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त्रिपुरा भाजपा के कई विधायक और मंत्री टीएमसी के संपर्क में : सांसद - तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार

टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने दावा किया है कि त्रिपुरा में सत्तारूढ़ भाजपा के कई विधायक और मंत्री उनके संपर्क में हैं और तृणमूल में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं, क्योंकि वे भगवा खेमे में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं.

टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार
टीएमसी सांसद काकोली घोष दस्तीदार
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Published : Sep 12, 2021, 12:27 PM IST

अगरतला : पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) संगठन विस्तार में जुट गई है. टीएमसी का ज्यादा फोकस त्रिपुरा पर है. जिसके कारण पार्टी राज्य में अपने संगठन को मजबूत कर रही है.

इस बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार (Kakoli Ghosh Dastidar) ने दावा किया है कि त्रिपुरा में भाजपा के कई विधायक और मंत्री तृणमूल कांग्रेस के संपर्क में हैं और पार्टी में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं, क्योंकि वे भगवा खेमे में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं.

टीएमसी सांसद ने उन अटकलों पर जोर दिया है, जिसमें कहा गया है कि भगवा खेमे के असंतुष्ट विधायक तृणमूल में शामिल हो सकते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बंगाली आबादी और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी के दबदबे के कारण त्रिपुरा तृणमूल का आसान लक्ष्य है.

सांसद ने कहा, 'भाजपा के कई नेता, विधायक और यहां तक कि मंत्री भी टीएमसी से बातचीत कर रहे हैं. वे पार्टी में उपेक्षित हैं और ज्यादातर राज्य में पार्टी की गतिविधियों से नाखुश हैं. उन्होंने हमें बताया है कि वे इस तरह का बदलाव नहीं देखना चाहते हैं, जहां विपक्षी दलों पर हमले होते हैं, लोग बाहर निकलने से डरते हैं और शहर की खुली सड़कों में आग लगा दी जाती है.

एक निजी होटल में एक महिला विंग की बैठक के मौके पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, बहुत से लोग जो लंबे समय से आरएसएस से जुड़े हैं, वे भी भाजपा छोड़ रहे हैं. वे एक सत्तारूढ़ पार्टी का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं जो गुंडागर्दी को एक राजनीतिक संस्कृति के रूप में प्रोत्साहित करती है. हम सत्तारूढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे अन्याय के बारे में महिलाओं के बीच एक मजबूत जनमत बनाना चाहते हैं और अधिक लोगों को ममता बनर्जी की विचारधारा का समर्थन करने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं, जो लोगों के हित के लिए खड़ी हैं.

त्रिपुरा में टीएमसी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहीं तृणमूल नेता सुष्मिता देव ने कहा कि उनकी पार्टी 10,323 शिक्षकों के पुनर्वास के लिए हरसंभव उपाय करेगी. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की बर्खास्तगी अन्याय के पैमाने को दर्शाती है. हम यह समझने के लिए शीर्ष अदालत के वकीलों से कुछ कानूनी सलाह लेने की कोशिश कर रहे हैं कि शिक्षकों की मदद के लिए कौन से कानूनी विकल्प तलाशे जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा : भाजपा कार्यकर्ताओं पर तोड़फोड़ व आगजनी के आरोप

सुष्मिता देव के मुताबिक, बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है और टीएमसी युवाओं के इस संकट से लड़ने के लिए कुछ विकल्प ढूंढने की कोशिश कर रही है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस युवाओं को लुभाने के लिए भाजपा की तरह झूठ का सहारा कभी नहीं लेगी.

अगरतला : पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सत्ता पर काबिज होने के बाद तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) संगठन विस्तार में जुट गई है. टीएमसी का ज्यादा फोकस त्रिपुरा पर है. जिसके कारण पार्टी राज्य में अपने संगठन को मजबूत कर रही है.

इस बीच तृणमूल कांग्रेस की सांसद काकोली घोष दस्तीदार (Kakoli Ghosh Dastidar) ने दावा किया है कि त्रिपुरा में भाजपा के कई विधायक और मंत्री तृणमूल कांग्रेस के संपर्क में हैं और पार्टी में शामिल होने के लिए बातचीत कर रहे हैं, क्योंकि वे भगवा खेमे में खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं.

टीएमसी सांसद ने उन अटकलों पर जोर दिया है, जिसमें कहा गया है कि भगवा खेमे के असंतुष्ट विधायक तृणमूल में शामिल हो सकते हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बंगाली आबादी और टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी के दबदबे के कारण त्रिपुरा तृणमूल का आसान लक्ष्य है.

सांसद ने कहा, 'भाजपा के कई नेता, विधायक और यहां तक कि मंत्री भी टीएमसी से बातचीत कर रहे हैं. वे पार्टी में उपेक्षित हैं और ज्यादातर राज्य में पार्टी की गतिविधियों से नाखुश हैं. उन्होंने हमें बताया है कि वे इस तरह का बदलाव नहीं देखना चाहते हैं, जहां विपक्षी दलों पर हमले होते हैं, लोग बाहर निकलने से डरते हैं और शहर की खुली सड़कों में आग लगा दी जाती है.

एक निजी होटल में एक महिला विंग की बैठक के मौके पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, बहुत से लोग जो लंबे समय से आरएसएस से जुड़े हैं, वे भी भाजपा छोड़ रहे हैं. वे एक सत्तारूढ़ पार्टी का हिस्सा नहीं बनना चाहते हैं जो गुंडागर्दी को एक राजनीतिक संस्कृति के रूप में प्रोत्साहित करती है. हम सत्तारूढ़ सरकार द्वारा किए जा रहे अन्याय के बारे में महिलाओं के बीच एक मजबूत जनमत बनाना चाहते हैं और अधिक लोगों को ममता बनर्जी की विचारधारा का समर्थन करने के लिए प्रेरित करना चाहते हैं, जो लोगों के हित के लिए खड़ी हैं.

त्रिपुरा में टीएमसी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहीं तृणमूल नेता सुष्मिता देव ने कहा कि उनकी पार्टी 10,323 शिक्षकों के पुनर्वास के लिए हरसंभव उपाय करेगी. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों की बर्खास्तगी अन्याय के पैमाने को दर्शाती है. हम यह समझने के लिए शीर्ष अदालत के वकीलों से कुछ कानूनी सलाह लेने की कोशिश कर रहे हैं कि शिक्षकों की मदद के लिए कौन से कानूनी विकल्प तलाशे जा सकते हैं.

यह भी पढ़ें- त्रिपुरा में राजनीतिक हिंसा : भाजपा कार्यकर्ताओं पर तोड़फोड़ व आगजनी के आरोप

सुष्मिता देव के मुताबिक, बेरोजगारी एक बड़ा मुद्दा है और टीएमसी युवाओं के इस संकट से लड़ने के लिए कुछ विकल्प ढूंढने की कोशिश कर रही है, लेकिन तृणमूल कांग्रेस युवाओं को लुभाने के लिए भाजपा की तरह झूठ का सहारा कभी नहीं लेगी.

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