मुरादाबादः छेड़छाड़ से परेशान 12वीं की छात्रा ने जान दे दी. इसके साथ ही छात्रा ने दो पेज का सुसाइड नोट लिखकर छोड़ा है. इसमें छात्रा ने पुलिस पर शिकायत के बावजूद कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है, साथ ही लिखा है कि इस मामले में पुलिस अब तो कोई कार्रवाई करे. वहीं, इस मामले को लेकर एसएसपी का कहना है कि एक एसआई को निलंबित कर दिया गया है. एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. अन्य तीन आरोपियों की तलाश की जा रही है.
छात्रा के पिता के मुताबिक पड़ोस का आरोपी उनकी बेटी के साथ अक्सर छेड़छाड़ करता था. 8 मार्च को होली वाले दिन आरोपी ने उनकी बेटी के साथ छेड़छाड़ की थी. उसको जबर्दस्ती खीचने की कोशिश भी की थी. शोर मचाने पर हम लोग मौके पर पहुंच गए थे. इसके बाद आरोपी धमकी देता हुआ मौके से भाग गया था. इस बात की शिकायत कुंदरकी थाने में की लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नही की. उसके बाद आरोपी बेटी से स्कूल जाते हुए लगातार छेड़छाड़ कर रहा था. यहां तक कि बेटी जब नहाने जाती थी तो पड़ोस की छत से उसको देखता था. जब कुंदरकी थाने में कोई सुनवाई नही हुई तो इसकी शिकायत मुरादाबाद में एसपी देहात के यहां की लेकिन उसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई. अंत में बेटी ने जान देने की कोशिश की. अस्पताल में इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया.
इस मामले को लेकर एसएसपी हेमराज मीणा ने बताया कि 19 मार्च की शाम सूचना मिली थी कि छेड़खानी से परेशान एक लड़की ने जान देने की कोशिश की है. छात्रा को निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. सोमवार को उसने दम तोड़ दिया. इस मामले में एक एसआई को निलंबित किया गया है. वहीं, एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया है. सुसाइड नोट में जिन तीन अन्य आरोपियों के नाम का जिक्र किया गया है उनकी तलाश की जा रही है.
सुसाइड नोट के मुख्य अंश
मैंने सबके सामने हाथ पैर जोड़ लिए लेकिन गरीब लोगों की किसी ने भी नहीं सुनी. यह लोग पैसे देकर डरा देते हैं. हमने प्रार्थना पत्र भी दिया और कुछ भी नहीं हुआ. यह हम पर हंसते हैं इसलिए मजबूर होकर मुझे यह कदम उठाना पड़ रहा है और अब मैं चाहती हूं मेरे जीते जी इन्हें सजा नहीं मिली, मेरे मरने के बाद सजा मिलनी चाहिए. इन्होंने हमारी मजबूरी का फायदा उठाकर, हमें फंसाया है. इन्होंने मेरे बारे में पता नहीं क्या-क्या बातें बना रखी हैं.
रही लेटर की बात तो एक लड़की जो कि मेरी पक्की दोस्त थी वह मेरे पास बैठकर पता नहीं क्या लिखवाती थी, मैं लिख देती थी. उसने हमसे लिखवाकर विकेश नाम के लड़के को दे दिए हैं. हमें पता है कि हमारे माता-पिता ने कैसे दुख और मुसीबतों से हमें पढ़ाया है. हमारा सपना पूरा नहीं होने दिया इन लोगों ने. हमें जीते जी मार डाला. यह अमीर लोग हैं. इनका सामना करने की अब और हिम्मत नहीं रही मुझमें.
मेरे घर वालों पर कोई आंच नहीं आनी चाहिए. सर! अब तो सुनोगे मेरी बात. मरने के बाद इन्हें ऐसी सजा देना कि गरीब घर की लड़कियां जी सकें, अपना सपना पूरा कर सकें. विकेश नाम के लड़के की वजह से यह सब हुआ है. विकेश, प्रमोद, बब्लू और हरज्ञान ने मुझे मारने की कोशिश की थी, जब मैं स्कूल जा रही थी, तब से मैंने स्कूल जाना छोड़ दिया. यह कहा कि घरवालों को कुछ भी बताया तो घरवालों को मार देंगे. मैंने वैसा ही किया. यह लोग अपनी छत पर चढ़कर चाकू दिखाते थे, जब मेरे घरवालों को पता चला तो उन्होंने प्रार्थना पत्र दिया लेकिन किसी ने कुछ भी नहीं किया.
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