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नीति माणा की महिलाओं ने पीएम मोदी को कहा 'THANK YOU', भोजपत्र पर लिखी बदरीनाथ की आरती भेजी

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Published : Jul 7, 2023, 7:26 PM IST

Updated : Jul 7, 2023, 7:49 PM IST

नीति-माणा घाटी की जनजाति की महिलाओं ने भोजपत्र पर बदरीनाथ की आरती लिखी है. जिसे उन्होंने पीएम मोदी को भेजा है. साथ ही नीती माणा घाटी की जन जातीय महिलाओं ने पीएम मोदी को पत्र भी लिखा है. जिसमें महिलाओं ने पीएम मोदी के प्रोत्साहन के लिए उनका आभार जताया है.

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नीति माणा की महिलाओं ने पीएम मोदी को कहा 'THANK YOU'

चमोली(उत्तराखंड): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के माणा भ्रमण के दौरान भोजपत्र पर उकेरी गई कलाकृति की जमकर तारीफ की थी. जिसके बाद से ही भोजपत्र आज भोटिया जनजाति की महिलाओं की आजीविका का अच्छा साधन बनता जा रहा है. जिसके बाद नीति-माणा घाटी जनजाति की महिलाओं ने भोजपत्र पर बदरीनाथ की आरती लिखकर एक पत्र पीएम मोदी को प्रेषित किया है. इस पत्र में पीएम मोदी के प्रोत्साहन के लिए आभार व्यक्त किया गया है.

Tribal women of Niti Mana Valley
भोजपत्र पर लिखी बदरीनाथ की आरती

बता दें 21 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीमान्त गांव माणा पहुंचे थे. इस दौरान माणा में आयोजित सरस मेले में स्वयं सहायता समूह की जनजाति महिलाओं ने प्रधानमंत्री को भोजपत्र पर तैयार एक अनूठी कलाकृति सप्रेम भेंट की. जनजाति महिलओं द्वारा भेाज पत्र पर तैयार कलाकृति से प्रधानमंत्री अभिभूत हुए. उन्होंने महिलाओं द्वारा किए गए इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की. जिसके बाद पीएम मोदी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों से स्थानीय उत्पादों की खरीद पर अपने यात्रा व्यय का 5 प्रतिशत अंश व्यय करने का आह्वान भी किया था.

Tribal women of Niti Mana Valley
जन जातीय महिलाओं से मिलते पीएम मोदी

पढे़ं-उत्तराखंड में साकार हुआ पीएम मोदी का सपना, देश के पहले गांव के रूप में जाना जाएगा माणा गांव

भोजपत्र कलाकृति की महत्ता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने माणा से जाते ही 22 अक्टूबर को ट्वीट किया. जिसमें पीएम मोदी ने लिखा भोजपत्र पर उकेरी गई आदिवासी भाई-बहनों की भावनाएं अभिभूत करने वाली हैं. जिला प्रशासन द्वारा भोजपत्र से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कारगर प्रयास किए गए, जिसके अन्तर्गत भोजपत्र स्मृति चिह्न बनाने के लिये निरन्तर सुलेख प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. अब तक कई एसएचजी महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है. महिलाओं द्वारा निर्मित स्मृति चिह्नों को तीर्थयात्रियों द्वारा काफी सराहा जा रहा है. साथ ही उन्हें अच्छे दामों पर खरीदा भी जा रहा है. इससे महिलाओं की आय में वृद्वि हुई है.

Tribal women of Niti Mana Valley
माणा में आयोजित सरस मेला

पढे़ं- उत्तराखंड के सबसे बड़े ब्रांड एंबेसडर बने PM मोदी, शायद ही किसी राज्य को मिला होगा इतना फायदा

नीति-माणा घाटी जनजाति की महिलाओं का कहना है कि भोजपत्र की कलाकृतियों के विक्रय से उनके परिवार के भरण-पोषण में मदद मिल रही है. जिला प्रशासन की इस पहल पर स्थानीय लोग स्वतः स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो रहे हैं. ये उनके आय का अच्छा जरिया बन रहा है.

चमोली(उत्तराखंड): प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के माणा भ्रमण के दौरान भोजपत्र पर उकेरी गई कलाकृति की जमकर तारीफ की थी. जिसके बाद से ही भोजपत्र आज भोटिया जनजाति की महिलाओं की आजीविका का अच्छा साधन बनता जा रहा है. जिसके बाद नीति-माणा घाटी जनजाति की महिलाओं ने भोजपत्र पर बदरीनाथ की आरती लिखकर एक पत्र पीएम मोदी को प्रेषित किया है. इस पत्र में पीएम मोदी के प्रोत्साहन के लिए आभार व्यक्त किया गया है.

Tribal women of Niti Mana Valley
भोजपत्र पर लिखी बदरीनाथ की आरती

बता दें 21 अक्टूबर, 2022 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीमान्त गांव माणा पहुंचे थे. इस दौरान माणा में आयोजित सरस मेले में स्वयं सहायता समूह की जनजाति महिलाओं ने प्रधानमंत्री को भोजपत्र पर तैयार एक अनूठी कलाकृति सप्रेम भेंट की. जनजाति महिलओं द्वारा भेाज पत्र पर तैयार कलाकृति से प्रधानमंत्री अभिभूत हुए. उन्होंने महिलाओं द्वारा किए गए इस प्रयास की भूरि-भूरि प्रशंसा की. जिसके बाद पीएम मोदी ने चारधाम यात्रा पर आने वाले सभी तीर्थयात्रियों से स्थानीय उत्पादों की खरीद पर अपने यात्रा व्यय का 5 प्रतिशत अंश व्यय करने का आह्वान भी किया था.

Tribal women of Niti Mana Valley
जन जातीय महिलाओं से मिलते पीएम मोदी

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भोजपत्र कलाकृति की महत्ता को देखते हुए प्रधानमंत्री ने माणा से जाते ही 22 अक्टूबर को ट्वीट किया. जिसमें पीएम मोदी ने लिखा भोजपत्र पर उकेरी गई आदिवासी भाई-बहनों की भावनाएं अभिभूत करने वाली हैं. जिला प्रशासन द्वारा भोजपत्र से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए कारगर प्रयास किए गए, जिसके अन्तर्गत भोजपत्र स्मृति चिह्न बनाने के लिये निरन्तर सुलेख प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं. अब तक कई एसएचजी महिलाओं को प्रशिक्षित किया जा चुका है. महिलाओं द्वारा निर्मित स्मृति चिह्नों को तीर्थयात्रियों द्वारा काफी सराहा जा रहा है. साथ ही उन्हें अच्छे दामों पर खरीदा भी जा रहा है. इससे महिलाओं की आय में वृद्वि हुई है.

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माणा में आयोजित सरस मेला

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नीति-माणा घाटी जनजाति की महिलाओं का कहना है कि भोजपत्र की कलाकृतियों के विक्रय से उनके परिवार के भरण-पोषण में मदद मिल रही है. जिला प्रशासन की इस पहल पर स्थानीय लोग स्वतः स्वरोजगार की ओर अग्रसर हो रहे हैं. ये उनके आय का अच्छा जरिया बन रहा है.

Last Updated : Jul 7, 2023, 7:49 PM IST
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