ETV Bharat / bharat

पैरा एथलीटों से PM मोदी ने कहा, पदक का दबाव लिए बिना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कीजिए - टोक्यो पैरालंपिक

प्रधानमंत्री मोदी ने टोक्यो पैरा ओलंपिक खेल 2020 में भाग लेने जा रहे एथलीटों से वीडियो कांफ्रेंस के जरिए बातचीत की. उनका मनोबल बढ़ाया. 24 अगस्त से 5 सितंबर, 2021 तक आयोजित होने वाले टोक्यो पैरालंपिक में लगभग 4,400 खिलाड़ी भाग लेंगे.

टोक्यो पैरा ओलंपिक में भाग लेने जा रहे एथलीटों से पीएम मोदी की बातचीत
टोक्यो पैरा ओलंपिक में भाग लेने जा रहे एथलीटों से पीएम मोदी की बातचीत
author img

By

Published : Aug 17, 2021, 11:30 AM IST

Updated : Aug 17, 2021, 2:57 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) ने टोक्यो पैरालम्पिक जा रहे भारतीय पैरा एथलीटों को 'असली जिंदगी का चैम्पियन' बताते हुए कहा कि उन्हें कोई मानसिक बोझ लिए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है क्योंकि नई सोच का भारत खिलाड़ियों पर पदक के लिए दबाव नहीं बनाता.

टोक्यो ओलंपिक से पहले भारतीय दल से बात करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अगस्त से शुरू हो रहे पैरालम्पिक से पहले भारत के पैरा एथलीटों से मंगलवार को करीब डेढ घंटा संवाद किया. उन्होंने दिव्यांग खिलाड़ियों के जीवन में आई चुनौतियों के बारे में पूछा, उनके परिवार के योगदान को सराहा और टोक्यो में अच्छे प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों पर से दबाव कम करने की कोशिश भी की.

प्रधानमंत्री ने वर्चुअल बातचीत में कहा , 'आप असली चैम्पियन हैं. आपने जिंदगी के खेल में संकटों को हराया है और कोरोना महामारी से बढ़ी परेशानियों में भी अभ्यास नहीं रुकने दिया. 'यस वी विल डू इट, वी कैन डू इट' को आपने चरितार्थ करके दिखाया. एक खिलाड़ी के रूप में पदक अहम है लेकिन नई सोच का भारत अपने खिलाड़ियों पर पदक के लिए दबाव नहीं बनाता.'

उन्होंने कहा , 'आप बिना किसी मानसिक बोझ के, सामने कितना मजबूत खिलाड़ी है उसकी चिंता किए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कीजिए. तिरंगा लेकर आप टोक्यो में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे तो पदक ही नहीं जीतेंगे बल्कि नए भारत के संकल्पों को नई ऊर्जा भी देंगे. मुझे यकीन है कि आपका जोश और हौसला टोक्यो में नए कीर्तिमान गढ़ेगा.'

पीएम ने अपना उदाहरण दिया

उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा, 'जब मैं नया नया प्रधानमंत्री बना और दुनिया भर के नेताओं से मिलता था जिनका रुतबा बड़ा है और कद भी बड़ा है मेरी पृष्ठभूमि भी आपकी ही तरह थी और देश में भी लोगों को शंका रहती थी कि मैं कैसे काम करूंगा. मैं जब दुनिया के नेताओं से हाथ मिलाता तो यह नहीं सोचता था कि नरेंद्र मोदी हाथ मिला रहा है. मैं सोचता था कि मेरे पीछे मेरे सौ करोड़ देशवासी हैं और मुझे आत्मविश्वास की कमी कभी महसूस नहीं होती थी.'

