रामपुरहाट (पश्चिम बंगाल): पश्चिम बंगाल (West Bengal) के बीरभूम जिले (Birbhum District ) के रामपूरहाट शहर के बरशाल ग्राम पंचायत के बोगटुई गांव में तृणमूल नेता की हत्या के बाद भड़की हिंसा में मीडिया रिपोर्टों के अनुसार 8 लोगों की जान चली गई (At Least 8 People Died In Rampurhat). बागुती गांव में TMC नेता भादू शेख (Trinamul leader Bhadu Shekh's Killing) की हत्या के बाद गुस्साए लोगों ने 12 से अधिक घरों में आग लगा दी. जिसमें कम से कम 8 लोग जिंदा जल गए. पुलिस को एक ही घर से 7 लाशें मिली हैं. पुलिस अधिकारी ने बताया कि रामपुरहाट शहर के बाहरी इलाके में स्थित बोगतुई गांव में घरों से अब तक सात शव बरामद किए जा चुके हैं. जबकि आगजनी में घायल हुए तीन लोगों में से एक की मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई. प्रेस वार्ता करते हुए डीजीपी मनोज मालवीय ने कहा कि रामपुरहाट में हुई घटना का कोई राजनीतिक संबंध नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि आग की घटना में स्थानीय लोगों की मौत दुखद है. लेकिन इस घटना का कोई राजनीतिक संबंध नहीं है. दमकल विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक शेख की हत्या के विरोध में कम से कम 10 से 12 घरों में आग लगा दी गई.
राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) मनोज मालवीय ने कोलकाता में संवाददाताओं को बताया कि यह घटना सोमवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के पंचायत स्तर के एक नेता की कथित हत्या के कुछ घंटों के भीतर हुई. उन्होंने कहा कि इस घटना के सिलसिले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. पुलिस महानिदेशक ने कहा कि बरशाल गांव के पंचायत उप प्रमुख एवं तृणमूल कांग्रेस के नेता भादु शेख की सोमवार रात करीब साढ़े आठ बजे हत्या कर दी गयी थी. तृणमूल के नेता की हत्या के फौरन बाद रामपुरहाट शहर के बाहरी इलाके में स्थित बोगतुई गांव में कथित तौर पर कम से कम आठ घरों में आग लगा दी गई थी. ऐसा कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने अपने नेता की हत्या के प्रतिशोध में मकानों में आग लगा दी.
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West Bengal | Around 10-12 houses were set on fire last night. A total of 10 dead bodies have been recovered, 7 dead bodies were retrieved from a single house: Fire officials on death of several people after a mob allegedly set houses on fire and killed a TMC leader in Birbhum. pic.twitter.com/KOW2ldlCgy
— ANI (@ANI) March 22, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">West Bengal | Around 10-12 houses were set on fire last night. A total of 10 dead bodies have been recovered, 7 dead bodies were retrieved from a single house: Fire officials on death of several people after a mob allegedly set houses on fire and killed a TMC leader in Birbhum. pic.twitter.com/KOW2ldlCgy
— ANI (@ANI) March 22, 2022West Bengal | Around 10-12 houses were set on fire last night. A total of 10 dead bodies have been recovered, 7 dead bodies were retrieved from a single house: Fire officials on death of several people after a mob allegedly set houses on fire and killed a TMC leader in Birbhum. pic.twitter.com/KOW2ldlCgy
— ANI (@ANI) March 22, 2022
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि स्थिति अब पूरी तरह से नियंत्रण में है और कल रात से गांव में एक पुलिस चौकी स्थापित की गयी है. हम जांच कर रहे हैं कि गांव के मकानों में आग कैसे लगी और क्या यह घटना बरशाल गांव के पंचायत उप प्रमुख की मौत से संबंधित है. प्रारंभिक जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा है कि निजी शत्रुता के कारण उनकी हत्या की गयी है. घटनास्थल से 10 लोगों के शव बरामद होने के कुछ दमकल अधिकारियों के दावों के बारे में पूछे जाने पर शीर्ष पुलिस अधिकारी ने स्पष्ट किया कि आग पर काबू पाने के बाद सात लोगों के शव बरामद किए गए थे जबकि गंभीर रूप से झुलसे हुए तीन लोगों को निकाला गया, जिनमें से एक की अस्पताल में मौत हो गयी थी.
डीजीपी ने कहा कि एसडीपीओ और रामपुरहाट थाने के प्रभारी को सक्रिय पुलिस ड्यूटी से हटा दिया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एडीजी (सीआईडी) ज्ञानवंत सिंह की अध्यक्षता में एक विशेष जांच दल का गठन किया है. सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस ने भी स्थिति का जायजा लेने के लिए मंत्री फिरहाद हकीम के नेतृत्व में तीन सदस्यीय विधायक दल को मौके पर भेजा है. पुलिस ने कहा कि बरशाल गांव के पंचायत उप प्रमुख एवं तृणमूल कांग्रेस के नेता भादु शेख का शव सोमवार को इलाके में मिला था. पुलिस इस मामले की विस्तृत जांच कर रही है.पुलिस ने बताया कि भादू शेख की हत्या के मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. घटना के बाद बीरभूम के जिलाधिकारी, दमकल अधिकारी और स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंच गए हैं.जानकारी मिली है कि इस मामले में जांच के लिए एसआईटी का का गठन किया गया है. इसमें एडीजी वेस्टर्न रेंज संजय सिंह, सीआईडी एडीजी ग्यानवंत सिंह और डीआईजी सीआईडी ऑपरेशन मीरज खालिद शामिल हैं.
