नई दिल्ली: भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने उच्चतम न्यायालय में कहा कि जिन मोबाइल नंबरों को इस्तेमाल न किए जाने के कारण निष्क्रिय कर दिया जाता है या ग्राहक के अनुरोध पर बंद कर दिया जाता है, उसे कम से कम 90 दिन तक किसी नए ग्राहक को आवंटित नहीं किया जाता. उच्चतम न्यायालय किसी मोबाइल नंबर को इस्तेमाल न किए जाने के कारण उसे बंद या निष्क्रिय करने के बाद डेटा के कथित दुरुपयोग पर चिंता जताने वाली एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था.
ट्राई के जवाबी हलफनामे पर विचार करने वाली न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की पीठ ने कहा कि कोई ग्राहक पिछले फोन नंबर से जुड़े व्हाट्सएप खाते को डिलीट कर और लोकल डिवाइस मेमोरी, क्लाउड या ड्राइव में रखे डेटा को हटाकर व्हाट्सएप डेटा के दुरुपयोग को रोक सकता है.
पीठ ने कहा कि 'हम मौजूदा रिट याचिका पर आगे सुनवाई करने के इच्छुक नहीं हैं, क्योंकि ट्राई के जवाबी हलफनामे से यह स्पष्ट है कि मोबाइल टेलीफोन नंबर को इस्तेमाल न करने के लिए निष्क्रिय या ग्राहक के अनुरोध पर बंद करने के बाद उसे कम से कम 90 दिन तक किसी नए ग्राहक को आवंटित नहीं किया जाता.'
शीर्ष न्यायालय ने 30 अक्टूबर को पारित किए आदेश में कहा कि 'यह पहले वाले ग्राहक पर निर्भर करता है कि वह निजता बनाए रखने के लिए पर्याप्त कदम उठाए.' ट्राई के हलफनामे पर गौर करते हुए पीठ ने याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया और इसे खारिज कर दिया.