देहरादून: उत्तराखंड में साहसिक और धार्मिक पर्यटन के लिए लाखों की संख्या में हर साल यात्री पहुंचते हैं. वहीं, बीते कुछ सालों में हरिद्वार ऋषिकेश समेत कई पर्यटक स्थलों में ऐसी घटनाएं सामने आई हैं, जिसे किसी भी तरह से सही नहीं ठहराया जा सकता. गंगा घाटों पर खुले आम यात्री शराब और हुक्का पीते दिखाई दिए हैं. जिसके बाद उत्तराखंड पुलिस को ऐसे यात्रियों को सबक सिखाने के लिए 'ऑपरेशन मर्यादा' चलाना पड़ा. देवभूमि में ऐसी अराजक यात्रियों की कोई आवश्यकता नहीं है जो गंगा घाटों को गोवा बीच समझकर यहां घूमने आते हैं.
उत्तराखंड देवभूमि है. चारधामों को लेकर यहां अपनी-अपनी धार्मिक मान्यताएं हैं. घर से बड़े बुजुर्ग भी हमेशा ही परिवार के हर सदस्य को इन धार्मिक स्थानों की मर्यादा के बारे भी बताते आए हैं. वहीं, बीते कुछ सालों से हरिद्वार और ऋषिकेश जैसे धार्मिक स्थलों का माहौल अब बदलने लगा है. सोशल मीडिया में आए दिन ऐसे वीडियो सामने आ रहे हैं. जिसमें यहां घूमने पहुंचे यात्री गंगा घाटों पर शराब का सेवन करते दिखाई दे रहे हैं.
ताजा मामला तीर्थनगरी ऋषिकेश का है. जहां तीन युवक गंगा में बीयर की बोतल डालकर आराम से बीयर पी रहे थे. ऐसे में जब इसकी भनक जब स्थानीय पुजारियों को लगी तो उनमें से एक पुजारी ने इन युवकों की क्लास लगा दी. वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे पुजारी ने हाथ में छड़ी लेकर इन तीनों युवकों का भूत उतारा और इनकी जमकर पूजा की. जो गंगा घाट को गोवा बीच समझकर यहां बीयर पी रहे थे.
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ऋषिकेश में सामने आ रहे कई मामलेः उत्तराखंड आने वाले इन यात्रियों ने सबसे ज्यादा उत्पात ऋषिकेश में मचा रखा है. जहां साहसिक पर्यटक जैसे रिवर राफ्टिंग और कैंपिंग के लिए काफी संख्या में अन्य राज्यों से युवा पहुंचते हैं. ऐसे में इन्हें यहां खुले आम शराब और अन्य नशीले पदार्थों का सेवन करते हुए देखा जा सकता है. लिहाजा, स्थानीय लोगों की शिकायत पर पुलिस इनके खिलाफ कार्रवाई भी करती है लेकिन ये मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं. दरअसल, ऋषिकेश में गंगा का रेतीला किनारा इन शराबियों को खूब भाता है. बीते दिनों यहां पर भी कुछ लोगों को पकड़ा गया था.
केदारनाथ में हुक्का लेकर पहुंचे लोगः वहीं, चारधाम यात्रा के दौरान हद तो तब हो गई जब हरियाणा से आए कुछ लोग केदारनाथ मंदिर तक ही हुक्का लेकर पहुंच गए. गौरीकुंड-रुद्रप्रयाग से लेकर तमाम पैदल रास्तों में किसी ने भी इन लोगों को यह बताने की जहमत नहीं उठाई की वह भगवान केदारनाथ की यात्रा पर आए हैं. यहां हुक्के का क्या काम? वीडियो में हरियाणा के दो युवक इस बात की तस्दीक भी कर रहे हैं कि वह केदारनाथ में हुक्का लेकर आए हैं. इसके साथ ही यह लोग ये दलील भी दे रहे हैं कि उनके हुक्के में कुछ नशीला पदार्थ नहीं है.
