अगरतला: त्रिपुरा की चार विधानसभा सीटों पर गुरुवार को हुए उपचुनाव में शाम पांच बजे तक 76.62 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया. यह जानकारी मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) किरण गिट्टे ने दी. गिट्टे ने कहा कि अगरतला निर्वाचन क्षेत्र के कुंजाबन इलाके में 'ऑफ-ड्यूटी' पुलिसकर्मी समीर साहा को चाकू मारने सहित कुछ छिटपुट घटनाओं को छोड़कर मतदान प्रक्रिया काफी हद तक शांतिपूर्ण रही. उन्होंने कहा कि साहा का फिलहाल अस्पताल में इलाज चल रहा है.
विपक्षी कांग्रेस ने बड़े पैमाने पर धांधली किये जाने का आरोप लगाते हुए अगरतला निर्वाचन क्षेत्र के चार बूथ पर पुनर्मतदान की मांग की, जबकि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने आरोप लगाया कि उपचुनाव के नाम पर 'लोकतंत्र की हत्या की गई.' सत्तारूढ़ भाजपा ने उन सभी चार सीटों पर जीत का भरोसा जताया जहां चुनाव हुए थे. जुबराजनगर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 80.41 प्रतिशत मतदान हुआ, जबकि सूरमा निर्वाचन क्षेत्र में 80 प्रतिशत मतदान हुआ.
टाउन बारदोवाली विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम 69.54 प्रतिशत मतदान हुआ जहां से मुख्यमंत्री माणिक साहा भाजपा के उम्मीदवार हैं. अगरतला सीट पर 76.72 फीसदी मतदान हुआ. राज्य में 2018 के विधानसभा चुनाव में 87 प्रतिशत मतदान हुआ था. मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ था और शाम तक जारी था क्योंकि आखिरी घंटों के दौरान मतदान बूथ के बाहर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी गईं. गिट्टे ने कहा, 'हमें अब तक मतदान और पुनर्मतदान की मांग के संबंध में कोई बड़ी शिकायत नहीं मिली है.' उपचुनाव में कुल 1,89,032 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने के पात्र थे.
मुख्यमंत्री साहा ने चारों सीटों पर जीत का विश्वास जताया. उन्होंने कहा, 'मतदाताओं ने बूथ पर कतार में खड़े होकर अपने लोकतांत्रिक अधिकार का प्रयोग किया. हम चार सीटें जीतने के लिए 100 प्रतिशत आश्वस्त हैं. मतदान अच्छा रहा, जो सत्तारूढ़ भाजपा में लोगों के विश्वास को दर्शाता है.' कांग्रेस ने अगरतला निर्वाचन क्षेत्र के चार बूथों पर फिर से मतदान की मांग की, जहां पार्टी के सुदीप रॉय बर्मन भाजपा के अशोक सिन्हा के खिलाफ खड़े हैं.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बिरजीत सिन्हा ने कहा, 'हम हमलों, धमकियों और डराने-धमकाने के बावजूद कांग्रेस को वोट देने वाले लोगों को बधाई देते हैं. पार्टी जल्द ही अगरतला निर्वाचन क्षेत्र के चार बूथ पर बड़े पैमाने पर अनियमितताओं के लिए पुनर्मतदान की मांग करेगी.' मुख्यमंत्री के खिलाफ कांग्रेस उम्मीदवार आशीष साहा ने कहा, 'मतदाताओं को रोकने के सभी प्रयासों के बावजूद, बड़ी संख्या में लोग मतदान केंद्रों पर पहुंचे और मतदान किया. टाउन बारदोवाली निर्वाचन क्षेत्र में मध्यम मतदान कांग्रेस के लिए एक अच्छा संकेत है.'
माणिक साहा को राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में बने रहने के लिए यह चुनाव जीतने की जरूरत है. वह राज्यसभा सांसद हैं, जिन्होंने पिछले महीने तत्कालीन मुख्यमंत्री बिप्लब देब के अचानक इस्तीफे के बाद शपथ ली थी. राज्य में पैठ बनाने की कोशिश कर रही टीएमसी ने 'भाजपा समर्थित गुंडों' द्वारा बड़े पैमाने पर धांधली का आरोप लगाया. टीएमसी के प्रदेश प्रभारी राजीव बनर्जी ने आरोप लगाया, 'भाजपा समर्थित गुंडों ने एक पुलिस कांस्टेबल को चाकू मार दिया, जबकि सूरमा से पार्टी के उम्मीदवार पर हमला किया गया. कई फर्जी मतदाता कतारों में देखे गए. उपचुनाव के नाम पर लोकतंत्र की हत्या की गई है.'
बता दें कि अगरतला विधानसभा क्षेत्र के कुंजाबन इलाके में अपने परिवार के साथ मतदान करने जा रहे ऑफ ड्यूटी पुलिस कांस्टेबल समीर साहा के पेट में किसी नुकीली चीज से वार करने की घटना शामिल है. एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बदमाशों ने साहा और उनके परिवार के सदस्यों को वोट डालने से रोकने का प्रयास किया.
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इसके साथ ही शुभम देबनाथ नामक पत्रकार के साथ टाउन बोरदोवाली में एक मतदान केंद्र के पास बेरहमी से मारपीट करने की भी घटना सामने आई है. उसने बताया कि, 'कुछ बदमाश, लोगों को वोट नहीं देने दे रहे थे, जब मैंने इसे कैमरे में कैद करने की कोशिश की तो मुझ पर लगभग 20-30 लोगों ने हमला कर दिया'. इसके साथ ही उसने यह भी बताया कि, 'बदमाशों ने उसका फोन और प्रेस कार्ड छीनकर उसकी बाइक भी क्षतिग्रस्त कर दी.'