नई दिल्ली : सरकार ने सोमवार को लोकसभा को बताया कि मार्च 2023 तक की स्थिति के अनुसार केंद्र सरकार के ऋण/देनदारियों की कुल राशि लगभग 155.8 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है, जिसमें विदेशी ऋण मूल्य 7.03 लाख करोड़ रुपए है.
सरकार ने यह भी बताया कि विदेशी ऋण अधिकतर बहुपक्षीय और द्विपक्षीय एजेंसियों द्वारा रियायती दरों पर वित्त पोषित होने के कारण इसमें जोखिम का स्तर सुरक्षित है.
लोकसभा में नामा नागेश्वर राव के प्रश्न के लिखित उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यह जानकारी दी. सदस्य ने पूछा था कि देश में केंद्र सरकार के वर्तमान ऋण की कुल राशि कितनी है और इसमें से विदेशी ऋण की राशि क्या है ? सीतारमण ने बताया कि मार्च 2023 तक की स्थिति के अनुसार केंद्र सरकार के ऋण/देनदारियों की कुल राशि लगभग 155.8 लाख करोड़ रुपए होने का अनुमान है जो सकल घरेलू उत्पाद का 57.3 प्रतिशत है.
उन्होंने कहा कि इसमें से वर्तमान विनिमय दर पर विदेशी ऋण मूल्य 7.03 लाख करोड़ रुपए है जो जीडीपी का 2.6 प्रतिशत होने का अनुमान है. वित्त मंत्री ने कहा कि विदेशी ऋण का हिस्सा केंद्र सरकार के कुल ऋण देनदारियों का केवल 4.5 प्रतिशत है और यह सकल घरेलू उत्पाद के 3 प्रतिशत से कम है.
उन्होंने कहा कि विदेशी ऋण अधिकतर बहुपक्षीय और द्विपक्षीय एजेंसियों द्वारा रियायती दरों पर वित्त पोषित किया जाता है, इसलिए इसका जोखिम का स्तर सुरक्षित और विवेकपूर्ण है.
सीतारमण ने कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकार के परामर्श से हाल ही में विनिमय दर के उतार-चढ़ाव को कम करने और वैश्विक प्रभाव को कम करने के लिए विदेशी मुद्रा वित्तपोषण के स्रोतों में विविधता लाने तथा इसे विस्तारित करने हेतु कई उपायों की घोषणा की है.
(पीटीआई-भाषा)