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त्रिपुरा : मछली उत्पादन बढ़ाने को जलाशयों के लिए नई लीज नीति तैयार - त्रिपुरा मंत्री मेवर कुमार जमाति

त्रिपुरा के मंत्री मेवर कुमार जमातिया ने कहा कि राज्य में सरकारी स्वामित्व वाले 1502 जलाशय हैं, जो मछली उत्पादन के लिए कम उपयोग में हैं. इन जलाशयों का उनकी पूर्ण उत्पादन क्षमता के उपयोग से राज्य में मछली उत्पादन में कई गुना वृद्धि होगी.

त्रिपुरा जलाशय लीज नीति
त्रिपुरा जलाशय लीज नीति
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Published : Dec 13, 2021, 8:10 PM IST

अगरतला : त्रिपुरा सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाले जलाशयों के लिए लीज नीति तैयार की है. इसका उद्देश्य राज्य में सभी जलाशयों का उपयोग बढ़ाना है. राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री मेवर कुमार जमातिया (Mevar Kumar Jamatia) ने कहा कि वैज्ञानिक रूप से मत्स्य पालन के लिए सभी सरकारी जलाशयों के सतत उपयोग के लिए नीति तैयार की गई है.

मत्स्य पालन विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे जमातिया ने कहा कि वर्तमान में, सरकारी स्वामित्व वाले 1502 जलाशय हैं, जो मछली उत्पादन के लिए कम उपयोग में हैं. इन जलाशयों का उनकी पूर्ण उत्पादन क्षमता के उपयोग से राज्य में मछली उत्पादन में कई गुना वृद्धि होगी.

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में सरकारी स्वामित्व वाले जलाशयों के लिए उचित लीज नीति नहीं है. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों की आवश्यकता के अनुसार, जलाशयों का उपयोग किया जा रहा है. जिससे ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है. इन जलाशयों का उपयोग बड़े स्तर पर मछली उत्पादन के लिए करने से आय के साथ रोजगार का सृजन किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि जलाशयों के लिए वर्तमान लीज नीति में मछली पालन करने वाले समुदायों की आकांक्षाओं की उपेक्षा हो रही है.

यह भी पढ़ें- त्रिपुरा में कम्युनिस्ट के शोषण का शिकार किसान: सीएम देब

अगरतला : त्रिपुरा सरकार ने सरकारी स्वामित्व वाले जलाशयों के लिए लीज नीति तैयार की है. इसका उद्देश्य राज्य में सभी जलाशयों का उपयोग बढ़ाना है. राज्य के आदिवासी कल्याण मंत्री मेवर कुमार जमातिया (Mevar Kumar Jamatia) ने कहा कि वैज्ञानिक रूप से मत्स्य पालन के लिए सभी सरकारी जलाशयों के सतत उपयोग के लिए नीति तैयार की गई है.

मत्स्य पालन विभाग की भी जिम्मेदारी संभाल रहे जमातिया ने कहा कि वर्तमान में, सरकारी स्वामित्व वाले 1502 जलाशय हैं, जो मछली उत्पादन के लिए कम उपयोग में हैं. इन जलाशयों का उनकी पूर्ण उत्पादन क्षमता के उपयोग से राज्य में मछली उत्पादन में कई गुना वृद्धि होगी.

उन्होंने यह भी कहा कि वर्तमान में सरकारी स्वामित्व वाले जलाशयों के लिए उचित लीज नीति नहीं है. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों की आवश्यकता के अनुसार, जलाशयों का उपयोग किया जा रहा है. जिससे ज्यादा फायदा नहीं हो रहा है. इन जलाशयों का उपयोग बड़े स्तर पर मछली उत्पादन के लिए करने से आय के साथ रोजगार का सृजन किया जा सकता है.

उन्होंने कहा कि जलाशयों के लिए वर्तमान लीज नीति में मछली पालन करने वाले समुदायों की आकांक्षाओं की उपेक्षा हो रही है.

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