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एक साल के भीतर हटाए जाएंगे सभी टोल बूथ, लगेंगे जीपीएस आधारित टोल संग्रह : गडकरी

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Published : Mar 18, 2021, 1:05 PM IST

Updated : Mar 18, 2021, 4:02 PM IST

सड़क परिहवन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि एक वर्ष के भीतर देश के सभी भौतिक टोल बूथ हटा दिए जाएंगे.

एक साल के भीतर हटाए जाएंगे सभी टोल बूथ, लगेंगे जीपीएस आधारित टोल संग्रह : गडकरी
एक साल के भीतर हटाए जाएंगे सभी टोल बूथ, लगेंगे जीपीएस आधारित टोल संग्रह : गडकरी

नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिहवन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि एक साल के भीतर भारत में पूर्ण रूप से जीपीएस आधारित टोल संग्रह बनाकर देश को टोल बूथों से मुक्त किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि वर्तमान 93 प्रतिशत वाहन फस्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान करते हैं, लेकिन शेष 7 प्रतिशत ने दोहरे टोल का भुगतान करने के बावजूद इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.

केंद्रीय सड़क परिहवन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी

प्रश्नकाल के दौरान लोकसभागडकरी ने कहा, 'मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक वर्ष के भीतर देश के सभी भौतिक टोल बूथ हटा दिए जाएंगे. इसका मतलब है कि टोल संग्रह जीपीएस के माध्यम से होगा. धनराशि जीपीएस इमेजिंग (वाहनों पर) के आधार पर एकत्र की जाएगी.'

मंत्री ने कहा कि उन्होंने उन वाहनों के लिए पुलिस जांच का निर्देश दिया है जो फास्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान नहीं करते हैं. अगर वाहनों में फास्टैग फिट नहीं हैं तो टोल चोरी और जीएसटी चोरी के मामले सामने आते हैं.

फास्टैग टोल प्लाज़ा पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है. इसे 2016 में पेश किया गया था.

ये भी पढ़ें : फडणवीस बोले- मेरे कार्यकाल में उद्धव ने वाजे को बहाल करने का बनाया था दबाव

नई दिल्ली : केंद्रीय सड़क परिहवन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को कहा कि एक साल के भीतर भारत में पूर्ण रूप से जीपीएस आधारित टोल संग्रह बनाकर देश को टोल बूथों से मुक्त किया जाएगा.

उन्होंने बताया कि वर्तमान 93 प्रतिशत वाहन फस्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान करते हैं, लेकिन शेष 7 प्रतिशत ने दोहरे टोल का भुगतान करने के बावजूद इसका इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.

केंद्रीय सड़क परिहवन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी

प्रश्नकाल के दौरान लोकसभागडकरी ने कहा, 'मैं सदन को आश्वस्त करना चाहता हूं कि एक वर्ष के भीतर देश के सभी भौतिक टोल बूथ हटा दिए जाएंगे. इसका मतलब है कि टोल संग्रह जीपीएस के माध्यम से होगा. धनराशि जीपीएस इमेजिंग (वाहनों पर) के आधार पर एकत्र की जाएगी.'

मंत्री ने कहा कि उन्होंने उन वाहनों के लिए पुलिस जांच का निर्देश दिया है जो फास्टैग का उपयोग कर टोल का भुगतान नहीं करते हैं. अगर वाहनों में फास्टैग फिट नहीं हैं तो टोल चोरी और जीएसटी चोरी के मामले सामने आते हैं.

फास्टैग टोल प्लाज़ा पर शुल्क के इलेक्ट्रॉनिक भुगतान की सुविधा प्रदान करता है. इसे 2016 में पेश किया गया था.

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Last Updated : Mar 18, 2021, 4:02 PM IST
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