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Waris Punj-Aab De: दीप सिद्धू की लोकप्रियता का फायदा उठाने के लिए अमृतपाल ने बनाई 'वारिस पंज-आब दे'

अलगाववादी अमृतपाल सिंह ने वारिस पंजाब दे की लोकप्रियता को भुनाने के लिए वारिस पंज-आब दे का गठन किया, जो पहले से ही दीप सिद्धू के भाई द्वारा संचालित एक संगठन है. यह खुलासा अमृतपाल के करीबी गुरमीत सिंह बुक्कनवाला ने किया है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Mar 27, 2023, 5:27 PM IST

चंडीगढ़: अलगाववादी अमृतपाल सिंह ने 'वारिस पंजाब दे' की लोकप्रियता को भुनाने के लिए 'वारिस पंज-आब दे' का गठन किया है, जो पहले से दिवंगत अभिनेता दीप सिद्धू के भाई द्वारा संचालित संगठन है. यह जानकारी अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों से मिली है. दस्तावेज़ के अनुसार, 'वारिस पंजाब दे' संगठन पर कब्जा करने में विफल रहने के बाद, खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने 'वारिस पंज-आब दे' नाम से एक और संगठन बनाया.

इस संस्था का गठन जुलाई 2022 को किया गया था. 'सर्व शिक्षा अभियान', प्रदूषण से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने, नशे के आदी युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों की मदद करने के उद्देश्य से इस संस्था का गठन किया गया था. इसने पदाधिकारियों की भूमिका और चुनाव सहित अन्य सख्त नियम निर्धारित किए. मनदीप ने कहा कि इस संस्था का मकसद उनके दिवंगत भाई का सपना पूरा करना है, जो पंजाब के लोगों की सेवा करना चाहते थे.

अगस्त 2022 में जब अमृतपाल विदेश से लौटे और 'वारिस पंजाब दे' के कागजात मांगे तो मनदीप ने उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया. सिद्धू परिवार ने विचारधारा में अमृतपाल को दीप के उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि अभिनेता ने फरवरी 2022 में दुखद सड़क दुर्घटना से पहले अमृतपाल का फोन नंबर ब्लॉक कर दिया था. अचानक, 'वारिस पंज-आब दे' नामक एक नया संगठन सामने आया, जिसके साथ दीप सिद्धू का आधिकारिक फेसबुक पेज जुड़ा हुआ था. यह 15 दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था, जोकि मोगा जिले में पंजीकृत किया गया था.

फेसबुक पेज के फॉलोअर्स की संख्या में वृद्धि हुई, जिससे उन लोगों में भ्रम पैदा हो गया, जो मानते थे कि अमृतपाल ने दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए संगठन को अपने कब्जे में ले लिया है. अमृतपाल के खिलाफ चल रही कार्यवाही के दौरान सामने आए कुछ दस्तावेजों से पता चलता है कि 'वारिस पंज-आब दे' की स्थापना अतीत में हुई होगी. संगठन का पंजीकृत पता मोगा जिले के दुनेके गांव में अमृतपाल के करीबी सहयोगी गुरमीत सिंह बुक्कनवाला के स्वामित्व वाला गुरु नानक फर्नीचर स्टोर था. अमृतपाल के खिलाफ चल रही कार्यवाही के दौरान गुरमीत को गिरफ्तार कर असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया है. पूछताछ के दौरान, गुरमीत ने दावा किया है कि संगठन बहुत बाद में स्थापित किया गया था और कुछ संपर्कों का उपयोग इसे पहले की तारीख में पंजीकृत करने के लिए किया गया था.

यह भी पढ़ें: Bilkis Bano Rape Case: गुजरात सरकार के कार्यक्रम में बीजेपी सांसद व विधायक के साथ नजर आया दोषी शैलेश चिमनलाल भट्ट

चंडीगढ़: अलगाववादी अमृतपाल सिंह ने 'वारिस पंजाब दे' की लोकप्रियता को भुनाने के लिए 'वारिस पंज-आब दे' का गठन किया है, जो पहले से दिवंगत अभिनेता दीप सिद्धू के भाई द्वारा संचालित संगठन है. यह जानकारी अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई करते हुए पंजाब पुलिस द्वारा जब्त किए गए दस्तावेजों से मिली है. दस्तावेज़ के अनुसार, 'वारिस पंजाब दे' संगठन पर कब्जा करने में विफल रहने के बाद, खालिस्तान समर्थक अमृतपाल ने 'वारिस पंज-आब दे' नाम से एक और संगठन बनाया.

इस संस्था का गठन जुलाई 2022 को किया गया था. 'सर्व शिक्षा अभियान', प्रदूषण से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता फैलाने, नशे के आदी युवाओं को खेलों की ओर आकर्षित करने और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान लोगों की मदद करने के उद्देश्य से इस संस्था का गठन किया गया था. इसने पदाधिकारियों की भूमिका और चुनाव सहित अन्य सख्त नियम निर्धारित किए. मनदीप ने कहा कि इस संस्था का मकसद उनके दिवंगत भाई का सपना पूरा करना है, जो पंजाब के लोगों की सेवा करना चाहते थे.

अगस्त 2022 में जब अमृतपाल विदेश से लौटे और 'वारिस पंजाब दे' के कागजात मांगे तो मनदीप ने उन्हें सौंपने से इनकार कर दिया. सिद्धू परिवार ने विचारधारा में अमृतपाल को दीप के उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार करने से इनकार कर दिया और कहा कि अभिनेता ने फरवरी 2022 में दुखद सड़क दुर्घटना से पहले अमृतपाल का फोन नंबर ब्लॉक कर दिया था. अचानक, 'वारिस पंज-आब दे' नामक एक नया संगठन सामने आया, जिसके साथ दीप सिद्धू का आधिकारिक फेसबुक पेज जुड़ा हुआ था. यह 15 दिसंबर, 2021 को लॉन्च किया गया था, जोकि मोगा जिले में पंजीकृत किया गया था.

फेसबुक पेज के फॉलोअर्स की संख्या में वृद्धि हुई, जिससे उन लोगों में भ्रम पैदा हो गया, जो मानते थे कि अमृतपाल ने दीप सिद्धू द्वारा बनाए गए संगठन को अपने कब्जे में ले लिया है. अमृतपाल के खिलाफ चल रही कार्यवाही के दौरान सामने आए कुछ दस्तावेजों से पता चलता है कि 'वारिस पंज-आब दे' की स्थापना अतीत में हुई होगी. संगठन का पंजीकृत पता मोगा जिले के दुनेके गांव में अमृतपाल के करीबी सहयोगी गुरमीत सिंह बुक्कनवाला के स्वामित्व वाला गुरु नानक फर्नीचर स्टोर था. अमृतपाल के खिलाफ चल रही कार्यवाही के दौरान गुरमीत को गिरफ्तार कर असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल भेज दिया गया है. पूछताछ के दौरान, गुरमीत ने दावा किया है कि संगठन बहुत बाद में स्थापित किया गया था और कुछ संपर्कों का उपयोग इसे पहले की तारीख में पंजीकृत करने के लिए किया गया था.

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