उधर, यात्रियों के हुक्का पीने के वीडियो बीते साल हरिद्वार में भी खूब देखने को मिले थे. जब गंगा घाट पर कुछ गंगा प्रेमियों ने उनके हुक्के तोड़कर, उन्हें वहां से खदेड़ दिया था. सिर्फ नशा ही नहीं यहां आने वाले लोग इस कदर तक लापरवाह है कि जिस गंगा नदी को वह मां मान रहे हैं. जिसके लिए वह यहां पर आए हैं. उसी गंगा नदी में अपनी गाड़ियों को धोते भी दिखाई दे रहे हैं. ऐसी तस्वीरें आपको हरिद्वार के पंतदीप पार्किंग श्मशान घाट भीमगोड़ा जैसे घाटों पर आराम से देखने के लिए मिल जाएगी. जहां पर बाहर से आए लोग गंगा के घाटों पर गाड़ियां धोते हुए नजर आएंगे.
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'हमें आप जैसे भक्तों की जरूरत नहीं': बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं की इन हरकतों पर अब उत्तराखंड के लोग भी आपत्ति जताने लगे हैं. गंग ज्योति सेवा ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य शत्रुघ्न झा लगातार ऐसे लोगों के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं. उनका कहना है कि उत्तराखंड के किसी भी धार्मिक स्थल पर आने वाले यात्रियों का वह स्वागत करते हैं. लेकिन अगर आपको यहां आकर शराब पीनी है, नशे करने हैं या हुड़दंग मचाना है. तो ऐसे भक्तों की जरूरत ना तो गंगा को है और ना ही उत्तराखंड के लोगों को. वह यह संदेश देने का काम कर रहे हैं कि यहां पर लोग नशा करने के लिए आ रहे हैं तो कृपया करके हरिद्वार में दाखिल ना हो.
सोशल मीडिया की वजह से पकड़े जा रहे लोगः ऐसा नहीं है कि उत्तराखंड आने वाले यात्री पिछले दो चार सालों से ही हुड़दंग मचा रहे हैं. दरअसल, सोशल मीडिया के चलन और लोगों की अवेयरनेस के कारण अब यह घटनाएं सामने आ रही है. सोशल मीडिया पर एक्टिव लोग किसी भी अच्छी या बुरी घटनाओं को अपने मोबाइल कैमरे में कैद कर लेते हैं. जिसके बाद वह इन वीडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर देते हैं. ऋषिकेश से सामने आई घटनाएं इसकी तस्दीक कर रही है. ऐसे में लोगों के गंगा घाटों पर नशा करते हुए इन वीडियो के कारण पुलिस को भी कार्रवाई करने में आसानी होती है.
पुलिस को चलना पड़ा अभियान ऑपरेशन मर्यादाः उत्तराखंड पुलिस ने धार्मिक स्थलों में उत्पात मचाने वाले असामाजिक तत्वों के निपटने के लिए ऋषिकेश और हरिद्वार में 'ऑपरेशन मर्यादा' चल रखा है. उत्तराखंड पुलिस के डीजीपी अशोक कुमार की मानें तो ऐसे लोगों के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. यह ऑपरेशन (Operation Maryada) इसलिए चलाया गया क्योंकि कई जगहों से ऐसी घटनाएं सामने आ रही थी कि लोग गंगा किनारे नशे कर रहे थे.
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ऐसे में पुलिस न केवल इन लोगों पर नजर रखती है बल्कि पकड़े जाने पर इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई भी करती है. अबतक पुलिस ने ऑपरेशन मर्यादा के तहत 2 सालों में 162 लोगों को गिरफ्तार किया है. जबकि, सैकड़ों लोगों के खिलाफ चालान काटने की कार्रवाई भी की है और धार्मिक स्थलों पर यह कार्रवाई लगातार जारी है.