चेन्नई : तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सोमवार (11 दिसंबर) को जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 की धारा 33 ए के तहत चेन्नई पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीपीसीएल) को कुछ निर्देश जारी किए. जलवायु परिवर्तन और वन विभाग और तमिलनाडु सरकार ने एन्नोर क्रीक क्षेत्र में हाल ही में हुए तेल रिसाव के कारण का पता लगाने के लिए एक तकनीकी टीम का गठन किया था.
टीम ने कल सीपीसीएल और अन्य संबंधित उद्योगों के परिसर का निरीक्षण किया. इसके बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की जिसमें यह निष्कर्ष निकाला गया कि चक्रवात मिचौंग के कारण आई बाढ़ के बाद सीपीसीएल के परिसर से एन्नोर क्रीक तक बकिंघम नहर में तेल रिसाव हुआ है. टीम ने सीपीसीएल परिसर में अपर्याप्त तूफान जल प्रबंधन के मुद्दों को भी नोट किया है.
टीएनपीसीबी द्वारा सीपीसीएल को निम्नलिखित निर्देश जारी किए गए हैं-
1. सीपीसीएल बकिंघम नहर, एन्नोर क्रीक और आसपास के क्षेत्र में हॉटस्पॉट की पहचान करेगा जहां तेल जमा हो गया है और युद्ध स्तर पर आवश्यक उपचारात्मक उपाय करेगा.
2. सीपीसीएल और इसकी माध्यमिक इकाइयां और टर्मिनल यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी पाइपलाइनें (कच्चा माल और उत्पाद) और टैंक बिना किसी रिसाव के बरकरार हैं. यदि सीपीसीएल को जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के प्रावधानों के तहत उद्योगों के लिए निर्धारित मानदंडों के खिलाफ तेल युक्त पानी या प्रदूषित पानी का निर्वहन करते पाया जाता है, तो उनका संचालन निलंबित किया जा सकता है.
3. सीपीसीएल जल (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1974 के तहत मौजूदा प्रावधानों के उल्लंघन में होने वाले किसी भी नुकसान के लिए पर्यावरणीय मुआवजे का भुगतान करने के लिए भी उत्तरदायी होगा.
4. सीपीसीएल तेल रिसाव के कारण आजीविका के नुकसान सहित प्रतिकूल रूप से प्रभावित परिवारों को मुआवजा देने के लिए भी उत्तरदायी होगा.
5. सीपीसीएल एक प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान की मदद से रिसाव का पता लगाने और मरम्मत अध्ययन (एलडीएआर) करेगा और उसे तुरंत बोर्ड को पेश करेगा.
6. सीपीसीएल तेल प्रसार क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक प्रतिष्ठित तकनीकी संस्थान के साथ एक व्यापक मानचित्रण अध्ययन करेगा और तुरंत कार्य योजना के साथ रिपोर्ट बोर्ड को प्रस्तुत करेगा.
7. सीपीसीएल को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो.
इससे पहले 4 दिसंबर, 2023 को चेन्नई, चेंगलपट्टू, तिरुवल्लूर और कांचीपुरम जिलों में भारी बारिश हुई थी. इस मामले में कई क्षेत्रों में जलभराव की समस्या देखी गई. ऐसे में एन्नोर क्षेत्र के आसपास बाढ़ का पानी खराब पड़े कच्चे तेल के साथ मिल गया. इस मामले से जुड़े वीडियो और खबरें न्यूज मीडिया और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर फैल रही हैं. इसके बाद नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल दक्षिणी क्षेत्र ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया. ऐसे में कल रात चक्रवाती तूफान मिचौंग की स्थिति का मौका-मुआयना करने के लिए दिल्ली से केंद्रीय टीम के सदस्य पहुंचे. उन्होंने प्रभावित 4 जिलों के क्षेत्रों का निरीक्षण किया.