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टीएमसी उप-राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी - टीएमसी उप राष्ट्रपति का चुनाव

टीएमसी उप-राष्ट्रपति के चुनाव में हिस्सा नहीं लेगी. पार्टी ने कहा कि क्योंकि विपक्षी दलों ने आपस में मिलकर अपने उम्मीदवार का नाम तय कर लिया और इस प्रक्रिया में उनसे सलाह-मशविरा नहीं किया गया, इसलिए वह उनके साथ शामिल नहीं होंगी.

mamata
ममता बनर्जी
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Published : Jul 21, 2022, 10:58 PM IST

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि संसद के दोनों सदनों में उसके सांसद 6 अगस्त को होने वाले भारत के अगले उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे. यह फैसला गुरुवार दोपहर पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें तृणमूल के 35 में से 33 सांसदों ने भाग लिया.

तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि प्रत्येक सदस्य को मुख्यमंत्री के सामने अपने विचार रखने का मौका दिया गया. इसके बाद बैठक में मौजूद 85 प्रतिशत सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने के पक्ष में आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि जहां राजग प्रत्याशी जगदीप धनखड़ को समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता है, तृणमूल को विपक्षी दलों द्वारा तृणमूल नेतृत्व या ममता बनर्जी से परामर्श किए बिना मार्गरेट अल्वा की उम्मीदवारी की घोषणा करने पर कड़ी आपत्ति है.

उन्होंने कहा कि विपक्षी उम्मीदवार के रूप में कुछ संभावित नामों पर हमारे साथ चर्चा चल रही थी. लेकिन जिस तरह से अचानक एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर कुछ विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई, जिसके बाद मार्गरेट अल्वा के नाम की घोषणा की गई, हम हैरान थे. अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मार्गरेट अल्वा के खिलाफ हमारे पास कुछ भी नहीं है. ममता बनर्जी के उनके साथ अच्छे संबंध हैं. लेकिन मुद्दा यह है कि उनके नाम की घोषणा तृणमूल नेतृत्व से सलाह के बिना की गई थी.

यह पूछे जाने पर कि क्या तृणमूल के फैसले से देश में भाजपा विरोधी विपक्षी एकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, अभिषेक बनर्जी ने कहा कि विपक्षी एकता इतनी नाजुक नहीं है और यह राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान पर निर्भर नहीं करती है. उन्होंने कहा, 'हम इसलिए परहेज कर रहे हैं क्योंकि हमसे सलाह किए बिना विपक्षी उम्मीदवार के नाम की घोषणा का तरीका हमें पसंद नहीं आया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह घटनाक्रम बड़ी विपक्षी एकता को प्रभावित करेगा.'

ये भी पढ़ें : केंद्र सरकार सभी राज्य सरकारों को गिराने का प्रयास कर रही है : ममता बनर्जी

कोलकाता : तृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को कहा कि संसद के दोनों सदनों में उसके सांसद 6 अगस्त को होने वाले भारत के अगले उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहेंगे. यह फैसला गुरुवार दोपहर पार्टी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया, जिसमें तृणमूल के 35 में से 33 सांसदों ने भाग लिया.

तृणमूल के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कहा कि प्रत्येक सदस्य को मुख्यमंत्री के सामने अपने विचार रखने का मौका दिया गया. इसके बाद बैठक में मौजूद 85 प्रतिशत सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान से दूर रहने के पक्ष में आवाज उठाई. उन्होंने कहा कि जहां राजग प्रत्याशी जगदीप धनखड़ को समर्थन देने का सवाल ही नहीं उठता है, तृणमूल को विपक्षी दलों द्वारा तृणमूल नेतृत्व या ममता बनर्जी से परामर्श किए बिना मार्गरेट अल्वा की उम्मीदवारी की घोषणा करने पर कड़ी आपत्ति है.

उन्होंने कहा कि विपक्षी उम्मीदवार के रूप में कुछ संभावित नामों पर हमारे साथ चर्चा चल रही थी. लेकिन जिस तरह से अचानक एनसीपी प्रमुख शरद पवार के आवास पर कुछ विपक्षी दलों की बैठक बुलाई गई, जिसके बाद मार्गरेट अल्वा के नाम की घोषणा की गई, हम हैरान थे. अभिषेक बनर्जी ने कहा कि मार्गरेट अल्वा के खिलाफ हमारे पास कुछ भी नहीं है. ममता बनर्जी के उनके साथ अच्छे संबंध हैं. लेकिन मुद्दा यह है कि उनके नाम की घोषणा तृणमूल नेतृत्व से सलाह के बिना की गई थी.

यह पूछे जाने पर कि क्या तृणमूल के फैसले से देश में भाजपा विरोधी विपक्षी एकता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, अभिषेक बनर्जी ने कहा कि विपक्षी एकता इतनी नाजुक नहीं है और यह राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान पर निर्भर नहीं करती है. उन्होंने कहा, 'हम इसलिए परहेज कर रहे हैं क्योंकि हमसे सलाह किए बिना विपक्षी उम्मीदवार के नाम की घोषणा का तरीका हमें पसंद नहीं आया। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि यह घटनाक्रम बड़ी विपक्षी एकता को प्रभावित करेगा.'

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