हैदराबाद : हथियार बाजार पर एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत के हथियारों के आयात में पिछले चार साल में हिस्सेदारी घटी है. रिपोर्ट बताती है कि 2016-20 में प्रमुख हथियारों के अंतरराष्ट्रीय हस्तांतरण की मात्रा 2011-15 की तुलना में 0.5 प्रतिशत कम थी और 2006-10 में 12 प्रतिशत अधिक थी. 2016-20 में पांच सबसे बड़े हथियार निर्यातक संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी और चीन थे. 2016-20 में प्रमुख हथियारों के सभी निर्यातों में उनका 76 प्रतिशत हिस्सा था.
2016-20 में अमेरिकी हथियारों के निर्यात में वैश्विक कुल का 37 प्रतिशत हिस्सा था और 2011-15 की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक था. 2011-15 और 2016-20 के बीच रूसी हथियारों का निर्यात 22 प्रतिशत घटा है. 2011-15 से 2016-17 के बीच फ्रांस और जर्मनी द्वारा हथियारों के निर्यात में 44 और 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि चीन के निर्यात में 7.8 प्रतिशत की कमी आई. 2016-20 में पांच सबसे बड़े हथियार सऊदी अरब, भारत, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और चीन ने प्रमुख हथियारों के सभी आयातों का 36 प्रतिशत प्राप्त किया.
2016-20 में मुख्य प्राप्तकर्ता क्षेत्र एशिया और ओशिनिया (वैश्विक हथियारों के आयात का 42 प्रतिशत के लिए लेखांकन) था, इसके बाद मध्य पूर्व (33 प्रतिशत), यूरोप (12 प्रतिशत), अफ्रीका (7.3 प्रतिशत) और अमेरिका (5.4 प्रतिशत) रहा.
दुनिया में हथियारों के निर्यातक
एसआईपीआरआई ने 2016-20 में प्रमुख हथियारों के निर्यातकों के रूप में 65 राज्यों की पहचान की है. हथियारों के पांच सबसे बड़े आपूर्तिकर्ता- संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, फ्रांस, जर्मनी और चीन-सभी हथियारों के निर्यात का 76 प्रतिशत हिस्सा हैं. हथियारों के निर्यात में फ्रांस की वृद्धि सबसे अधिक थी. अमेरिका और जर्मन हथियारों का निर्यात भी बढ़ा, जबकि रूसी और चीनी हथियारों का निर्यात कम हुआ. 25 हथियारों के निर्यातकों का 2016-20 में प्रमुख हथियारों के वैश्विक निर्यात का 99 प्रतिशत था.
दुनिया में हथियारों का आयात
एसआईपीआरआई (स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट) ने 2016–20 में 164 राज्यों को प्रमुख हथियारों के आयातकों के रूप में पहचान दी है. 2016 में शीर्ष पांच हथियार आयातकों में सऊदी अरब, भारत, मिस्र, ऑस्ट्रेलिया और चीन को कुल हथियारों के आयात का 36 प्रतिशत प्राप्त हुआ. 2016-17 में क्षेत्रीय स्तर पर एशिया और ओशिनिया में हथियारों के आयात का 42 प्रतिशत हिस्सा था, इसके बाद मध्य पूर्व (33 प्रतिशत), यूरोप (12 प्रतिशत), अफ्रीका (7.3 प्रतिशत) और अमेरिका 5.4 प्रतिशत रहा.
भारत और पाकिस्तान के बीच तुलना
भारत
2011-15 और 2016-20 के बीच भारत द्वारा हथियारों के आयात में 33 प्रतिशत की कमी आई. रूस 2011-15 और 2016-20 दोनों में भारत का सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता था. रूस की डिलीवरी दो अवधि के बीच 53 फीसदी घट गई और कुल भारतीय हथियारों के आयात में इसकी हिस्सेदारी 70 से 49 फीसदी तक गिर गई. 2011-15 में संयुक्त राज्य अमेरिका भारत के लिए दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता था, लेकिन 2016-20 में संयुक्त राज्य अमेरिका से भारत के हथियारों का आयात पिछले पांच साल की तुलना में 46 प्रतिशत कम था, लेकिन 2016–20 में संयुक्त राज्य अमेरिका भारत का चौथा सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता बन गया. 2016-20 में फ्रांस और इजराइल भारत में दूसरे और तीसरे सबसे बड़े हथियार आपूर्तिकर्ता थे. फ्रांस से भारत के हथियारों के आयात में 70.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि इजराइल से 82 प्रतिशत की वृद्धि हुई.
2011-15 और 2016–20 के बीच भारत के हथियारों के आयात में गिरावट आई है. मुख्य रूप से इसकी जटिल और लंबी खरीद प्रक्रियाओं के कारण.
पाकिस्तान
2011-15 और 2016-20 के बीच पाकिस्तान द्वारा हथियारों के आयात में 23 प्रतिशत की कमी आई. 2011-15 में पाकिस्तान के आयात में चीन का 61 प्रतिशत और 2016–20 में 74 प्रतिशत का योगदान था.
भारत की तरह पाकिस्तान के पास हथियारों के कई बड़े बकाया ऑर्डर हैं. वे 2028 तक डिलीवरी के लिए निर्धारित हैं और इसमें 50 लड़ाकू विमान, 8 पनडुब्बी और चीन से 4 फ्रिगेट और तुर्की से 4 फ्रिगेट शामिल हैं.