उन्होंने कहा कि ओलंपिक में भी कुछ खिलाड़ी जीते और कुछ नहीं जीत सके लेकिन देश मजबूती से सभी के साथ खड़ा रहा. उन्होंने कहा, 'आप लोगों का आत्मबल और कुछ हासिल करने की इच्छाशक्ति असीम है और इसी की बदौलत भारत का सबसे बड़ा दल पैरालम्पिक में जा रहा है.' भारत का 54 सदस्यीय दल तोक्यो पैरालम्पिक में भाग लेगा जो अब तक का सबसे बड़ा दल है.

खिलाड़ियों से खुलकर की बात

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भालाफेंक खिलाड़ी देवेंद्र झझारिया की बेटी से पूछा कि वह स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने अभी तक गई हैं या नहीं, वहीं रियो पैरालम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलु की मां का तमिल में अभिवादन करते हुए पूछा कि उनके बेटे को खाने में क्या पसंद है. उन्होंने पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पारुल से गुजराती में बात की तो पावरलिफ्टर सकीना खातून से बंगाली में.

तीरंदाज ज्योति बालियान से उन्होंने कहा , 'पिता के निधन के बाद आपने अपने खेल को और घर को भी संभाला. आप अच्छी खिलाड़ी होने के साथ अच्छी बेटी और बहन भी हैं और आपके बारे में जानने के बाद देश के हर व्यक्ति के विचारों में ज्योति का प्रकाश आएगा.'

उन्होंने 2009 में एक दुर्घटना में अपना पैर गंवा बैठे कटरा के पैरा तीरंदाज राकेश कुमार से पूछा कि जीवन की बाधाओं ने कैसे उन्हें बेहतर खिलाड़ी के रूप में उभरने में मदद की. उन्होंने कहा, 'जीवन में कितने भी संघर्ष हों लेकिन जीवन बहुमूल्य हैं. आप देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं और जमकर खेलिए परिवार और देश का नाम रोशन कीजिए.'

एथेंस में 2004 और रियो में 2016 में भालाफेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले विश्व रिकार्डधारी झझारिया से उन्होंने पूछा कि इतने बड़े अंतराल के बावजूद उम्र को झुकाते हुए पदक कैसे जीते. उन्होंने झझारिया की पत्नी और पूर्व कबड्डी खिलाड़ी मंजू से पूछा कि वह अब खेलती है या बंद कर दिया. वहीं बेटी जिया से कहा , 'टोक्यो खेलों के बाद आप पूरे परिवार के साथ स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने जाना.'

रियो में ऊंचीकूद में स्वर्ण जीतने वाले थंगावेलु से उन्होंने कहा , 'वणक्कम. आपने हिन्दी बोलना सीख लिया. सिनेमा जगत में जैसे एक्टर बाद में डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी बन जाते हैं, आप भी खिलाड़ी और कोच दोनों हो और सुना है कि आप पर बायोपिक भी बन रही है.' उन्होंने आगे कहा, 'आप विजयी होकर आएंगे तो आप सभी लोगों से मैं मिलूंगा और आपके अनुभव जानूंगा.'

पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पलक कोहली से उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान परिवार से दूर रहने, बीमारी से उबरकर वापसी करने और कोच गौरव खन्ना के उनके कैरियर में योगदान के बारे में पूछा. वहीं पलक की जोड़ीदार गुजरात की 48 वर्ष की पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पारुल परमार से पूछा कि उम्र के अंतर के बावजूद उनकी जोड़ी सुपर हिट कैसे है.

पैरा केनोइंग में पैरालम्पिक खेल रही भारत की पहली खिलाड़ी प्राची यादव से उन्होंने पूछा कि रोल मॉडल के रूप में उन्हें कैसा लगता है. वहीं, पावरलिफ्टर सकीना से कहा कि बड़े लक्ष्य रखने वाले छोटे शहरों की और गरीब परिवारों की लड़कियों को वे क्या संदेश देंगी.

बारूदी सुरंग विस्फोट में पैर गंवाने वाले शॉटपुट खिलाड़ी सेना के सोमन राणा से उन्होंने कहा, 'आप इस बात का उदाहरण हैं कि भारतीय सेना का किसी के जीवन पर क्या असर होता है. आप फाइटर भी हैं और विनर भी.'

