ही नही कंप्यूटर इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद हैदराबाद की कंपनी में नौकरी भी एक साथ कर रहे थे. लेकिन उन्हें क्या पता था कि दोनों एक साथ बीमार होंगे और एक साथ ही दुनिया से विदा भी हो जाएंगे.
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माता-पिता को खुशहाल जिंदगी देना चाहते थे इंजीनियर भाई
ग्रेगरी ने बताया कि पहले 13 मई को जोफ्रेड की मौत हुई थी. जोफ्रेड की मौत के बाद रोते हुए मां सोजा के मुंह से यही निकला कि ऐसे में तो अब राल्फ्रेड भी नहीं बचेगा. जिसके अगले ही दिन राल्फ्रेड की भी खबर आ गई. पिता ग्रेगरी रेमंड राफेल ने बताया कि दोनों बेटे हमें एक खुशहाल जिंदगी देना चाहते थे. दोनो बच्चों ने हमारा संघर्ष नजदीकी से देखा था. कोरोना काल के बाद दोनों भाई हैदराबाद से कोरिया और फिर जर्मनी जाने की सोच रहे थे, लेकिन भगवान हमें इस तरह सजा देंगे हमें क्या पता था.
जुड़वां बेटों के आकस्मिक चले जाने पर पड़ोसियों को भी दुख पहुंचा है. पड़ोसी भी दोनों भाइयों के व्यवहार की तारीफ कर रहे हैं. जुड़वां भाइयों का ऐसे चले जाना माता-पिता पर दुखों का पहाड़ छोड़ गया है. मां का रो-रो रोकर बुरा हाल है.