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ट्विन टावर के ढहने से नजदीकी सोसायटी की दीवार क्षतिग्रस्त, कई खिड़कियों के शीशे चटके

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Published : Aug 28, 2022, 8:56 PM IST

नोएडा के सुपरटेक ट्विन टावर के ध्वस्तीकरण से आसपास की इमारतें तो सुरक्षित नजर आईं. लेकिन नजदीक की एक सोसायटी की दीवारें क्षतिग्रस्त पायी गईं.

ट्विन टावर
ट्विन टावर

नोएडा : नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार दोपहर ध्वस्त किये जाने के बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आईं. हालांकि, नजदीक ही स्थित एक सोसायटी की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कई अपार्टमेंट में खिड़कियों के शीशे भी चटक गए. अधिकारियों ने कहा कि गिराए गए ढांचे से गुजरने वाली गेल लिमिटेड की एक गैस पाइपलाइन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

इससे पहले, अधिकारियों ने कहा था कि टावर ध्वस्त किये जाने के बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित हैं. हालांकि, एक विस्तृत 'ऑडिट' जारी है. अवैध रूप से निर्मित ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा एक निर्देश दिये जाने के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई. लगभग 100 मीटर ऊंचे ढांचों को विस्फोट कर चंद सेकेंड में धराशायी कर दिया गया. केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डी.पी. कानूनगो ने कहा कि ट्विन टावर से सटी एटीएस विलेज सोसायटी की चारदीवारी को नुकसान पहुंचा है. एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के कई अपार्टमेंट की खिड़कियों के शीशे चटक गए.

ट्विन टावर को गिराने का कार्य मुंबई की कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को सौंपा गया था. एडिफिस इंजीनियरिंग के उत्कर्ष मेहता ने कहा था कि ट्विन टावर को सफलतापूर्वक गिरा दिया गया. आसपास की इमारतों को कोई ढांचागत नुकसान नहीं पहुंचा है. स्थल का निरीक्षण जारी है. नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रितु माहेश्वरी ने रविवार को कहा कि सुपरटेक के ट्विन टावर को ध्वस्त करने की कार्रवाई कुल मिलाकर सफल रही और नजदीकी दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज को शाम करीब साढ़े छह बजे तक रहने के लिए सुरक्षा मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

(पीटीआई-भाषा)

नोएडा : नोएडा के सेक्टर 93ए में सुपरटेक के ट्विन टावर को रविवार दोपहर ध्वस्त किये जाने के बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित नजर आईं. हालांकि, नजदीक ही स्थित एक सोसायटी की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई. अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि कई अपार्टमेंट में खिड़कियों के शीशे भी चटक गए. अधिकारियों ने कहा कि गिराए गए ढांचे से गुजरने वाली गेल लिमिटेड की एक गैस पाइपलाइन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

इससे पहले, अधिकारियों ने कहा था कि टावर ध्वस्त किये जाने के बाद आसपास की इमारतें सुरक्षित हैं. हालांकि, एक विस्तृत 'ऑडिट' जारी है. अवैध रूप से निर्मित ट्विन टावर को ध्वस्त करने के लिए उच्चतम न्यायालय द्वारा एक निर्देश दिये जाने के साल भर बाद यह कार्रवाई की गई. लगभग 100 मीटर ऊंचे ढांचों को विस्फोट कर चंद सेकेंड में धराशायी कर दिया गया. केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) के वरिष्ठ प्रधान वैज्ञानिक डी.पी. कानूनगो ने कहा कि ट्विन टावर से सटी एटीएस विलेज सोसायटी की चारदीवारी को नुकसान पहुंचा है. एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज के कई अपार्टमेंट की खिड़कियों के शीशे चटक गए.

ट्विन टावर को गिराने का कार्य मुंबई की कंपनी एडिफिस इंजीनियरिंग को सौंपा गया था. एडिफिस इंजीनियरिंग के उत्कर्ष मेहता ने कहा था कि ट्विन टावर को सफलतापूर्वक गिरा दिया गया. आसपास की इमारतों को कोई ढांचागत नुकसान नहीं पहुंचा है. स्थल का निरीक्षण जारी है. नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) रितु माहेश्वरी ने रविवार को कहा कि सुपरटेक के ट्विन टावर को ध्वस्त करने की कार्रवाई कुल मिलाकर सफल रही और नजदीकी दो सोसाइटी एमराल्ड कोर्ट और एटीएस विलेज को शाम करीब साढ़े छह बजे तक रहने के लिए सुरक्षा मंजूरी मिलने की उम्मीद है.

(पीटीआई-भाषा)

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