पढ़ें- PM Modi गुजरात में करेंगे इन परियोजनाओं का उद्घाटन

(एजेंसी इनपुट के साथ)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (pm modi) ने टोक्यो पैरालम्पिक जा रहे भारतीय पैरा एथलीटों को 'असली जिंदगी का चैम्पियन' बताते हुए कहा कि उन्हें कोई मानसिक बोझ लिए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना है क्योंकि नई सोच का भारत खिलाड़ियों पर पदक के लिए दबाव नहीं बनाता.

टोक्यो ओलंपिक से पहले भारतीय दल से बात करने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने 24 अगस्त से शुरू हो रहे पैरालम्पिक से पहले भारत के पैरा एथलीटों से मंगलवार को करीब डेढ घंटा संवाद किया. उन्होंने दिव्यांग खिलाड़ियों के जीवन में आई चुनौतियों के बारे में पूछा, उनके परिवार के योगदान को सराहा और टोक्यो में अच्छे प्रदर्शन के लिए खिलाड़ियों पर से दबाव कम करने की कोशिश भी की.

प्रधानमंत्री ने वर्चुअल बातचीत में कहा , 'आप असली चैम्पियन हैं. आपने जिंदगी के खेल में संकटों को हराया है और कोरोना महामारी से बढ़ी परेशानियों में भी अभ्यास नहीं रुकने दिया. 'यस वी विल डू इट, वी कैन डू इट' को आपने चरितार्थ करके दिखाया. एक खिलाड़ी के रूप में पदक अहम है लेकिन नई सोच का भारत अपने खिलाड़ियों पर पदक के लिए दबाव नहीं बनाता.'

उन्होंने कहा , 'आप बिना किसी मानसिक बोझ के, सामने कितना मजबूत खिलाड़ी है उसकी चिंता किए बिना अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कीजिए. तिरंगा लेकर आप टोक्यो में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगे तो पदक ही नहीं जीतेंगे बल्कि नए भारत के संकल्पों को नई ऊर्जा भी देंगे. मुझे यकीन है कि आपका जोश और हौसला टोक्यो में नए कीर्तिमान गढ़ेगा.'

पीएम ने अपना उदाहरण दिया

उन्होंने अपना उदाहरण देते हुए कहा, 'जब मैं नया नया प्रधानमंत्री बना और दुनिया भर के नेताओं से मिलता था जिनका रुतबा बड़ा है और कद भी बड़ा है मेरी पृष्ठभूमि भी आपकी ही तरह थी और देश में भी लोगों को शंका रहती थी कि मैं कैसे काम करूंगा. मैं जब दुनिया के नेताओं से हाथ मिलाता तो यह नहीं सोचता था कि नरेंद्र मोदी हाथ मिला रहा है. मैं सोचता था कि मेरे पीछे मेरे सौ करोड़ देशवासी हैं और मुझे आत्मविश्वास की कमी कभी महसूस नहीं होती थी.'

उन्होंने कहा कि ओलंपिक में भी कुछ खिलाड़ी जीते और कुछ नहीं जीत सके लेकिन देश मजबूती से सभी के साथ खड़ा रहा. उन्होंने कहा, 'आप लोगों का आत्मबल और कुछ हासिल करने की इच्छाशक्ति असीम है और इसी की बदौलत भारत का सबसे बड़ा दल पैरालम्पिक में जा रहा है.' भारत का 54 सदस्यीय दल तोक्यो पैरालम्पिक में भाग लेगा जो अब तक का सबसे बड़ा दल है.

खिलाड़ियों से खुलकर की बात

प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर दो बार के ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भालाफेंक खिलाड़ी देवेंद्र झझारिया की बेटी से पूछा कि वह स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने अभी तक गई हैं या नहीं, वहीं रियो पैरालम्पिक के स्वर्ण पदक विजेता मरियप्पन थंगावेलु की मां का तमिल में अभिवादन करते हुए पूछा कि उनके बेटे को खाने में क्या पसंद है. उन्होंने पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पारुल से गुजराती में बात की तो पावरलिफ्टर सकीना खातून से बंगाली में.

