अगरतला: त्रिपुरा में सीपीआईएम (माकपा) ने स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा के चुनावी हिंसा के खिलाफ तकरीबन 20 मामला दर्ज कराया है. राज्य में 25 नवंबर को प्रस्तावित स्थानीय निकाय चुनाव से पहले मुख्य विपक्षी माकपा ने भाजपा समर्थित गुंडों के खिलाफ पार्टी कार्यकर्ताओं पर हमला करने का आरोप लगाते हुए मामला दर्ज कराया है.
सीपीआईएम (CPIM) राज्य कमेटी के सचिव जीतेंद्र चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए इस मामले की जानकारी दी. जीतेंद्र चौधरी ने कहा कि सोमवार को पार्टी नेताओं की बैठक हुई, जिसमें राज्य के वर्तमान हालात और आगामी स्थानीय निकाय चुनाव पर चर्चा की गई.
माकपा नेता ने यह भी कहा कि भाजपा-आईपीएफटी सरकार बनने के बाद से राज्य में पुलिस उनके नियंत्रण में है और राज्य में हिंसा का वातारण उनके द्वारा तैयार किया गया है. चुनाव का अर्थ होता है सभी पार्टियों को चुनाव लड़ने का समान अवसर मिला, लेकिन राज्य सरकार ने डर का माहौल बना कर चुनाव के अर्थ को हिंसा में बदल दिया है.
राज्य के चुनाव आयोग पर सरकार ने नियंत्रण स्थापित कर लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में जब से स्थानीय निकाय चुनाव की घोषणा हुई है तब से भाजपा समर्थित गुंडे माकपा नेताओं, कार्यकर्ताओं और उम्मीदवारों पर लगातार हमले कर रहे हैं. बीजेपी के लोगों ने चुनावी कार्यालयों पर कब्जा कर लिया है और वाम मोर्चा के उम्मीदवारों पर नामांकन वापसी का दबाव बना रहे हैं. उनके घरों को निशाना बनाया जा रहा है और उनपर जानलेवा हमला किया जा रहा है. इस मामले में पार्टी ने बीस एफआईआर दर्ज काराया है, लेकिन अब तक एक भी लोगों की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
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विपक्षी लोगों पर हिंसा राज्य की राजनीति के लिए चिंता का विषय है. सत्तारूढ़ भाजपा के दबाव में हमारे 16 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया है. पार्टी के लोगों पर ज्यादातर हमलें भाजपा विधायकों और सरकार के मंत्रियों के इलाकों में हो रहे हैं. माकपा ने राज्य चुनाव आयोग से हिंसा के मामले पर संज्ञान लेते हुए इसमें शामिल लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की है. विपक्षी पार्टी ने राज्य में सभी पार्टियों को चुनाव में एक समान अधिकार देने की बात की है.