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TS Singhdev: चुनावी साल में सचिन पायलट के बहाने चर्चा में सिंहदेव, साधने में जुटी बीजेपी

सचिन पायलट के अनशन के बहाने स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने एक बार फिर अपना दर्द बयां किया है. सीएम न बन पाने की कसक उनके दिल में आज भी है. चुनावी साल में सक्रियता दिखाते हुए उन्होंने सचिन पायलट के बगावती तेवर का खुलकर समर्थन किया है. बीजेपी को इस बहाने कांग्रेस पर हमला करने का मौका मिल गया है. chhattisgarh assembly election

Singhdev in discussion
सचिन पायलट के बहाने चर्चा में सिंहदेव
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Published : Apr 11, 2023, 11:15 PM IST

सरगुजा: एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सुर्खियों में है. इस बार अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे सचिन पायलट को समर्थन देने की वहज से उनकी चर्चा है. सचिन पायलट की जो हालत राजस्थान सरकार में है, कमोबेश वैसा ही टीएस सिंहदेव भी छत्तीसगढ़ में महसूस कर रहे हैं. 2018 में सरकार बनने के बाद से ही भूपेश बघेल से मनमुटाव उजागर हुए थे. तभी से भाजपा भी टीएस सिंहदेव को अपने खेमे में लाने की कोशिशों में जुटी है. गाहे बगाहे उनके समर्थन में बयान देकर भाजपा, कांग्रेस के भीतर सुलग रही बगावत की चिंगारी को हवा भी देती रहती है.

सिंहदेव को लेकर सॉफ्ट है भाजपा का रुख: भाजपा नेता लगातार कांग्रेस पर टीएस सिंहदेव को तवज्जो न देने का आरोप लगाते रहते हैं. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने तो यहां तक कह दिया कि "पार्टी ने सिंहदेव को किनारे कर दिया है. उनकी न तो सरकार में कोई अहमियत है और न ही पार्टी में." टीएस सिंहदेव के भाजपा में शामिल होने के सवालों पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने बयान में कहा था कि "भाजपा के दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं. टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल में अनबन को वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने भी पुष्ट किया है. शशांक शर्मा ने कहा कि "कैबिनेट मंत्री रहते हुए इस्तीफे में जिन शब्दों का उपयोग किया गया, उससे समझा जा सकता है कि इस सरकार में उनकी कैसी पूछ परख थी."

टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधायक: टीएस सिंहदेव सरगुजा राजघराने से आते हैं. वे छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधायक और सबसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भी हैं. छत्तीसगढ़ में चौथी विधानसभा में सिंहदेव विपक्ष के नेता थे. वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार में वे स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

यह भी पढ़ें- TS Singhdev: सरकार में साइडलाइन किए जा रहे टीएस सिंहदेव ने पायलट के बहाने दिया जवाब

साल 2008 में पहली बार बने थे विधायक: टीएस सिंहदेव ने साल 2008 में अंबिकापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उस दौरान वे पहली बार विधायक बने. उसके बाद से वे लगातार अंबिकापुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल करते आए हैं. साल 2013 विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की. तब उन्हें पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा सौंपा था. विधानसभा चुनाव 2018 के लिए घोषणा पत्र तैयार करने में भी टीएस सिंहदेव की महत्वपूर्ण भूमिका थी. इसी दमदार घोषणा पत्र के कारण ही कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की. सरकार का गठन होते ही पार्टी ने सिंहदेव को पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री का जिम्मा सौंपा.

सरगुजा: एक बार फिर स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव सुर्खियों में है. इस बार अपनी ही सरकार के खिलाफ अनशन पर बैठे सचिन पायलट को समर्थन देने की वहज से उनकी चर्चा है. सचिन पायलट की जो हालत राजस्थान सरकार में है, कमोबेश वैसा ही टीएस सिंहदेव भी छत्तीसगढ़ में महसूस कर रहे हैं. 2018 में सरकार बनने के बाद से ही भूपेश बघेल से मनमुटाव उजागर हुए थे. तभी से भाजपा भी टीएस सिंहदेव को अपने खेमे में लाने की कोशिशों में जुटी है. गाहे बगाहे उनके समर्थन में बयान देकर भाजपा, कांग्रेस के भीतर सुलग रही बगावत की चिंगारी को हवा भी देती रहती है.

सिंहदेव को लेकर सॉफ्ट है भाजपा का रुख: भाजपा नेता लगातार कांग्रेस पर टीएस सिंहदेव को तवज्जो न देने का आरोप लगाते रहते हैं. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने तो यहां तक कह दिया कि "पार्टी ने सिंहदेव को किनारे कर दिया है. उनकी न तो सरकार में कोई अहमियत है और न ही पार्टी में." टीएस सिंहदेव के भाजपा में शामिल होने के सवालों पर भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने बयान में कहा था कि "भाजपा के दरवाजे सभी के लिए खुले हुए हैं. टीएस सिंहदेव और भूपेश बघेल में अनबन को वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने भी पुष्ट किया है. शशांक शर्मा ने कहा कि "कैबिनेट मंत्री रहते हुए इस्तीफे में जिन शब्दों का उपयोग किया गया, उससे समझा जा सकता है कि इस सरकार में उनकी कैसी पूछ परख थी."

टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधायक: टीएस सिंहदेव सरगुजा राजघराने से आते हैं. वे छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर विधायक और सबसे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता भी हैं. छत्तीसगढ़ में चौथी विधानसभा में सिंहदेव विपक्ष के नेता थे. वर्तमान में छत्तीसगढ़ सरकार में वे स्वास्थ्य मंत्री के रूप में कार्यरत हैं.

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साल 2008 में पहली बार बने थे विधायक: टीएस सिंहदेव ने साल 2008 में अंबिकापुर विधानसभा से चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. उस दौरान वे पहली बार विधायक बने. उसके बाद से वे लगातार अंबिकापुर विधानसभा सीट पर जीत हासिल करते आए हैं. साल 2013 विधानसभा चुनाव में भी उन्होंने जीत हासिल की. तब उन्हें पार्टी ने नेता प्रतिपक्ष का जिम्मा सौंपा था. विधानसभा चुनाव 2018 के लिए घोषणा पत्र तैयार करने में भी टीएस सिंहदेव की महत्वपूर्ण भूमिका थी. इसी दमदार घोषणा पत्र के कारण ही कांग्रेस ने एकतरफा जीत हासिल की. सरकार का गठन होते ही पार्टी ने सिंहदेव को पंचायत एवं स्वास्थ्य मंत्री का जिम्मा सौंपा.

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