नई दिल्ली : यात्रा प्रतिबंध लगाने का उन देशों में फायदा हुआ है, जहां कोविड-19 के कम मामले सामने आए हैं या फिर उन देशों में भी यह फायदेमंद साबित हुआ है जिनके उच्च दर वाले कोरोना संक्रमण देशों के साथ यात्रा संपर्क मजबूत हैं. इसका खुलासा एक अध्य्यन में हुआ है.
विशेषज्ञों का कहना है कि यात्रा प्रतिबंध ठोस अध्ययन पर आधारित होने चाहिए , तभी वह फायदेमंद साबित हो सकते हैं. ‘द लांसेट पब्लिक हेल्थ’ नामक शोध पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में यह जानकारी सामने आई.
अध्ययन के अनुसार महामारी फैलने के प्रारंभिक चरणों में यात्रा करने पर लगाए गए प्रतिबंध सबसे ज्यादा कारगर साबित हुए लेकिन, यह कदम तब उतने प्रभावी नहीं होंगे जब एक देश के भीतर संक्रमण तेजी से फैल रहा है.
‘लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन’ के प्रोफेसर मार्क जिट ने कहा कि हमें पता है कि इन कदमों से एक बड़ी आर्थिक और सामाजिक कीमत चुकानी पड़ी है. सरकारों को चाहिए कि यात्रा पर प्रतिबंध किसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए लगाए जाएं.
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जिट ने कहा कि प्रतिबंध लगाने से पहले उन्हें स्थानीय स्तर पर संक्रमण के आंकड़े जुटाने चाहिए. महामारी की वृद्धि दर और उन देशों से आने वाले यात्रियों की संख्या पर विचार करना चाहिए जो संक्रमण से अधिक प्रभावित हैं.
अनुसंधानकर्ताओं ने विमान के आंकड़ों का इस्तेमाल कर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों से आने वाले संक्रमित यात्रियों की संख्या की तुलना उस देश में फैल रहे संक्रमण के मामलों से की.