नई दिल्ली : सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) योजना के तहत, व्हाइट गुड्स के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 52 कंपनियों सहित कुछ सबसे बड़े वैश्विक ब्रांडों ने देश में एयर कंडीशनर के पुर्जे और एलईडी लाइट्स के उत्पादन के लिए पीएलआई योजना के तहत आवेदन किया है. इन कंपनियों ने 5,800 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है.
एक आधिकारिक अनुमान के मुताबिक, इससे अगले पांच साल में देश में 2.71 लाख करोड़ रुपये की व्हाइट गुड्स (white goods) का उत्पादन होगा.
बता दें कि हमारे दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली चीजें जैसे- एयर कंडीशनर, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और बिजली के घरेलू उपकरणों आदि को व्हाइट गुड्स के नाम से जाना जाता है.
अधिकारियों ने कहा कि डाइकिन (Daikin), Panasonic (पैनासॉनिक), Hitachi (हिताची), Mettube (मेटट्यूब), Voltas (वाेल्टास), Bluestar (ब्लूस्टार), Havells (हैवेल्स), RK Lighting (आरके लाइटिंग) जैसी कई शीर्ष कंपनियों ने एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट्स के जरूरी पुर्जे बनाने के लिए आवेदन किया है.
31 कंपनियों ने एसी कलपुर्जों के निर्माण के लिए लगभग 5,000 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है और 21 कंपनियों ने एलईडी के लिए 871 करोड़ रुपये के निवेश की प्रतिबद्धता जताई है. उन पुर्जाें (components) के उत्पादन के लिए भी आवेदन दायर किए गए हैं जिनका भारत में अच्छी मात्रा में निर्माण नहीं होता है.
White Goods के लिए पीएलआई योजना
इस साल अप्रैल में सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए 6238 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ व्हाइट गुड्स सेक्टर के लिए एक पीएलआई योजना को मंजूरी दी थी.
डीपीआईआईटी द्वारा योजना को अधिसूचित किया गया था और आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि कल (15 सितंबर) थी. सरकार इन आवेदनों पर दो महीने के भीतर फैसला लेगी.
व्हाइट गुड्स के लिए पीएलआई योजना को भारत में एयर कंडीशनर और एलईडी लाइट उद्योग के लिए एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र बनाने और देश को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक अभिन्न अंग बनाने के लिए डिजाइन किया गया है. योजना के तहत केवल एसी और एलईडी लाइट के कलपुर्जों के निर्माण को प्रोत्साहित किया जाएगा.
इस योजना से अगले पांच वर्षों में लगभग 2 लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है और घरेलू मूल्यवर्धन तैयार उत्पाद के मूल्य के वर्तमान 15-20% से बढ़कर 75-80% होने की उम्मीद है.