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श्रीलंका में टीएनए के प्रतिनिधिमंडल ने भारत के उच्चायुक्त बागले से की मुलाकात - टीएनए का प्रतिनिधिमंडल

श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त (Indian High Commissioner to Sri Lanka) गोपाल बागले (Gopal Baglay) से आज टीएन के पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की. इस दौरान उच्चायुक्त ने श्रीलंका में कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में पुनर्वास और विकास में भारत के समर्थन को दोहराया. पढ़िए वरिष्ठ संवाददात चन्द्रकला की रिपोर्ट...

श्रीलंका में टीएनए
श्रीलंका में टीएनए
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Published : Jun 17, 2021, 5:54 PM IST

नई दिल्ली: सांसद आर सम्पंथन के नेतृत्व में 5 सदस्यीय तमिल नेशनल एलायंस (TNA) के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त (Indian High Commissioner to Sri Lanka) गोपाल बागले (Gopal Baglay) से मुलाकात की.

इंडिया हाउस में हुई बैठक में उत्तरी और पूर्वी प्रांतों सहित श्रीलंका में हस्तांतरण व विकास पर चर्चा हुई. इसको लेकर कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने भी ट्वीट किया है.

बैठक के दौरान इलंगई तमिल अरासु काची (ITAK) के नेता के अलावा मावई सेनाथिराजा (Maavai Senathirajah ) और टीएनए के सांसद धर्मलिंगम सिथादथन (Dharmalingam Sithadthan), सेल्वम आदिक्कलनाथन (Selvam Adaikkalanathan ) और एम.ए. सुमनथिरन (M.A. Sumanthiran) मौजूद थे. इस दौरान उच्चायुक्त की सहायता उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब और काउंसलर (राजनीतिक) बानो प्रकाश ने की.

इस दौरान उच्चायुक्त की सहायता उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब और काउंसलर (राजनीतिक) बानो प्रकाश ने की. बैठक में उच्चायुक्त गोपाल बागले ने श्रीलंका में सुलह के लिए भारत के लंबे समय से समर्थन पर जोर दिया, जो एक संयुक्त श्रीलंका में तमिल समुदाय की समानता, न्याय, शांति और गरिमा की आकांक्षाओं को संबोधित करता है. उन्होंने कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में पुनर्वास और विकास में भारत के समर्थन को दोहराया.

पढ़ें - माली में असुरक्षा बढ़ने के गंभीर परिणाम होंगे : संयुक्त राष्ट्र दूत

इससे पहले, इस साल जनवरी में श्रीलंका की अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा था कि भारत श्रीलंका की एकता, स्थिरता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा था कि श्रीलंका में सुलह प्रक्रिया के लिए हमारा समर्थन लंबे समय से है, वास्तव में एक समावेशी राजनीतिक दृष्टिकोण के लिए जो जातीय सद्भाव को प्रोत्साहित करता है. उन्होंने कहा कि यह श्रीलंका के हित में है कि एक संयुक्त श्रीलंका के भीतर समानता, न्याय, शांति और गरिमा के लिए तमिल लोगों की अपेक्षाएं पूर्ण होती हैं.

वहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात को दोहराया था कि यह श्रीलंका सरकार द्वारा संविधान में 13वें संशोधन सहित सार्थक हस्तांतरण पर की गई प्रतिबद्धताओं पर समान रूप से लागू होता है.

इसीक्रम में आज हुई बैठक के दौरान उत्तर और पूर्व के लोगों के हस्तांतरण और विकासात्मक आकांक्षाओं के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की गई.

टीएनए प्रतिनिधिमंडल ने उच्चायुक्त को प्रांतीय परिषद चुनावों के बारे में प्रगति से अवगत कराया जो श्रीलंका की राजनीति और संविधान का एक अभिन्न अंग है.
उच्चायुक्त ने 13ए के पूर्ण कार्यान्वयन के आधार पर एक संयुक्त श्रीलंका के ढांचे के भीतर हस्तांतरण के लिए भारत के समर्थन को दोहराया जो समानता, न्याय, शांति और सुलह के लिए तमिल आकांक्षाओं के अनुरूप होगा और श्रीलंका को मजबूत करेगा.

