पुणे : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि आज भारत में बेहद भरोसा (ट्रस्ट सरप्लस) नीतियों में भी दिखाई देता है और देशवासियों के परिश्रम में भी झलकता है. मोदी ने पुणे में आयोजित कार्यक्रम में यह बात कही, जिसमें उन्हें लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया. इस कार्यक्रम में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के प्रमुख शरद पवार ने मोदी के साथ मंच साझा किया. प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम में अपने संबोधन में कहा कि अविश्वास के माहौल में देश का विकास संभव नहीं होता. उन्होंने कहा कि पिछले नौ वर्षों में भारत के लोगों ने बड़े बदलाव संभव कर दिखाये हैं. मोदी ने कहा कि भारत के लोगों ने देश को दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाया. प्रधानमंत्री ने कहा कि लोकमान्य तिलक स्वतंत्र प्रेस के महत्व को समझते थे. पीएम मोदी ने कहा, "उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की दिशा बदल दी. अंग्रेज़ उन्हें भारतीय अशांति का जनक कहते थे." उन्होंने कहा कि आज देश हर क्षेत्र में खुद पर विश्वास कर रहा है. उन्होंने यह भी कहा कि आज अगर किसी विदेशी आक्रमणकारी के नाम पर बनी सड़क का नाम बदल दिया जाता है तो कुछ लोग असहज हो जाते हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी रहे लोकमान्य तिलक के नाम पर पुरस्कार पाकर वह सम्मानित महसूस कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि तिलक के जीवन से हम अनेक चीजें सीख सकते हैं. पीएम मोदी ने कहा, "तिलक की भगवद गीता में बहुत आस्था थी. अंग्रेजों ने उन्हें मांडले जेल भेज दिया था, लेकिन वहां भी उन्होंने भगवद गीता का अपना अध्ययन जारी रखा और गीता रहस्य लिखा तथा लोगों को कर्म की शक्ति से परिचित कराया." उन्होंने कहा कि तिलक ने इस बात पर जोर दिया कि लोग खुद पर विश्वास करें. उन्होंने कहा, "वह उन्हें खुद पर विश्वास दिलाते थे. उस समय जब लोगों ने यह मान लिया था कि गुलामी की जंजीरों को तोड़ना भारत के लिए असंभव है, तो उन्होंने लोगों को स्वतंत्रता का विश्वास दिलाया. उन्हें हमारी परंपराओं पर विश्वास था, उन्हें हमारे लोगों, श्रमिकों पर विश्वास था, उन्हें भारत के समार्थ्य पर विश्वास था." मोदी ने कहा कि अविश्वास के माहौल में देश का विकास संभव नहीं है.
-
From trust deficit to trust surplus… pic.twitter.com/Qcd8WAfnKE
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">From trust deficit to trust surplus… pic.twitter.com/Qcd8WAfnKE
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023From trust deficit to trust surplus… pic.twitter.com/Qcd8WAfnKE
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023
उन्होंने कहा, "कल, मुझे मनोज पोचाट नामक व्यक्ति ने ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने मुझे 10 साल पहले की मेरी पुणे यात्रा की याद दिलाई. मैंने तब फर्ग्यूसन कॉलेज में विश्वास की कमी के बारे में बात की थी. आज, उन्होंने मुझसे विश्वास की कमी से विश्वास में बढ़ोतरी तक की यात्रा के बारे में बोलने का अनुरोध किया था. आज भारत में बेहद भरोसा (ट्रस्ट सरप्लस) पॉलिसी में भी दिखाई देता है और देशवासियों के परिश्रम में भी झलकता है." उन्होंने कहा, " बीते नौ वर्षों में भारत के लोगों ने बड़े-बड़े बदलावों की नींव रखी, बड़े-बड़े परिवर्तन करके दिखाए. यही कारण है कि भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया. ये भारत के लोग हैं जिन्होंने इसे संभव बनाया." उन्होंने कहा कि लोकमान्य तिलक में युवा प्रतिभा को पहचानने की अद्वितीय क्षमता थी और (दिवंगत हिंदुत्व विचारक) वीर सावरकर इसका एक उदाहरण हैं.