तीरंदाज ज्योति बालियान से उन्होंने कहा , 'पिता के निधन के बाद आपने अपने खेल को और घर को भी संभाला. आप अच्छी खिलाड़ी होने के साथ अच्छी बेटी और बहन भी हैं और आपके बारे में जानने के बाद देश के हर व्यक्ति के विचारों में ज्योति का प्रकाश आएगा.'

उन्होंने 2009 में एक दुर्घटना में अपना पैर गंवा बैठे कटरा के पैरा तीरंदाज राकेश कुमार से पूछा कि जीवन की बाधाओं ने कैसे उन्हें बेहतर खिलाड़ी के रूप में उभरने में मदद की. उन्होंने कहा, 'जीवन में कितने भी संघर्ष हों लेकिन जीवन बहुमूल्य हैं. आप देश का प्रतिनिधित्व करने जा रहे हैं और जमकर खेलिए परिवार और देश का नाम रोशन कीजिए.'

एथेंस में 2004 और रियो में 2016 में भालाफेंक में स्वर्ण पदक जीतने वाले विश्व रिकार्डधारी झझारिया से उन्होंने पूछा कि इतने बड़े अंतराल के बावजूद उम्र को झुकाते हुए पदक कैसे जीते. उन्होंने झझारिया की पत्नी और पूर्व कबड्डी खिलाड़ी मंजू से पूछा कि वह अब खेलती है या बंद कर दिया. वहीं बेटी जिया से कहा , 'टोक्यो खेलों के बाद आप पूरे परिवार के साथ स्टेच्यू ऑफ यूनिटी देखने जाना.'

रियो में ऊंचीकूद में स्वर्ण जीतने वाले थंगावेलु से उन्होंने कहा , 'वणक्कम. आपने हिन्दी बोलना सीख लिया. सिनेमा जगत में जैसे एक्टर बाद में डायरेक्टर और प्रोड्यूसर भी बन जाते हैं, आप भी खिलाड़ी और कोच दोनों हो और सुना है कि आप पर बायोपिक भी बन रही है.' उन्होंने आगे कहा, 'आप विजयी होकर आएंगे तो आप सभी लोगों से मैं मिलूंगा और आपके अनुभव जानूंगा.'

पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पलक कोहली से उन्होंने कोरोना महामारी के दौरान परिवार से दूर रहने, बीमारी से उबरकर वापसी करने और कोच गौरव खन्ना के उनके कैरियर में योगदान के बारे में पूछा. वहीं पलक की जोड़ीदार गुजरात की 48 वर्ष की पैरा बैडमिंटन खिलाड़ी पारुल परमार से पूछा कि उम्र के अंतर के बावजूद उनकी जोड़ी सुपर हिट कैसे है.

पैरा केनोइंग में पैरालम्पिक खेल रही भारत की पहली खिलाड़ी प्राची यादव से उन्होंने पूछा कि रोल मॉडल के रूप में उन्हें कैसा लगता है. वहीं, पावरलिफ्टर सकीना से कहा कि बड़े लक्ष्य रखने वाले छोटे शहरों की और गरीब परिवारों की लड़कियों को वे क्या संदेश देंगी.

बारूदी सुरंग विस्फोट में पैर गंवाने वाले शॉटपुट खिलाड़ी सेना के सोमन राणा से उन्होंने कहा, 'आप इस बात का उदाहरण हैं कि भारतीय सेना का किसी के जीवन पर क्या असर होता है. आप फाइटर भी हैं और विनर भी.'

पढ़ें- PM Modi गुजरात में करेंगे इन परियोजनाओं का उद्घाटन

(एजेंसी इनपुट के साथ)

Last Updated : Aug 17, 2021, 2:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.