नई दिल्ली: सांसद आर सम्पंथन के नेतृत्व में 5 सदस्यीय तमिल नेशनल एलायंस (TNA) के प्रतिनिधिमंडल ने गुरुवार को श्रीलंका में भारत के उच्चायुक्त (Indian High Commissioner to Sri Lanka) गोपाल बागले (Gopal Baglay) से मुलाकात की.

इंडिया हाउस में हुई बैठक में उत्तरी और पूर्वी प्रांतों सहित श्रीलंका में हस्तांतरण व विकास पर चर्चा हुई. इसको लेकर कोलंबो में भारतीय उच्चायोग ने भी ट्वीट किया है.

बैठक के दौरान इलंगई तमिल अरासु काची (ITAK) के नेता के अलावा मावई सेनाथिराजा (Maavai Senathirajah ) और टीएनए के सांसद धर्मलिंगम सिथादथन (Dharmalingam Sithadthan), सेल्वम आदिक्कलनाथन (Selvam Adaikkalanathan ) और एम.ए. सुमनथिरन (M.A. Sumanthiran) मौजूद थे. इस दौरान उच्चायुक्त की सहायता उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब और काउंसलर (राजनीतिक) बानो प्रकाश ने की.

इस दौरान उच्चायुक्त की सहायता उप उच्चायुक्त विनोद के जैकब और काउंसलर (राजनीतिक) बानो प्रकाश ने की. बैठक में उच्चायुक्त गोपाल बागले ने श्रीलंका में सुलह के लिए भारत के लंबे समय से समर्थन पर जोर दिया, जो एक संयुक्त श्रीलंका में तमिल समुदाय की समानता, न्याय, शांति और गरिमा की आकांक्षाओं को संबोधित करता है. उन्होंने कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे क्षेत्रों में पुनर्वास और विकास में भारत के समर्थन को दोहराया.

पढ़ें - माली में असुरक्षा बढ़ने के गंभीर परिणाम होंगे : संयुक्त राष्ट्र दूत

इससे पहले, इस साल जनवरी में श्रीलंका की अपनी यात्रा के दौरान विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने कहा था कि भारत श्रीलंका की एकता, स्थिरता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए दृढ़ता से प्रतिबद्ध है.

उन्होंने कहा था कि श्रीलंका में सुलह प्रक्रिया के लिए हमारा समर्थन लंबे समय से है, वास्तव में एक समावेशी राजनीतिक दृष्टिकोण के लिए जो जातीय सद्भाव को प्रोत्साहित करता है. उन्होंने कहा कि यह श्रीलंका के हित में है कि एक संयुक्त श्रीलंका के भीतर समानता, न्याय, शांति और गरिमा के लिए तमिल लोगों की अपेक्षाएं पूर्ण होती हैं.

वहीं विदेश मंत्री जयशंकर ने इस बात को दोहराया था कि यह श्रीलंका सरकार द्वारा संविधान में 13वें संशोधन सहित सार्थक हस्तांतरण पर की गई प्रतिबद्धताओं पर समान रूप से लागू होता है.

इसीक्रम में आज हुई बैठक के दौरान उत्तर और पूर्व के लोगों के हस्तांतरण और विकासात्मक आकांक्षाओं के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा की गई.

टीएनए प्रतिनिधिमंडल ने उच्चायुक्त को प्रांतीय परिषद चुनावों के बारे में प्रगति से अवगत कराया जो श्रीलंका की राजनीति और संविधान का एक अभिन्न अंग है.
उच्चायुक्त ने 13ए के पूर्ण कार्यान्वयन के आधार पर एक संयुक्त श्रीलंका के ढांचे के भीतर हस्तांतरण के लिए भारत के समर्थन को दोहराया जो समानता, न्याय, शांति और सुलह के लिए तमिल आकांक्षाओं के अनुरूप होगा और श्रीलंका को मजबूत करेगा.

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