दो शीर्ष टीएमसी नेता रामपुरहाट रवाना
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को अपने विश्वस्त फिरहाद हाकिम और स्थानीय विधायक व डिप्टी स्पीकर आशीष बनर्जी को रामपुरहाट के लिए रवाना किया. सीपीएम के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि रामपुरहाट की घटना रामपुरहाट नगरपालिका के वार्ड 17 से एकमात्र सीपीएम पार्षद की जीत से जुड़ी है, जहां पिछले महीने चुनाव हुए थे. विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी ने रामपुरहाट की घटना पर केंद्रीय हस्तक्षेप की मांग की, जिसे सीपीएम ने नरसंहार बताया है. अधिकारी ने ट्वीट किया कि पश्चिम बंगाल में कानून और व्यवस्था तेजी से बिगड़ रही है. "रात भर की बर्बरता के कारण कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई, इनमें ज्यादातर महिलाएं हैं अभी तक जले हुए शव बरामद किए जा रहे हैं. प्रशासनिक स्तर पर शवों की संख्या कम बताने के प्रयास हो रहे हैं. तत्काल केंद्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता है.
विधानसभा में वाकआउट
राज्य विधानसभा में, भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे को उठाने से रोकने के बाद वाकआउट किया. भाजपा ने ममता के इस्तीफे की मांग की है, जिनके पास गृह (पुलिस) विभाग भी है. बीजेपी विधायक मनोज तिग्गा ने कहा कि अगर यह मुद्दा तृणमूल में गुटबाजी से जुड़ा नहीं है तो एक वरिष्ठ मंत्री और डिप्टी स्पीकर को हेलिकॉप्टर से रामपुरहाट क्यों ले जाया गया. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार भादू शेख तृणमूल कांग्रेस के रामपुरहाट से पंचायत नेता थे. सोमवार रात को शेख स्टेट हाईवे- 50 पर जा रहे थे, इसी दौरान उन पर बम फेंका गया. इसके बाद उन्हें रामपुरहाट मेडिकल कॉलेज ले जाया गया, लेकिन अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
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पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हिंसा बढ़ी
हाल के दिनों में पश्चिम बंगाल में राजनीतिक हत्याओं की कई वारदातें हो चुकी हैं. 13 मार्च को राज्य में दो अलग-अलग घटलनाओं में हाल ही में चुने गए दो पार्षदों को सरेआम गोली मार दी गई थी. इनमें से एक नेता टीएमसी और दूसरा कांग्रेस पार्टी से थे. टीएमसी नेता अनुपम दत्ता उत्तर 24 परगना जिले के पानीहाटी नगर पालिका के वार्ड नंबर 8 के पार्षद थे. वहीं, कांग्रेस पार्षद तपन कंडू पुरुलिया के झालदा में चार बार जीत चुके थे. दोनों को बाइक सवार युवकों ने गोली मारी थी. TMC नेता की हत्या की पूरी घटना कैमरे में कैद हो गई थी.
21 साल पहले की एक हिंसक घटना की यादें ताजा
रामपुरहाट के बक्तुई के 10 ग्रामीणों की जान लेने वाली आग ने 21 साल पहले की एक हिंसक घटना की यादें ताजा कर दीं. पश्चिमी मिदनापुर के गरबेटा के गांव छोटो अंगरिया में, स्थानीय सीपीएम नेताओं द्वारा 4 जनवरी, 2001 की रात को 11 तृणमूल कार्यकर्ताओं को जलाकर मार डालने का दावा किया गया था. तत्कालीन मुख्य विपक्षी नेता ममता बनर्जी ने छोटू अंगरिया की घटना को बड़े राजनीतिक आदोलन में बदल दिया था. मामला अब भा कानूनी लड़ाई में उलझा हुआ है, अब तक की सीबीआई जांच में क्षेत्र के दो शीर्ष सीपीएम नेताओं (तपन घोष और सुकुर अली) की गिरफ्तारी हुई है. जबकि मुख्य गवाह बख्तर मंडल की मृत्यु हो चुकी है.
गौरतलब है कि छोटू अंगरिया के पीड़ितों में से किसी की भी लाश पिछले 21 वर्षों में बरामद नहीं हुई है. 2001 के नरसंहार में आरोपित 13 लोगों को सबूतों के अभाव में 2009 में बरी कर दिया गया था. ममता बनर्जी के मुख्यमंत्री बनने के बाद मामले को फिर से खोला गया. मुख्य गवाह बख्तर मंडल ने अपने पहले के बयान को वापस ले लिया जिसके कारण सीपीएम के आरोपियों के खिलाफ मामला कमजोर हुआ है. बाद में 2013 में मंडल ने दावा किया था कि पश्चिमी मिदनापुर गांव में अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित होने के कारण उसने झूठी गवाही दी थी.