-
Recalled an interesting anecdote which led to the making of a Tilak Statue in Ahmedabad. pic.twitter.com/9rfUCxAFh5
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Recalled an interesting anecdote which led to the making of a Tilak Statue in Ahmedabad. pic.twitter.com/9rfUCxAFh5
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023Recalled an interesting anecdote which led to the making of a Tilak Statue in Ahmedabad. pic.twitter.com/9rfUCxAFh5
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023
पीएम मोदी ने कहा कि तिलक को वीर सावरकर की क्षमता का एहसास हुआ और उन्होंने विदेश में उनकी शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा, "जब किसी पुरस्कार का नाम लोकमान्य तिलक के नाम पर रखा जाता है, तो जिम्मेदारी बढ़ जाती है. तिलक लोगों को संबोधित करने के लिए अहमदाबाद गए थे और 40,000 से ज्यादा लोग उन्हें सुनने आए थे. उनमें (सरदार वल्लभभाई) पटेल भी थे, जिन पर उनके भाषण का गहरा प्रभाव पड़ा. बाद में, पटेल अहमदाबाद नगर निगम के अध्यक्ष बने. उनकी सोच को देखिए. उन्होंने अहमदाबाद में तिलक की प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया और इसके लिए विक्टोरिया गार्डन को चुना, जो महारानी विक्टोरिया की याद में बनाया गया था."
-
Lokmanya Tilak taught us how to work with different people and also how to ignite mass consciousness on various issues of public well-being. pic.twitter.com/JD7KC3ne4r
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Lokmanya Tilak taught us how to work with different people and also how to ignite mass consciousness on various issues of public well-being. pic.twitter.com/JD7KC3ne4r
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023Lokmanya Tilak taught us how to work with different people and also how to ignite mass consciousness on various issues of public well-being. pic.twitter.com/JD7KC3ne4r
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023
उन्होंने कहा कि पटेल को काफी विरोध का सामना करना पड़ा क्योंकि उन्हें रोकने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने संकल्प लिया कि अगर गार्डन में तिलक की प्रतिमा स्थापित करने की अनुमति नहीं दी गई तो वह अपना पद छोड़ देंगे. उन्होंने कहा, "अंततः प्रतिमा स्थापित की गई और 1929 में महात्मा गांधी ने तिलक की प्रतिमा का अनावरण किया. अहमदाबाद में रहते हुए मुझे कई बार इस प्रतिमा के दर्शन करने का अवसर मिला." मोदी ने कहा कि कोई कल्पना कर सकता है कि गुलामी के समय में सरदार पटेल ने 'देश के बेटे' के लिए ब्रिटिश साम्राज्य को चुनौती दी थी. उन्होंने कहा, "आज के परिदृश्य में, अगर किसी विदेशी आक्रमणकारी के नाम पर बनी सड़क का नाम किसी भारतीय व्यक्तित्व के नाम पर रखा जाता है, तो कुछ लोग हल्ला मचाने लगते हैं, उनकी नींद खराब हो जाती है."
-
Lokmanya Tilak taught us how to work with different people and also how to ignite mass consciousness on various issues of public well-being. pic.twitter.com/JD7KC3ne4r
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Lokmanya Tilak taught us how to work with different people and also how to ignite mass consciousness on various issues of public well-being. pic.twitter.com/JD7KC3ne4r
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023Lokmanya Tilak taught us how to work with different people and also how to ignite mass consciousness on various issues of public well-being. pic.twitter.com/JD7KC3ne4r
— Narendra Modi (@narendramodi) August 1, 2023
पीएम मोदी ने कहा, "कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत ने अपने वैज्ञानिकों पर विश्वास किया और उन्होंने एक भारतीय वैक्सीन बनाई और पुणे ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. हम 'आत्मनिर्भर भारत' के बारे में बात कर रहे हैं क्योंकि हम जानते हैं कि भारत ऐसा कर सकता है." प्रधानमंत्री ने कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ भारत की लड़ाई में पुणे के योगदान की भी सराहना की. इस अवसर पर पवार ने कहा कि भारत में पहली सर्जिकल स्ट्राइक छत्रपति शिवाजी के कार्यकाल में हुई थी. राकांपा नेता ने कहा कि देश ने दो युग देखे हैं- एक तिलक का और दूसरा महात्मा गांधी का.
(पीटीआई-भाषा)