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ममता की चोट पर तृणमूल कांग्रेस का ज्ञापन 'आक्षेपों' से भरा : चुनाव आयोग

चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार के दौरान घायल होने पर तृणमूल कांग्रेस के ज्ञापन को लेकर उसे बृहस्पतिवार को कड़े शब्दों में पत्र लिखा.

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Published : Mar 11, 2021, 11:02 PM IST

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार के दौरान घायल होने पर तृणमूल कांग्रेस के ज्ञापन को लेकर उसे बृहस्पतिवार को कड़े शब्दों में पत्र लिखा. कहा है कि इन आरोपों पर जवाब देना भी अशोभनीय लगता है कि आयोग ‘एक दल विशेष’ के कहने पर राज्य में काम कर रहा है.

चुनाव आयोग ने कहा कि शुरुआत में कहना होगा कि नंदीग्राम में बनर्जी को चोट लगना वास्तव में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसकी पूरी तरह जांच होनी चाहिए. पत्र में आयोग ने लिखा, 'यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि कथित ज्ञापन आक्षेपों और कठोर बयानों से भरा हुआ है, जो चुनाव आयोग के गठन और कामकाज के आधार पर ही सवाल खड़े करता है'.

चुनाव आयोग ने कहा कि यह कहना पूरी तरह गलत है कि चुनाव आयोग ने राज्य में चुनाव कराने के नाम पर कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले ली है. उसने कहा, 'यह एक तरह से भारतीय संविधान की बुनियाद को ही कमजोर करने के समान है जो लोकतांत्रिक शासनतंत्र का सबसे पवित्र दस्तावेज है. पश्चिम बंगाल समेत किसी राज्य के दिन-प्रतिदिन के शासन को आयोग अपने हाथ में नहीं लेता है.

यह भी पढ़ें-अस्पताल से बोलीं ममता, व्हील चेयर पर करूंगी प्रचार

चुनाव आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को बिना सोचे-समझे नहीं हटाया गया है. उसने कहा, 'यह विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक और विवेक दुबे की सिफारिशों के परिणाम स्वरूप किया गया है.

नई दिल्ली : चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव प्रचार के दौरान घायल होने पर तृणमूल कांग्रेस के ज्ञापन को लेकर उसे बृहस्पतिवार को कड़े शब्दों में पत्र लिखा. कहा है कि इन आरोपों पर जवाब देना भी अशोभनीय लगता है कि आयोग ‘एक दल विशेष’ के कहने पर राज्य में काम कर रहा है.

चुनाव आयोग ने कहा कि शुरुआत में कहना होगा कि नंदीग्राम में बनर्जी को चोट लगना वास्तव में एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और इसकी पूरी तरह जांच होनी चाहिए. पत्र में आयोग ने लिखा, 'यह भी दुर्भाग्यपूर्ण है कि कथित ज्ञापन आक्षेपों और कठोर बयानों से भरा हुआ है, जो चुनाव आयोग के गठन और कामकाज के आधार पर ही सवाल खड़े करता है'.

चुनाव आयोग ने कहा कि यह कहना पूरी तरह गलत है कि चुनाव आयोग ने राज्य में चुनाव कराने के नाम पर कानून व्यवस्था अपने हाथ में ले ली है. उसने कहा, 'यह एक तरह से भारतीय संविधान की बुनियाद को ही कमजोर करने के समान है जो लोकतांत्रिक शासनतंत्र का सबसे पवित्र दस्तावेज है. पश्चिम बंगाल समेत किसी राज्य के दिन-प्रतिदिन के शासन को आयोग अपने हाथ में नहीं लेता है.

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चुनाव आयोग ने कहा कि पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक को बिना सोचे-समझे नहीं हटाया गया है. उसने कहा, 'यह विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक और विवेक दुबे की सिफारिशों के परिणाम स्वरूप किया गया है.

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